चीन ‘पीओके’ में सेना तैनात करेगी- चीनी विश्लेषक का इशारा

 

बीजिंग, दि. १०: चीन ने और एक नई धमकी दी है कि, ‘अगर भारतीय सेना भूतान की और से चीन के खिलाफ खड़ी रहेगी तो चीन भी पाकिस्तान ने विनती करने पर ‘पाकिस्तान कब्जेवाले कश्मीर’ (पीओके) में अपने जवानों को तैनात कर सकता है।’चीन का सरकारी दैनिक ‘ग्लोबलटाइम्स’ में प्रकाशित हुए एक लेख में यह धमकी दी गई है।इस ताजा धमकी से यही साबित होता है कि,‘डोकला’ सीमाक्षेत्र में भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़े होने के बाद, अस्वस्थ हुए चीन की ओर से भारत को दी जानेवाली धमकियों का सिलसिला अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है।

एक नई धमकी

‘ग्लोबल टाइम्स’ में लिखे एक लेख में ‘लॉन्ग शिंन चुन’ ने आलोचना करते हुए कहा है कि, ‘भारत भूतान को स्वतंत्र राष्ट्र की नजर से नहीं देखता है। भारत भूतान को अपना ही एक राज्य समझकर चल रहा है।’लॉन्ग शिंन चुन चीन के ‘सेंटर फॉर इंडियन स्टडीज’ के संचालक हैं। भूतान के सार्वभौमत्व से भारत का कुछ भी लेना देना नहीं है।लेकिन भूतान की सुरक्षा के लिए भारत ने भूतान की भूमि में अपनी सेना तैनात की है। इसी तरह पाकिस्तान ने विनती करने पर ‘पाकिस्तान कब्जेवाले कश्मीर’ (पीओके) में चीन अपने जवानों को तैनात कर सकता है।’ पश्चिमी राष्ट्र भले ही भारत को अपना समर्थन दे रहे हैं, लेकिन इसकी चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि व्यापार और अन्य संबंधों के लिए पश्चिमी राष्ट्र चीन पर निर्भर हैं।इसी कारण भारत के लिए पश्चिमी राष्ट्र चीन के खिलाफ जाने की कोशिश नहीं करेंगे। ऐसा भरोसा भी लॉन्ग शिंन चुन ने अपने लेख में जताया है।

‘पिछले कई सालों से भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, सभी देशों के साथ समानव्यवहार हो और कोई भी देश किसी दुसरे देश में दखल न देने की मांग कर रहा है।लेकिन दक्षिण एशिया के बारे में भारत की नीति वर्चस्ववाद की है और यह संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन है’, ऐसी टिप्पणी शिंन चुन ने की है। ऐसी परिस्थिति में चीन ने आवश्यकता होने पर ही अपने बल का प्रयोग करने की जिम्मेदारी की नीति अपनाई है, ऐसा कहकर शिंन चुन ने अपने ही देश की पीठ थपथपाई है।

दौरान, डोकला में भारत और चीन की सेना आमने सामने खड़ी है और ऐसे में लदाख में स्वतंत्र तिब्बत का ध्वज लहराकर भारत ने चीन को उकसाने की कोशिश की है, ऐसा इलज़ाम ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे और एक अन्य लेख में लगाया गया है। भारत में तिब्बत शरणार्थी सरकार ने इस ध्वज को लहराने की जानकारी भी इस लेख में दी गई है।साथ ही चीन के अभ्यासक ‘लिन मिंगवॉन्ग’ने कहा है कि चीन को कश्मीर से कुछ लेना देना नहीं है, लेकिन भारत एक साथ पाकिस्तान और चीन के साथ संघर्ष न करे। यह भारत के लिए अच्छा नहीं होगा।

चीन धमकी दे रहा है कि, अगर भारत ने डोकला से अपनी सेना को नहीं हटाया, तो चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत को मुश्किल में डाल सकता है।लेकिन भारत पर इस धमकी का कोई असर नहीं होनेवाला है। क्योंकि पिछले कई सालों से ‘पीओके’में चीनी सेना तैनात होने का दावा किया जा रहा है ।चीन ने भी इस बात का स्वीकार किया था।लेकिन चीन ने खुलासा किया है कि वहां की विकास परियोजनाओंकी सुरक्षा के लिए सेना को तैनात किया गया है।भारत को मालूम है कि चीन भारत के खिलाफ ऐसे दांवपेच जरुर खेलेगा, इसी लिए भारत ने भी अपनी सेना को तैयार रखकर चीन को समय समय पर सन्देश दिया है।

चीन की ओर से भारत को बार बार मिलनेवाली धमकियों से साफ़ पता चलता है कि, चीन असुरक्षित और अस्वस्थ बन गया है। ‘साऊथ चायना सी’ और ‘ईस्ट चायना सी’ विवाद में  भी चीन की हालत इतनी ख़राब नहीं हुई थी। लेकिन भारत की प्रतिक्रिया का अंदाजा न लेकर भूतान की भूमि में घुसपैठ करते हुए चीन ने अपने आपको मुश्किल में डाला है।ऐसे में राजनीतिक स्तर पर इस विवाद को मिटाने को ना कहकर, चीन ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारी है और दूसरी ओर डोकला इलाके से अपनी सेना न हटाने का मजबूत फैसला लेकर भारत ने दिखा दिया है की भारत बलशाली चीन से डरता नहीं है।

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