कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी

नवी दिल्ली/कराची, दि. ६ (पीटीआय) – ‘शीशे के घर में रहनेवालों को दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए’ इन कड़े शब्दों में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले ने चेतावनी दी है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, चीन में हुए ‘जी-२० सम्मेलन’ में आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया था| इसके बाद अब भारत के उच्चायुक्त ने पाकिस्तान को दी यह चेतावनी काफ़ी सूचक है| अब इसके आगे भारत कश्मीर मसले पर बचावात्मक रवैय्या नहीं अपनाऐगा और पाकिस्तान के झूठे प्रचारतंत्र का क़रारा जवाब देगा, ऐसे संकेत भारत की ओर से दिये जा रहे हैं| बंबावले का यह बयान पाकिस्तान को यह एहसास दिलानेवाला है|

आतंकवादपाकिस्तान के कराची में आयोजित किये गए एक कार्यक्रम के दौरान बात करते समय उन्होंने, कश्मीर मसला उठाते हुए पाकिस्तान ने खुद के पैरों पर पत्थर मार लिया है, ऐसी चेतावनी दी| ‘जो लोग खुद काँच के घर में रहते हैं, उन्होंने दुसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए’ ऐसी खरी खरी सुनाकर बंबावले ने, ऐसा करने से पाकिस्तान की खुद की हानि होगी, ऐसी चेतावनी भी दी| कश्मीर मसला भारत का अंदरुनी मामला है और पाकिस्तान इसमें दख़लअंदाज़ी ना करें, ऐसा आवाहन भी इस समय भारतीय उच्चायुक्त ने किया| साथ ही, बलुचिस्तान के सिलसिले में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किये गये बयान का बंबावले ने समर्थन किया|

भारत के स्वतंत्रतादिवस के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने केवल बलुचिस्तान से आये पत्रों पर प्रतिक्रिया दी थी, ऐसा बंबावले ने कहा| साथ ही, पाकिस्तान ने हर समय कश्मीर का बाज़ा बजाने से अच्छा है कि वह भारत के साथ व्यापार के बारे में चर्चा करते हुए व्यापार सहयोग को बढ़ायें, ऐसी अपेक्षा उच्चायुक्त ने व्यक्त की| राजनीतिक समस्या को सुलझाने के लिए काफ़ी समय लग सकता है|

लेकिन यदि व्यापार के सिलसिले में सहयोग शुरू होता है, तो दोनो देशों को लाभ मिल सकता है| भारत ने पाकिस्तान को पहले ही ‘विशेष व्यापारी दर्जा’ दिया है| लेकिन पाकिस्तान ने अब तक भारत को विशेष व्यापारी दर्जा देने का फ़ैसला नहीं किया है, इसपर भी बंबावले ने ग़ौर फ़रमाया|

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार को बहुत बड़ा अवसर है, ऐसा कहते हुए बंबावले ने, इसका दोनों देशों ने लाभ उठाना चाहिए, ऐसी माँग बंबावले ने की| इसी दौरान चीन में हुए ‘जी-२० सम्मेलन’ में बात करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर तगड़ा प्रहार किया| ‘दक्षिण एशिया का एक देश आतंकवाद का पुरस्कार कर रहा है’ ऐसा इल्ज़ाम लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को निशाना बनाया| ‘जी-२०’ जैसी परिषद के मंच पर से संबोधन करते समय राजनयिक औचित्य का पालन करते हुए प्रधानमंत्री ने हालांकि पाक़िस्तान का नाम नहीं लिया, मग़र उन्होंने पाकिस्तान ही का उल्लेख ‘आतंकी देश’ ऐसा किया इस बारे में किसी के मन में संदेह नहीं था, ऐसा मीडिया का कहना है|

आतंकवाद को नीति के तौर पर इस्तेमाल करनेवाले देशों को घेरने की ज़रूरत है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| साथ ही, ऐसे देशों को रोकने के लिए यंत्रणा खड़ी करने का आवाहन भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया| प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को तो निशाना बनाया है ही; मग़र साथ ही, पाकिस्तान के साथ आर्थिक सहयोग कर ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ परियोजना बनानेवाले चीन को भी प्रधानमंत्री ने झटका दिया है, ऐसा दावा कुछ विश्‍लेषक कर रहे हैं| पाकिस्तान को घेरने की माँग करके प्रधानमंत्री ने, पाकिस्तान को अपना सबसे क़रिबी सहयोगी माननेवाले चीन तक भारत का ‘संदेश’ बहुत ही सही ढंग से पहुँचाया है, ऐसा विश्‍लेषक कह रहे है|

प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में होनेवाली ‘सार्क’ परिषद में मौजूद रहेंगे : भारत के उच्चायुक्त का दावा

नवी दिल्ली/कराची, दि. ६ (पीटीआय) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान में होनेवाली ‘सार्क’ परिषद में उपस्थित रह सकते हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने किया| भविष्य में क्या हो सकता है यह मैं नहीं कह सकता| लेकिन प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में होनेवाली ‘सार्क’ परिषद में मौजूद रह सकते हैं, ऐसा दावा उच्चायुक्त बंबावले ने किया|

पाकिस्तान में सार्क देशों के वित्तमंत्रियों की बैठक में शामिल होने से भारतीय वित्तमंत्री ने इन्कार किया था| इससे पहले पाकिस्तान में हुई ‘सार्क’ गृहमंत्रियों की बैठक में शामिल हुए भारत के गृहमंत्री को अपमानित करने का एक भी अवसर पाकिस्तान ने नहीं गँवाया था| इस पृष्ठभूमि पर वित्तमंत्री अरुण जेटली को पाकिस्तान में ना भेजने का निर्णय लिया गया था| लेकिन प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में होनेवाली ‘सार्क’ परिषद में शामिल हो सकते हैं, यह घोषित करते हुए भारत के उच्चायुक्त ने पाकिस्तान को उलझन में ड़ाल दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

 

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