भारत की विदेश नीति में अधिक मुस्तैदी देखी गई – अमरिकी विदेश मंत्रालय का बयान

वॉशिंग्टन: भारत की विदेश नीति अब पहले जैसी ढीली नही रही है| पिछले बीस वर्षों से भारत के धारणात्मक हितसंबंधों का दायरा बढा है| इससे भारत की विदेश नीति अधिक मुस्तैद बनी है, यह निष्कर्ष अमरिकी विदेश मंत्रालय के मध्य और दक्षिणी एशिया विभाग की उपमंत्रि एलिस वेल्स ने दर्ज किया है| भारत के नीति में हुआ यह बदलाव ‘इंडोपैसिफिक’ क्षेत्र में स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है, यह बात भी वेल्स ने आगे कही|

कुछ दिन पहले नई दिल्ली में सुरक्षा के मुद्दे पर आयोजित की गई रायसेना डायलॉग परिषद के अवसर पर एलिस वेल्स भारत पहुंची थी| स्वदेश लौटने के बाद एलिस वेल्स ने वार्तापरिषद को संबोधित किया और भारत के विदेश नीति में हुए बदलाव पर खास तौर पर गौर किया| पिछले बीस वर्षों से भारत के धारणात्मक हितसंबंधों का दायरा बढता रहा है| इसके परिणाम में भारत की विदेश नीति पहली जैसी ढीली नही रही है और अब भारत की मुस्तैदी बढ रही है, यह कहकर वेल्स ने यह बदलाव अमरिका के लिए भी अनुकूल होने के संकेत दिए|

भारत और अमरिका के समुद्री सुरक्षा संबंधी सहयोग, क्वाड में भारत का हुआ समावेश और भारत की एक्ट ईस्ट नीति से भारत की सक्रियात दिखाई देती है, यह बात एलिस वेल्स ने स्पष्ट की| इंडो पैसिपिख क्षेत्र में वर्चस्ववादी चीन को रोकने के लिए भारत, अमरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने ‘क्वाड’ का गठन किया था| चारों देशों के इस सहयोग का सकारात्मक असर इंडोपैसिफिक क्षेत्र में दिखाई देने लगे है और इससे चीन के आतंक से दबे छोटे देशों को भी राहत प्राप्त हुई है| इस पृष्ठभूमि पर एलिस वेल्स ने भारत की विदेश नीति में हुए ‘सक्रिय’ बदलाव पर गौर करना अहम साबित होता है|

चीन की आक्रामक और वर्चस्ववादी नीति के विरोध में भारत अब अधिक से अधिक स्पष्ट भूमिका अपनाकर इसके अनुसार अपने नीति में जरूरी बदलाव कर रहा है, यह बात एलिस वेल्स ने अपनी राजनयिक परिभाषा में रख रही है|

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