अमरिका-चीन व्यापार युद्ध शुरू होने के बाद – चीन को अमरिका के खिलाफ भारत के सहकार्य कि अपेक्षा

बीजिंग: अमरिका के साथ व्यापार युद्ध शुरू होने के बाद चीन इस युद्ध में भारत की तरफ से सहायता की अपेक्षा कर रहा है। भारत और चीन मिलकर अमरिका की व्यापारी नीतियों का मुकाबला करे, ऐसा चीन के सरकारी दैनिक ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने सुझाव दिया है। लगातार भारत की आलोचना करने वाले चीनी सरकार के इस मुखपत्र ने भारत की तरफ से व्यक्त की यह अपेक्षा सुचक साबित हो रही है और यह चीन की अमरिका के खिलाफ रणनीति का हिस्सा है, ऐसा सामने आ रहा हैं।

‘अमरिका फर्स्ट’ नीति अपनाकर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन और यूरोपीय देशों से अमरिका में निर्यात किए जाने वाले उत्पादों पर कर बढ़ाया था। चीन की तरफ से अमरिका में की जाने वाली ५० अरब डॉलर्स की निर्यात को लक्ष्य बनाकर ट्रम्प ने इस पर २५ प्रतिशत कर लादा है। चीन ने भी इसे प्रत्युत्तर देकर ६५९ अमरिकी उत्पादों पर २५ प्रतिशत कर लादा है। इसके बाद ट्रम्प ने चीन को इससे भी बड़ा झटका देने की तैयारी शुरू की है और इस वजह से चीन परेशान हुआ है, ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

‘चीन के साथ अमरिका ने यूरोपीय देशों से की जाने वाली निर्यात पर भी कर बढ़ाया था। इसका फायदा उठाकर चीन ने यूरोपीय देशों के साथ हाथ मिलाकर अमरिका को प्रत्युत्तर देने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसके लिए चीन की तरफ से यूरोपीय देशों को प्रस्ताव दिए जा रहे हैं। अमरिका के साथ के इस व्यापार युद्ध में चीन भारत की तरफ से भी सहकार्य की अपेक्षा कर रहा है। ग्लोबल टाईम्स में प्रसिद्ध हुए एक लेख में भारत की बहुत तारीफ की गई है। अमरिका ने बढाए आयात करों को भारत और चीन एकजुट होकर प्रत्युत्तर दे, ऐसा आवाहन इस लेख में किया गया है।

भारत की अर्थव्यवस्था सर्वाधिक तेजी से प्रगति कर रही है और ‘आईटी’, सेवा और दवाई निर्माण क्षेत्र में भारत अग्रसर है। भारत के इंटरनेट धारकों की संख्या हर साल दस करोड़ से बढती जा रही है। भारत में ई-कॉमर्स भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल फोन्स, कपड़ा, खाद्य पदार्थ की ऑनलाइन खरीदारी भारत में बढती जा रही है और पेटीएम यह भारत का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है और इसके द्वारा माँग किए जाने वाले उत्पाद ४० प्रतिशत मात्रा में चीन से निर्यात किए जाते हैं, ऐसी जानकारी ग्लोबल टाईम्स के लेख में दी गई है।

इस वजह से भारत और चीन के बीच व्यापार का अवसर अधिकाधिक विस्तृत होता जा रहा है और हर साल दोनों देशों के बीच व्यापार २० प्रतिशत से अधिक मात्रा में बढ़ता जा रहा है, ऐसा भी इस लेख में लिखा है। ऐसी परिस्थिति में भारत और चीन ने अमरिका की आर्थिक नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहिए, ऐसा प्रस्ताव इस लेख में दिया गया है। यह प्रस्ताव चीन के एक अख़बार से आए लेख में दिया गया है, लेकिन चीन पहले से ही इसकी तैयारी कर रहा था।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प चीन के साथ व्यापार युद्ध शुरू करेंगे यह पहले ही स्पष्ट हुआ था। उसके बाद चीन ने भारत के साथ जुड़ने की तैयारी करके अपनी भूमिका सौम्य की थी। व्यापार युद्ध में भारत अमरिका के पक्ष में न खड़ा रहे, इसके लिए चीन कोशिश कर रहा है। चीन और यूरोपीय देशों के साथ अमरिका ने भारतीय उत्पादों पर भी कर बढ़ाया है और इस पर भारत ने अमरिकी उत्पादों पर कर बढ़ाकर प्रत्युत्तर दिया है। लेकिन दोनों देशों के बीच निर्माण हुआ यह व्यापारी तनाव कम करके सहकार्य प्रस्थापित करने के लिए भारत ने तैयारी शुरू की है। इसके लिए अमरिका के व्यापार विभाग के मध्य और दक्षिण एशिया से संबंधित प्रतिनिधि मार्क लिनस्कोट भारत में आने वाले हैं। इस दौरान भारत अमरिका को आकर्षक व्यापारी प्रस्ताव देने वाला है और इस वजह से दोनों देशों के बीच विसंवाद दूर होगा, ऐसी कड़ी संभावना जताई जा रही है।

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