लद्दाख की ‘एलएसी’ पर नौसेना के ‘मार्कोस’ की तैनाती

नई दिल्ली – ‘स्पेशल फोर्सेस’ के साथ सेना के ‘पैरा’ वायुसेना के ‘गरूड़’ और अब भारतीय नौसेना का ‘मार्कोस’ दल की भी लद्दाख की ‘एलएसी’ पर तैनाती की गई हैं। पैन्गॉन्ग त्सो के इलाके में ‘मार्कोस’ का यह दल गश्‍त करेगा और उनके लिए आवश्‍यक विशेष बोट भी वहां पर जल्द पहुँचाए जा रहे हैं। इस वजह से लद्दाख की एलएसी पर तीनों रक्षाबलों के कमांडोज्‌ के दल अब चीन की साज़िशें नाकाम करने के लिए तैयार हुए दिख रहे हैं।

ladakh-lacलद्दाख की ‘एलएसी’ पर निर्माण हुआ तनाव कम करने के लिए चीन ने सेना पीछे हटाने की तैयारी दिखाई थी। दोनों देशों के सेना अधिकारियों की हुई चर्चा में चीन ने यह बात स्वीकार की थीऔर अलग अलग चरणों में ‘एलएसी’ से सेना हटाने पर सहमति होने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन, असल में चीन ने ‘एलएसी’ पर तैनात अपने सैनिक पीछे हटाने के बजाय वहां पर नई तैनाती शुरू करने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। इसके साथ ही चीन ने भारत की सीमा से जुड़े तिब्बत में अपनी सेना की तैनाती बढ़ाने के दावे भी किए जा रहे हैं। इसके अलावा चीन ने ‘एलएसी’ पर प्रगत राड़ार यंत्रणा की तैनाती करने की खबरें भी प्राप्त हुई हैं।

इस वजह से चीन के इरादें यहां पर बना तनाव कम करना नही हैं, बल्कि भारतीय सेना की वापसी का लाभ उठाने की तैयारी में चीन जुटा हैं, यह संकेत प्राप्त हो रहे हैं। पूर्व लष्करी अफ़सरों ने चीन पर थोड़ासाभी भरोसा नही कर सकते, यह इशारा दिया था। ऐसी स्थिति में पैन्गॉन्ग त्सो का इस्तेमाल करके चीन अब भारत की सीमा में घुसपैठ करेगा, ऐसी कड़ी संभावना कुछ लोग व्यक्त कर रहे थे। लेकिन, पैन्गॉन्ग त्सो के इलाके में भारतीय नौसेना की तैनाती करके भारत ने इस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्‍चित की हैं, ऐसें समाचार प्राप्त हुए हैं।

अब नौसेना के विशेष दल के तौर पर जाने जा रहें ‘मार्कोस’ की तैनाती पैन्गॉन्ग त्सो के इलाके में की गई हैं। इसके साथ ही इस दल के लिए प्रगत ‘बोट’ भी पहुँचाए जा रहे हैं। इससे पैन्गॉन्ग त्सो के क्षेत्र में भारत की गश्‍त अधिक प्रभावी होगी। बीते सात महीनों से ‘स्पेशल फ्रंटियर फोर्सेस’, ‘पैरा फोर्सेस’ लद्दाख की ‘एलएसी’ पर तैनात की गई हैं। २९ और ३० अगस्त के दिन ‘फ्रंटियर फोर्स’ के सैनिकों ने पैन्गोन्ग त्सो के दक्षिणी ओर स्थित अहम पहाड़ियों पर कब्ज़ा करके चीन को झटका दिया था।

चीनी सैनिकों को कुछ समज़ने से पहले ही ‘स्पेशल फ्रंटियर फोर्स’ के कमांड़ोज्‌ ने इन पहाड़ियों पर पैर जमाए थे। उनपर हमला करके इन पहाड़ियों पर कब्ज़ा करने की नाकाम कोशिश भी चीन ने की। लेकिन, अगली बार ऐसी कोशिश हुई तो गालीबारी की जाएगी, ऐसी सख्त चेतावनी प्राप्त होनेपर चीन के सैनिकों को इस इलाके से पीछे हटना पड़ा था। तभी लद्दाख की एलएसी पर स्थित कुछ इलाकों में चीन हवाई घुसपैठ करने की संभावना बढ़ने पर भारतीय वायुसेना के ‘गरूड़ कमांडोज्‌’ की तैनाती भी इस क्षेत्र में की गई थी।

देश के तीनों रक्षाबलों की ‘एलएसी’ पर हुई यह तैनाती चीन के लिए कड़ी चेतावनी दे रही हैं। भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत और वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने तीनों रक्षाबलों में संपर्क एवं समन्वय हैं, यह भरोसा देश को दिया था। ‘एलएसी’ पर इसका प्रत्यय दिखाई दे रहा हैं।

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