२०२३ की मंदी से भारत को लाभ होगा – ‘डब्ल्यूईएफ’ की रपट में अनुमान

दावोस – विश्व को साल २०२३ में मंदी का सामना करना पडेगा, ऐसी चेतावनी विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश से दी जा रही हैं। समय-समय पर दी जा रही वैश्विक मंदी की चेतावनी में अब नई बढ़ोतरी हुई है। ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ (डब्ल्यूईएफ) की रपट में भी इस साल वैश्विक मंदी होगी, ऐसी चेतावनी दी गई है। इसके अलावा अनाज की किल्लत, ऊर्जा सप्लाई का संकट और महंगाई जैसी तीन चुनौतियां पूरे विश्व को परेशान करेंगी, यह ‘डब्ल्यूईएफ’ की रपट में कहा गया है। लेकिन, इस मोर्चे पर सप्लाई चेन की विविधता का लाभ भारत और बांगलादेश को मिलेगा। इसी कारण से भारत को इस आर्थिक मंदी से लाभ हो सकता है, ऐसा अनुमान इस रपट में दर्ज़ किया गया है।

आर्थिक मंदी का संकट सामने खड़ा है, इसका अहसास अब तक विश्व के सभी प्रमुख देश और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को हुआ है। इस संकट का सामना करने के लिए खर्च घटाने की नीति उद्योग क्षेत्र ने अपनाई है। ऐसे में प्रमुख देश भी मंदी के आसार देखकर संभलकर कदम उठा रहे हैं। इसी बीच वैश्विक बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश जैसी अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मंदी अटल होने का बयान करना शुरू किया है। इस पृष्ठभूमि पर ‘डब्ल्यूईएफ’ की रपट के अनुमान ने ध्यान आकर्षित किया है। अनाज की किल्लत, ऊर्जा संकट और महंगाई जैसी तीनों मोर्चों पर खड़ी चुनौतियों का एकसाथ मुकाबला करना पडेगा और इसका विपरित प्रभाव देशों पर पडेगा, यह चेतावनी भी इस रपट में दी गई है।

‘डब्ल्यूईएफ’ के अधिकांश आर्थिक विशेषज्ञों को आर्थिक मंदी आकर ही रहेगी, ऐसा महसूस हो रहा है। पूरे विश्व में जारी भू-राजनीतिक तनाव आनेवाले दिनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार प्रदान करेंगे और इससे अमरीका और यूरोपिय देश रक्षात्मक आर्थिक नीति अपनाएंगे। इससे आने वाले दिनों में आर्थिक विकास का दर और घटेगा, यह दावा इस रपट में किया गया है। ‘डब्ल्यूईएफ’ के आर्थिक विशेषज्ञों में चीन की अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर तीव्र मतभेद हैं। कुछ आर्थिक विशेषज्ञ सोचते हैं कि, चीन की अर्थव्यवस्था अधिक कमज़ोर होगी। तो कुछ यह दावे कर रहे हैं कि, चीन की अर्थव्यवस्था फिर से उड़ान भरेगी।

इसी बीच महंगाई की मात्रा भी विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग रहेगी, इस पर इस रपट ने ध्यान आकर्षित किया है। यूरोपिय देशों में महंगाई दर ५७ प्रतिशत तक उछलेगा और चीन में महंगाई सिर्फ पांच प्रतिशत प्रभाव दिखा सकेगी, ऐसा यह रपट बयान कर रही है। लेकिन, वैश्विक स्तर पर यह चुनौतियां सामने आने के दौरान भारत और बांगलादेश पर आर्थिक मंदी का असर नहीं पडेगा, यह दावा इस रपट ने किया है। अंतरराष्ट्रीय उद्योगक्षेत्र काफी मात्रा में चीन की सप्लाइ चेन पर निर्भर है और ऐसे में भारत और बांगलादेश ने सप्लाई चेन में विविधता लाकर इस संकट से खुद की रक्षा की है। इसी वजह से भारत को इस आर्थिक मंदी से लाभ हो सकता है, यह बयान ‘डब्ल्यूईएफ’ की यह रपट कर रही है।

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