भारत अमरीका से ‘एक्सकॅलिबर’ की ख़रीद करेगा

India-USA-excaliburनई दिल्ली – चीन सीमा की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ता चला जा रहा है कि तभी भारतीय रक्षाबलों ने अपनी सिद्धता में बढ़ोतरी करने के लिए तेज़ कदम उठाना शुरू किया है। कुछ दिन पहले भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने देश के तीनों रक्षाबलप्रमुखों के साथ विशेष बैठक की थी। इस बैठक में, चीन सीमा पर तैनात रक्षाबलों को कार्रवाई करने के लिए पुरी छूट देने के साथ ही, युद्ध की सिद्धता के लिए अतिरिक्त हथियार एवं ज़रूरी सामान ख़रीदने के अधिकार भी प्रदान किए गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने अमरीका से अतिरिक्त ‘१५५ एमएम एक्सकॅलिबर प्रिसिजन गायडेड एम्युनिशन’ खरीदने का निर्णय किया है।

भारतीय रक्षाबलों के सूत्रों ने एक वृत्तसंस्था को प्रदान की हुई जानकारी से यह बात सामने आयी है। पाकिस्तान की सीमा पर पिछले वर्ष में तनाव निर्माण हुआ था, तब भी तुरंत हथियारों की ख़रीद करने के लिए भारतीय सेना को इमर्जन्सी फायनान्शियल पॉवर्स प्रदान की गईं थीं। इसका इस्तेमाल करके सेना ने अपनी तोंपों के लिए ‘१५५ एमएम एक्सकॅलिबर प्रिसिजन गायडेड एम्युनिशन’ की ख़रीद की थी। पाकिस्तानी सेना की चौकियाँ, बंकर्स एवं आतंकियों के अड्डे ध्वस्त करने के लिए इसका प्रभावी इस्तेमाल किया गया था।

India-USA-excaliburइस पृष्ठभूमि पर, चीन सीमा पर आवश्‍यक सिद्धता के लिए अमरिकी एक्सकॅलिबर की दोबारा ख़रीद करने का निर्णय अहमियत रखता हैं। बोफोर्स के साथ अन्य हॉवित्झर तोंपों से हमला करने के लिए इस्तेमाल हो रहा ‘१५५ एमएम एक्सकॅलिबर प्रिसिजन गायडेड एम्युनिशन’ ५० किलोमीटर दूरी तक का लक्ष्य ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। एक्सकॅलिबर उपग्रह से प्राप्त हो रही जानकारी के आधार पर लक्ष्य पर हमला करता है और इससे इसका हमला सटिक और प्रभावी होता है। अमरीका ने अफ़गानिस्तान में जारी आतंकवाद विरोधी युद्ध में इसका प्रभावी इस्तेमाल किया था।

भारतीय रक्षाबल ने पिछले कुछ दिनों में चीन की सीमा पर अपनी तैनाती में बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी की है। पर्वतीय क्षेत्र के युद्धों के लिए विकसित की गई ‘माउंटन ब्रिगेड़’ की तैनाती भी चीन के करीबी सरहदी क्षेत्र में शुरू हुई है। इसके साथ ही लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स एवं ज़मीन से हवा में हमला करनेवाली हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी चीन की सीमा पर तैनात की गई है। इस तैनाती के साथ ही, अमरिकी एक्सकॅलिबर की खरीद और भारतीय सेना को प्रदान किये गए सर्वाधिकार, यही संकेत दे रहे हैं कि आनेवाले समय में चीन की हरकतों को निर्णायक प्रत्युत्तर दिया जायेगा।

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