भारतीय नौसेना ने चीन की धृष्टता को रोका – वाईस एडमिरल ए.के.चावला

कोचि – प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर तनाव होते हुए चीन हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी तरह की धृष्टता नहीं कर पाया है। इसके पीछे भारतीय नौसेना की काफी बड़ी भूमिका है, यह बयान वाईस एडमिरल ए.के.चावला ने किया है। कोचि में वार्तापरिषद में बोलते समय वाईस एडमिरल चावला ने किसी भी धृष्टता का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना तैयार थी और है, यह कहकर चीन को सख्त चेतावनी दी है। भारतीय नौसेना अपनी क्षमता और ताकत बढ़ा रही है और वर्ष 2022 तक दूसरी विमान वाहक युद्धपोत ‘आयएनएस विक्रांत’ भारतीय नौसेना के बेड़े में दाखिल होगी, यह विश्‍वास एडमिरल चावला ने व्यक्त किया।

india-navy-china‘समुद्री क्षेत्र में या सीमा पर भी हमसे बैर ना करें, यह संदेश भारत से चीन को स्पष्ट रूप में दिया था’, यह बयान वाईस एडमिरल ए.के.चावला ने किया। भारतीय नौसेना ताकतवर है, इस वजह से किसी की समुद्री क्षेत्र में भारत के खिलाफ हरकत करने की संभावना नहीं है, यह हमारा विश्‍वास है, ऐसा एडमिरल चावला ने कहा। भारतीय नौसेना हमेशा तैयार है और लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है, यह बात वाईस एडमिरल चावला ने स्पष्ट की।

अपनी क्षमता अधिक से अधिक बढ़ाने पर भारतीय नौसेना विशेष जोर दे रही है, यह दावा भी वाईस एडमिरल चावला ने इस दौरान किया। इसी बीच लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर तनाव निर्माण होने के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में भारत को चुनौती देने की नाकाम कोशिश चीन ने की थी, यह दावे भी किए जा रहे हैं। लेकिन, भारतीय नौसेना ने मलाक्का की खाड़ी में की हुई तैनाती चीन के पैरों तले की ज़मीन खिसकानेवाली साबित हुई थी। इस क्षेत्र से ही चीन के सामान का अधिकांश परीवहन होता है। भारतीय नौसेना का मलाक्का की खाड़ी पर वर्चस्व है और किसी भी क्षण भारत वहां पर अपने सामान का परीवहन बंद करवा सकता है, इस बात का अहसास चीन को दिलाया गया है।

भारत और चीन का सीमा विवाद काफी तीव्र हुआ तभी मलाबार युद्धाभ्यास का आयोजन करके भारत ने अपनी ताकत की झलक चीन को दिखाई थी। इस युद्धाभ्यास में भारत के साथ अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हुए थे। दो चरणों में हुए इस युद्धाभ्यास की वजह से चीन अधिक ही असुरक्षित हुआ है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना था। इसके अलावा भारतीय नौसेना ने युद्धपोत विरोधी मिसाइल एवं पनडुब्बी विरोधी टोर्पेड़ो का परीक्षण करके चीन को इशारे दिए। इन परीक्षणों से चीन को उचित संदेश प्राप्त होने का दावा किया जा रहा है।

हिंद महासागर क्षेत्र में बढा भारतीय नौसेना का वर्चस्व चीन को परेशान कर रहा है। इसी कारण चीन लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक की सीमा पर भारत को व्यस्त रखने की कोशिश करता रहा है। चीन का असल इरादा भारतीय नौसेना का वर्चस्व कम करने का ही है, ऐसा भारतीय सामरिक विश्‍लेषकों का कहना है। लेकिन, भारतीय नौसेना का प्रभाव कम करने में चीन कामयाब नहीं हो सका है। बल्कि अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया से सहयोग बढ़ाकर भारतीय नौसेना चीन को चुनौती दे रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.