भारतीय नौसेना हिंद महासागर के खतरों के लिए तैयार रहे – वाईस एडमिरल अतुल कुमार जैन

नई दिल्ली – भारतीय नौसेना हिंद महासागर के खतरों के लिए तैयार रहे, यह निवेदन ‘ईस्टर्ननेवल कमांड’ के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीन वाईस एडमिरल अतुल कुमार जैन ने किया है। बीते कुछ वर्षों से हिंद महासागर के क्षेत्र में जारी चीन की आक्रामक लष्करी गतिविधियां और गलवान वैली के संघर्ष की पृष्ठभूमि पर वाईस एडमिरल जैन का यह बयान अहमियत रखता है। देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान वाईस एडमिरल जैन ने कोरोना की महामारी के दौर में नौसेना ने निभाई ज़िम्मेदारी की सराहना भी की।

Indian-Ocean-chinaकोरोना वायरस की महामारी और सुरक्षा के मुद्दे पर बने तनाव की वजह से देश को चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ रहा है। सामरिक स्तर पर समिकरणों में बदलाव हो रहा है और ऐसी स्थिति में हिंद महासागर की सुरक्षा बड़ी अहम बात है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ रही गतिविधियां देखें तो ईस्टर्न नेवल कमांड ने पारंपरिक और अपारंपरिक ऐसे दोनों तरह के खतरों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की आवश्‍यकता है, यह निवेदन वाईस एडमिरल अतुल कुमार जैन ने इस दौरान किया।

कोरोना का फैलाव रोकने के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया था। इस वजह से विभिन्न देशों में फंसे पड़े भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ शुरू किया था। समुद्र सेतु के तहत 3.5 हज़ार से अधिक भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया। वाईस एडमिल जैन ने इस मुहिम में शामिल हुए नौसौनिकों का अभिनंदन किया।

Indian-Ocean-chinaबीते कुछ वर्षों में हिंद महासागर में चीन की गतिविधियां बढ़ी हैं। चीन की विस्तारवादी भूमिका अब छुपी नहीं रही है। हिंद महासागर में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए चीन ने जोरदार कोशिशें शुरू की हैं। इस क्षेत्र में चीन की पनडुब्बियों की मौजूदगी भी बढ़ी है। एक ओर विश्‍वभर में कोरोना का फैलाव रोकने की कोशिश हो रही है और इसी बीच इस संकट का लाभ उठाने की कोशिश चीन कर रहा है। चीन की ‘पीपल्स लिब्रेशन आर्मी’ (पीएलए) हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना अड्डा स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। चीन की यह हरकतें इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता प्रभावित करेगी, यह इशारा भी लष्करी विश्‍लेषकों ने दिया है।

चीन की इन हरकतों को रोकने के लिए भारत ने आक्रामक कदम उठाना शुरू किया है। लद्दाख के संघर्ष के बाद चीन के साथ तनाव बढ़ने पर भारत ने हिंद महासागर के क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ानी शुरू की है। नौसेना ने मलाक्क के समुद्री क्षेत्र के करीब अपने युद्धपोत तैनात किए थे। मलाक्का के समुद्री क्षेत्र से हो रहे चीन के व्यापार पर भारत कभी भी फंदा कस सकता है और चीन की घेराबंदी कर सकता है, यही एहसास इस तैनाती से चीन को कराया गया है। साथ ही इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन चार देशों के ‘क्वाड’ में लष्करी सहयोग स्थापित करने के नज़रिए से भी कोशिश की जा रही है।

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