अरब सागर में मौजूदा जंगी तैयारी का नौसेनाप्रमुख ने लिया जायजा

indian-navy-chiefकारवार – ‘भारतीय नौसेना ने बीते कुछ महीनों से यकायक उभरनेवाली किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए आवश्‍यक पूरी तैयारी कर ली है। अगले दिनों में नौसेना के युद्धपोत, पनडुब्बियां, विमानों के खेमे समुद्री क्षेत्र की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं’, यह ऐलान नौसेनाप्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने किया है। अरब सागर में आयोजित नौसेना के युद्धाभ्यास का परीक्षण करने के बाद नौसेनाप्रमुख ने यह दावा किया। बीते महीने से भारतीय नौसेना ने किया यह चौथा युद्धाभ्यास है और इसी बीच अरब सागर में किया गया यह पहला युद्धाभ्यास है। ऐसे में भारतीय नौसेना अब अगले महीने में ‘क्वाड’ के सदस्य अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के साथ अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है।

भारतीय नौसेनाप्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बीते चौबीस घंटों में अरब सागर में स्थित नौसेना के अड्डे एवं युद्धपोतों का दौरा करके युद्ध की तैयारियों का परीक्षण किया। इस दौरान नौसेनाप्रमुख ने कारवार में नौसेना के वेस्टर्न कमांड के अड्डे पर नौसेना अधिकारियों से चर्चा करके युद्ध की तैयारी के साथ सायबर सुरक्षा, आतंकी हमले, अपारंपरिक युद्ध की तकनीक का मुकाबला करने के लिए हर वक्त तैयार रहने की सूचना की। इसके बाद नौसेनाप्रमुख ने अरब सागर में अपने विध्वंसकों के बेड़े के साथ युद्धाभ्यास कर रही विमान वाहक युद्धपोत ‘आयएनएस विक्रमादित्य’ और विध्वंसक ‘आयएनएस चेन्नई’ का दौरा किया। अरब सागर में भारतीय नौसेना ने आयोजित किया हुआ यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास समझा जा रहा है।

indian-navy-chiefनौसेनाप्रमुख की मौजुदगी में हुए इस युद्धाभ्यास में विमानवाहक युद्धपोत, विध्वंसक के साथ संरक्षक पोत एवं र्इंधन टैंकर, लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स भी शामिल थे। इस दौरान लाईव फायरिंग का ड्रिल भी किया गया है। इसके अलावा पनडुब्बी विरोधी युद्धाभ्यास, विध्वंसकों का पूर्वाभ्यास एवं हवाई युद्धाभ्यास और हवाई सुरक्षा यंत्रणा का भी परीक्षण किया गया। इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना ने कुछ मिसाइल दागे और इन मिसाइलों ने तय लक्ष्य को बड़ी सटीकता से निशाना किया। कोरोना वायरस के संकट में भारतीय नौसेना ने किए कार्य की नौसेनाप्रमुख करमबीर सिंह ने सराहना की। इस कठिन दौर में भी भारतीय नौसेना ने अपनी जंगी तैयारी में ढीलापन नहीं दिखाया और इसके आगे भी भारतीय नौसेना आनेवाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अधिक तैयारी करेगी, यह विश्‍वास एडमिरल करमबीर सिंह ने व्यक्त किया। तभी बीते कुछ महीनों में तीनों सेनाबलों के समन्वय से कई उपलब्धियां प्राप्त होने की बात भी नौसेनाप्रमुख ने रखांकित की।

अरब सागर में आयोजित किया गया यह युद्धाभ्यास और नौसेनाप्रमुख की इस युद्धाभ्यास में देखी गई मौजूगदी अलग ही संकेत देनेवाली होने का दावा किया जा रहा है। पाकिस्तान ने कराची बंदरगाह में चीन की पनडुब्बीयों की तैनाती के लिए स्वतंत्र गतिविधियां शुरू करने के समाचार कुछ दिन पहले प्रसिद्ध हुए थे। जल्द ही चीन की पनडुब्बीयां कराची बंदरगाह में दाखिल होंगी, यह भी कहा जा रहा था। इस पृष्ठभूमि पर अरब सागर में युद्धाभ्यास का और विशेषरूप से पनडुब्बी विरोधी विध्वंसकों का युद्धाभ्यास एवं विध्वंसक विरोधी मिसाइल का परीक्षण करके भारत ने अपना शक्तिप्रदर्शन किया है। अगले महीने में बंगाल की खाड़ी में हो रहे ‘मलाबार २०२०’ युद्धाभ्यास में भी ‘क्वाड’ सदस्य देशों की नौसेना से पहले युद्धाभ्यास में बड़ा शक्तिप्रदर्शन होने की उम्मीद है। इस युद्धाभ्यास में भारत, जापान अपने एक-एक और अमरीका दो विमान वाहक युद्धपोत उतार रही है, यह दावा हो रहा है।

indian-navy-chiefलद्दाख की सीमा पर चीन के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना ने अरब सागर, हिंद महासागर से बंगाल की खाड़ी में अपनी तैनाती और तैयारी बढ़ाई है। बीते कुछ महीनों में भारतीय नौसेना की पनडुब्बीयां, विध्वंसक और तेज़ गश्‍तपोतों की मौजुदगी बढ़ी है और इस दौरान स्वदेशी विमान वाहक ‘विक्रांत’ युद्धपोत का परीक्षण भी जारी है। इस दौर में ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) ने ‘सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल’ की मारक क्षमता बढ़ाकर भारतीय नौसेना को अधिक ताकतवर बनाया है। तभी पनडुब्बी विरोधी एवं युद्धपोत विरोधी युद्ध के लिए आवश्‍यक मिसाइलों का परीक्षण करके भारत ने अपनी जंगी तैयारी दिखाई है, यह दावा लष्करी विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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