मध्य एशियाई देशों को भारत ने प्रदान की एक अरब डॉलर्स कर्ज़ की सहायता

नई दिल्ली – भारत ने मध्य एशियाई देशों की कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, शिक्षा, आयटी क्षेत्र के विकास प्रकल्पों के लिए एक अरब डॉलर्स का कर्ज घोषित किया है। बुधवार के दिन भारत और मध्य एशियाई देशों के विदेशमंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई। इस दौरान भारत ने मध्य एशियाई देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए यह सहायता प्रदान करने का निर्णय किया। साथ ही मध्य एशियाई देशों ने आतंकवाद का निषेध करके अपनी भूमि का इस्तेमाल दूसरे देश के विरोध में, आतंकी हमलों के लिए नहीं होने देंगे, यह वादा भी इस दौरान किया।

बुधवार के दिन भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर के नेतृत्व में भारत और मध्य एशियाई देशों की दूसरी वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक के लिए कज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, किरगिज़ रिपब्लिक जैसे मध्य एशियाई देशों के विदेशमंत्री उपस्थित थे। इस बैठक के लिए अफ़गानिस्तान के विदेशमंत्री को विशेष निमंत्रण दिया गया था। ऐसे में अफ़गान विदेशमंत्री की उपस्थिति इस बैठक में सबका ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हो रही थी।

इस बैठक के शुरू में कोरोना वायरस के संकट काल में भारत ने मध्य एशियाई देशों को प्रदान की हुई वैद्यकिय सहायता को लेकर इन देशों ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही इस बैठक में भारत और मध्य एशियाई देशों का व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। फ़रवरी में नई दिल्ली में ‘इंडिया सेंट्रल एशिया बिज़नेस कौन्सिल’ का उद्घाटन किया गया। इस कौन्किल के अनुसार भारत की ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स’ (फिक्की) और मध्य एशियाई देशों के संगठन मिलकर व्यापार, कारोबार और निवेश बढ़ाने पर जोर देंगे। खास तौर पर लघु और मध्यम उद्योगों पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा।

इसके अलावा भारत और मध्य एशियाई देशों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक्स नेटवर्क एवं इंटरनैशनल ट्रान्सपोर्ट कॉरिडॉर का निर्माण करने पर इन देशों की सहमति बनी है। भारत ने ईरान के छाबहार बंदरगाह के किए विकास पर मध्य एशियाई देशों के विदेशमंत्री ने संतोष व्यक्त किया। इस वजह से मध्य एशियाई देश और दक्षिणी एशियाई देशों में व्यापार और परिवहन का नेटवर्क निर्माण किया गया है, यह कहकर इन देशों के विदेशमंत्रियों ने छाबहार बंदरगाह की अहमियत रेखांकित की।

इसी दौरान भारत और मध्य एशियाई देशों ने आतंकियों का आश्रयस्थान, नेटवर्क और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने के विरोध में कार्रवाई करने की आवश्‍यकता होने का मत व्यक्त किया। साथ ही अपनी भूमि का इस्तेमाल दूसरे देश के विरोध में आतंकी गतिविधि करने के लिए नहीं होगा, यह वादा भी इन देशों ने किया। पाकिस्तान का नाम लिए बिना भारत और मध्य एशियाई देशों ने चुनिंदा शब्दों में पाकिस्तान को इशारा दिया।

भारत और मध्य एशियाई देशों के विदेशमंत्रियों की बैठक में अफ़गानिस्तान के विदेशमंत्री की मौजुदगी का सभी ने स्वागत किया। इसके साथ ही अफ़गानिस्तान की शांति और विकास के लिए भारत और मध्य एशियाई देश हमेशा अफ़गानिस्तान को सहायता प्रदान करेंगे, यह संदेश भी इस दौरान दिया गया। साथ ही भारत और मध्य एशियाई देशों की अगली बैठक में अफ़गानिस्तान को शामिल किया जाएगा।

इसी बीच, ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनायज़ेशन’ (एससीओ) के पहले स्टार्ट अप मंच का उद्घाटन गोयल ने किया। इस वर्चुअल बैठक में किरगीज़ रिपब्लिक, कज़ाकस्तान, पाकिस्तान, रशिया, ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान के वाणिज्यमंत्री उपस्थित थे। कोरोना संकट की पृष्ठभूमि पर ‘एससीओ’ के सदस्य देशों ने व्यापार और निवेश एवं अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए एकजुट होने की आवश्‍यकता है, यह बयान गोयल ने इस दौरान किया।

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