भारत का जल युद्ध पाकिस्तान के लिए विनाशकारी ठहरेगा – पाकिस्तान के विश्लेषकों की चेतावनी

इस्लामाबाद – भारत को पाकिस्तान के विरोध में किसी भी शस्त्र की आवश्यकता नहीं है| पानी का उपयोग करके भारत पाकिस्तान को खत्म कर सकता है, ऐसा दावा पाकिस्तानी विश्लेषक कर रहे हैं| जम्मू कश्मीर में भारत निर्माण कर रहे बांध की वजह से पाकिस्तानी विश्लेषकों को यह डर सता रहा है| इसके विपरीत भारत-अफगानिस्तान में भी १२ नए जलविद्युत परियोजना निर्माण करने की तैयारी में है| इन परियोजनाओं की वजह से अफगानिस्तान से पाकिस्तान में आनेवाली नदियों का प्रवाह रोका जाएगा, ऐस आशंका की वजह से पाकिस्तानी विश्लेषक डर गए हैं|

केवल पीने के लिए ही नहीं, खेती, उद्योग तथा वित्त व्यवस्था के लिए पानी महत्वपूर्ण है| पर इस वास्तव को पाकिस्तान सरकार ने इससे पहले भी नजरअंदाज किया था और अभी भी पानी का मुद्दा पाकिस्तान गंभीरता से नहीं ले रहा ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है, ऐसी आलोचना युनिव्हर्सिटी ऑफ सेंट्रल पंजाब की प्राध्यापिका डॉ. तासिर सल्लाहुद्दीनने की है| भारत के जम्मू कश्मीर में झेलम तथा उसके पूरक नदियों पर निर्माण के किशनगंगा तथा रटालें जलविद्युत परियोजनाओं का मतलब ‘सिंधु पानी वितरण करार’ का स्पष्ट उल्लंघन है| पर पाकिस्तान सरकार अपने देश का पक्ष अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर सका है, इसकी वजह से पाकिस्तान यह प्रकल्प रोकने के लिए असमर्थ है| उसके गंभीर परिणाम पाकिस्तान को सहने होंगे ऐसी चेतावनी डेली टाइम्स में एक लेख में डॉ. सल्लाहुद्दीन ने दी है|

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भारत अपना शत्रु देश है| इसकी वजह से शत्रु देश से जो अपेक्षित है वही भारत ने किया है| एक शत्रु राष्ट्र के तौर पर पानी को रोककर और सुखाग्रस्त बनाकर भारत पाकिस्तान को तबाह करने की कोशिश क्यु ना करे?  सीधा युद्ध ना करते हुए शत्रु को ख़त्म करने का यह सबसे आसान रास्ता नहीं है क्या ? ऐसा सवाल डॉ. सल्लाहुद्दीन ने पूछा है| ‘इन्स्टिट्युशन्स ऑफ बिजनेस ऍडमिनिस्ट्रेशन’ से जुड़े हुए मोहम्मद अस्साद इलयास ने भी द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में अपने लेख में ऐसी आलोचना की है|

पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए भारत बांध बना रहा है| इसके विरोध में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ तथा अपने मित्र देशों से मदद मांगी थी| पर उनसे प्रतिक्रिया नहीं मिली है| अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमें मदद क्यों नहीं कर रहा? ऐसा सवाल इलयास ने पाकिस्तान की सरकार पूछते हुए दोषी होने का आरोप किया है| पाकिस्तानी माध्यमों ने अफगानिस्तान के साथ भारत के सहयोग की वजह से पाकिस्तान में जल संकट निर्माण होने का खतरा व्यक्त किया है| भारत ने पाकिस्तान को फ्रेंडशिप डैम (सालेम बांध) निर्माण करने दिया है|

इस पर १११७ मेगा वैट की जलविद्युत परियोजना है| इसके सिवा भारत अफगानिस्तान के साथ अधिक १२ जलविद्युत परियोजना निर्माण करने का विचार कर रहा है| काबुल नदी के साथ अन्य नदियों पर यह परियोजना निर्माण किया जायेगा| हिंदू कुश से निकलने वाली काबुल नदी अफगानिस्तान से पाकिस्तान में बहती है| पर इस जल विद्युत प्रकल्प की वजह से काबुल नदी के प्रवाह पर परिणाम होगा और अफगानिस्तान से सटा  पाकिस्तान का इलाका बंजर बनेगा, ऐसा डर पाकिस्तानी माध्यमों जताया है|

अफगानिस्तान से पाकिस्तान में आनेवाली नदियों की संख्या ९ है| उनमें काबुल नदी से ही १६.५ दशलक्ष एकरफीट पानी पाकिस्तान में आता है| यह प्रवाह भारत निर्माण कर रहे बांध की वजह से खतरे में आया है| तथा दूसरीतरफ में भारत जम्मू कश्मीर में चिनाब और झेलम इन नदियों पर प्रकल्प निर्माण कर रहा है| इसकी वजह से पाकिस्तान का पानी रोककर भारत पाकिस्तान के विरोध में नई रणभूमि तैयार कर रहा है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है|

दौरान भारत पाकिस्तान का पानी तोड़ रहा है ऐसा इल्जाम लगानेवाला  पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर इन आरोपों को साबित करने में पूरी तरह विफल हुआ है| इसकी वजह से इसके पीछे पाकिस्तान की सरकार की नजरअंदाजी होने की आलोचना इस देश से की जा रही है| फिर भी उसे वास्तव में उनका पक्ष कमजोर होकर और भारत का पक्ष सक्षम होने की वजह से भारत को न्याय मिल रहा ऐसा दिखाई दे रहा है| नदियोंं  मिलनेवाला पानी पाकिस्तान जाया कर रहा है| यह पानी रोकने की इच्छा एवं क्षमता पाकिस्तान के पास नहीं है| इसकी वजह से भारत के बांध पर पाकिस्तान द्वारा जताया जा रहा ऐतराज पाकिस्तान के भारत विरोधी कार्रवाईयों का भाग है| इसके पीछे दूसरा कोई भी कारण नहीं है ऐसा भारत का केहना है|

पाकिस्तान की कई समझदार विश्लेषकों ने तथा जिम्मेदार अधिकारियों ने यह बात मंजूर की थी| इस बारे में पाकिस्तान की भूमिका अडियल होने के बाद भी इन विश्लेषक तथा अधिकारियों ने नजर में लाई थी| पर पाकिस्तान के हिस्से में आनेवाला पानी हम फेंके अथवा इस्तेमाल करें इस पर भारत को आक्षेप लेने का अधिकार नहीं है ऐसी पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का कहना है| इसकी वजह से इस प्रश्न के बारे में पाकिस्तान बिल्कुल गंभीर ना होने की बात स्पष्ट होती है| पर भारत के विरोध के लिए यह मुद्दा पाकिस्तान से लगातार उपयोग में लाया जा रहा है|

२५ जुलाई के रोज पाकिस्तान में होनेवाले चुनाव के लिए प्रचार करते हुए आतंकवादी नेता हाफिज सईद ने अपनी सरकार सत्ता पर आने पर भारत को पाकिस्तान के हिस्से का पानी तोड़ने के लिए बांध निर्माण नहीं करने देंगे, ऐसी घोषणा की थी| इसकी वजह से पाकिस्तान के लिए यह पानी का मुद्दा ना होकर वह भारत विरोधी राजनीति का मुद्दा होता दिखाई दे रहा है|

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