भारत यात्रा पर आनेवाले अमरिकी प्रतिनिधि दलाई लामा से मिलेंगे

वॉशिंग्टन/नई दिल्ली, दि. ६ : अमरीका की सांसद और डेमाक्रैटीक पार्टी की वरिष्ठ नेता नॅन्सी पेलोसी के नेतृत्त्व में अमरिकी काँग्रेस सदस्यों का उच्चस्तरीय मंडल अगले हफ्ते भारत यात्रा पर आनेवाला है| यह मंडल धरमशाला में तिबेटी नेता और बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से भी मिलेगा| इस यात्रा पर चीन से तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है|

नॅन्सी पेलोसीपिछले महीने में दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा की चीन ने आलोचना की थी| ‘दलाई लामा’ को अरुणाचल यात्रा की इजाज़त देकर चीन को ठेंस पहुँचाने देने वाले भारत पर हम भी आघात करेंगे, ऐसी धमकी चीन द्वारा लगातार दी जा रही है| पिछले हफ्ते दिल्ली में आयोजित की गयी रशिया-भारत-चीन (आरआयसी) त्रिस्तरीय बैठक के लिए भारत यात्रा पर आनेवाले चीन के विदेशमंत्री वँग यी ने अपनी यात्रा अचानक रद कर दी थी| इस वजह से ‘आरआयसी’ की बैठक स्थगित करनी पड़ी थी| इसे दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के बाद दो देशों में बढ़ता तनाव कारण हुआ है, ऐसा दावा किया जा रहा है|

‘आरआयसी’ बैठक में चीन के विदेशमंत्री उपस्थित ना रहने के पीछे दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा कारण नहीं थी’, ऐसा स्पष्टीकरण चीन ने दिया है| फिर भी भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में दलाई लामा की रुकावट रहने का दावा हाल ही में एक चिनी अधिकारी ने किया है| इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी काँग्रेस सदस्यों द्वारा की जानेवाली दलाई लामा की मुलाक़ात पर चीन द्वारा अधिक तीखी प्रतिक्रिया आने की आशंका है|

अमरीका का मंडल ९ और १० मई को भारत यात्रा पर आयेगा| हिमाचल प्रदेश के धरमशाला में अमरिकी मंडल सदस्य, दलाई लामा से मिलेंगे| अमरिकी काँग्रेस की सदस्या और अमरिकी संसद की पूर्व सभापति नॅन्सी पॅलोसी के साथ ही, अमरिकी मानवाधिकार आयोग के उपाध्यक्ष जीम मॅकगोव्हरेन, भारतीय वंश सी अमरिकी काँग्रेस सदस्या प्रमिला जयपाल, जीम सेंसेंब्रेन्नर, इलिओट एंगल, बेटी मॅककॉलम और जॉयसी बिट्टी इनका इस मंडल में समावेश है|

जीम मॅकगोव्हरेन और अमरिकी काँग्रेस में उनकी सहयोगी रहनेवालीं रॅण्डी हुल्टग्रेन ने पिछले महीने में अमरीकी लोकप्रतिधिनिगृह में ‘रेसिप्रोकल ऍक्सेस टू तिब्बत ऍक्ट’(आरएटी) नाम का विधेयक प्रस्तुत किया था| चीन तिब्बती जनता पर अत्याचार कर रहा है, अमरिकी राजनैतिक अधिकारी, पत्रकार साथ ही तिब्बत-अमरिकी नागरिकों को तिब्बत जाने से रोका जाता है, ऐसा आक्षेप जीम मॅकगोव्हरेन ने इस विधेयक को संसद में प्रस्तुत करते हुए किया था| इस वजह से अमरीका के प्रतिनिधिमंडल दलाई लामा के साथ करने जा रहे चर्चा में, चीन तिब्बत में कर रहे मानवाधिकार उल्लंघन का मसला अग्रस्थान पर रहेगा, ऐसा दिखाई देने लगा है|

नॅन्सी पेलोसी ने सन २००८ में धरमशाला में दलाई लामा से मुलाकात की थी| उस समय तिब्बत में निदर्शनों का सत्र चल रहा था| इन निदर्शनों को कुचलने के लिए चीन द्वारा बल का उपयोग किया जा रहा था| इसके खिलाफ कुछ भिक्खुओं ने आत्मदहन किया था|

इसी दौरान, तिब्बत के प्रमुख संगठन रहे ‘इंटरनेशनल कैम्पन फॉर तिब्बत’ के अध्यक्ष माटीओ मेकॅस्सी ने, अमरिकी शिष्टमंडल के दलाई लामा से मुलाकात करने के फैसले का स्वागत किया है| इनके इस कदम से तिब्बत का मसला फिर एक बार आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने आयेगा और इससे चीन को ‘कड़ा संदेश’ मिलेगा, ऐसा विश्‍वास मेकॅस्सी ने जताया है|

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