पाकिस्तानी आतंकवादियों के ड़र से चीन ने सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा बढ़ाई

बीजिंग, दि. १२ : संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षापरिषद में भारत द्वारा, आतंकवादी ‘मसूद अझहर’ पर कार्रवाई करने के लिए दिया गया प्रस्ताव रोकनेवाले चीन का दोमुँहापन फिर से एकबार सामने आया है| पाकिस्तान से सटे अपने देश के झिंजियांग प्रांत की सीमारेखा की सुरक्षा चीन ने और मज़बूत की है| पाकिस्तानी आतंकवादी झिंजियांग में दाखिल ना हों, इसलिए चीन ये एहतियात बरत रहा है| एक तरफ़ पाकिस्तान की आतंकवादविरोधी कार्रवाई की तारीफ़ करनेवाले चीन ने अपनी इस कार्रवाई से, ‘पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है’ यह अप्रत्यक्ष रूप में मान लिया है|

सुरक्षा झिंजियांग प्रांत के, कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों ने, ‘एक भी आतंकवादी पड़ोसी देश से यहाँ पर नहीं आ सकता’ ऐसा घोषित किया| चीन का झिंजियांग प्रांत पाकिस्तान से सटा हुआ प्रांत है| ‘पाकिस्तान के आतंकवादी झिंजियांग प्रांत में दाखिल होते हैं और यहाँ पर हमलें करते हैं’ ऐसा इल्ज़ाम कुछ समय पहले चीन ने लगाया था| लेकिन अब इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए चीन के वरिष्ठ नेताओं ने यहाँ के सीमावर्ती इलाके की सुरक्षाव्यवस्था और कड़ी की है| यही नहीं, बल्कि ‘सीमावर्ती इलाके की कड़ी जाँच कर आतंकवादियों को यहाँ पर नहीं आने दिया जायेंगा’ ऐसी घोषणा कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने की है|

झिंजियांग प्रांत में हमले करनेवाले आतंकवादियों को विदेश में प्रशिक्षण देकर यहाँ पर भेजा जाता है, ऐसा इल्ज़ाम इन नेताओं ने लगाया है| हालाँकि सीधे तौर पर पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन चीन के वरिष्ठ नेता यहाँ पर पाकिस्तान का ही ज़िक्र कर रहे हैं, यह बात स्पष्ट हो रही है| इससे पहले कई बार यह बात साफ़ हुई थी| लेकिन अपने सामरिक उद्दिष्टों के लिए चीन को पाकिस्तान की ज़रूरत रहने के कारण चीन इस संदर्भ में पाकिस्तान पर सीधा इल्ज़ाम नहीं लगा रहा| लेकिन चीन ने झिंजियांग के सीमावर्ती इलाके में शुरू की कड़ी कार्रवाई, चीन को पाकिस्तान के आतंकवादियों से लग रही चिंता स्पष्ट कर रही है|

‘पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार बना है| इस देश ने अब तक आतंकवादविरोधी युद्ध में काफी बड़ा योगदान दिया है’ इस तरह की तारीफ़ चीन द्वारा बार बार की जाती है| साथ ही, ‘भारत पाकिस्तान को ‘आतंकवादी देश’ घोषित करने के लिए उत्सुक है| लेकिन चीन को यह कतई मंज़ूर नहीं है’ ऐसी चेतावनी चीन द्वारा लगातार दी जा रही है| ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना और पठाणकोट में भारतीय वायुसेना के बेस पर हुए हमले का रचयिता ‘मसूद अझहर’, इसपर सुरक्षा परिषद में कार्रवाई का प्रस्ताव चीन ने रोका था| ‘इसके पीछे पाकिस्तान को ‘आतंकवादी देश’ क़रार देने की साज़िश है’ ऐसा आरोप करते हुए भारत की सहायता करने के लिए चीन ने नकारा था| लेकिन आतंकवाद के सिलसिले में चीन का दोमुँहापन ‘झिंजियांग’ की इस कार्रवाई की वजह से सामने आ रहा है| सिर्फ़ अपने देश के आतंकवाद का विरोध करने तक ही चीन की आतंकवादी भूमिका सीमित है, ऐसा दिखायी दे रहा है|

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