रशिया से बड़ी मात्रा में ईंधन खरीद रहा भारत यूरोपिय देशों को ईंधन प्रदान कर रहा हैं – ईंधन कारोबार की जानकारी रखनेवाली कंपनी का दावा

नई दिल्ली – भारत हर दिन लगभग ३,६०,००० बैरल्स प्रक्रिया किया हुआ ईंधन यूरोपिय देशों को प्रदान कर रहा हैं। इस वजह से यूरोपिय देशों को ईंधन प्रदान कर रहे सौदी अरब को भी भारत पीछे छोड़ता दिख रहा हैं। ईंधन कारोबार की जानकारी रखने वाले ‘केपलर डाटा’ ने यह जानकारी साझा की। साथ ही अप्रैल महीने में भारत द्वारा रशिया से हो रही ईंधन निर्यात प्रति दिन २० लाख बैरल्स तक जा पहुंचने का बयान ‘केपलर डाटा’ ने किया है। रशिया, सौदी अरब और इराक यह देश भारत को ईंधन प्रदान करने वाले पहले तीन बड़े देश होने की जानकारी इस कंपनी ने साझा की है। 

ईंधन कारोबारयूक्रेन युद्ध के बाद अमरीका और यूरोपिय देशों ने प्रतिबंध लगाकर रशिया की ईंधन निर्यात रोकने की कोशिश की थी। भारत को राहत की कीमत से ईंधन प्रदान करने का प्रस्ताव देकर रशिया ने इन प्रतिबंधों पर प्रत्युत्तर दिया। इसका पूरा लाभ भारत ने उठाया और रशिया से भारी मात्रा में ईंधन खरीद शुरू की। इससे थोड़े ही समय में रशिया ही भारत को सबसे अधिक मात्रा में कच्चे तेल प्रदान करने वाला देश बना हैं। अप्रैल महीने में ही रशिया से भारत तो हर दिन करीबन २० लाख बैरल्स ईंधन सप्लाई हो रही हैं। दोनों देशों के बीच शुरू यह ईंधन कारोबार फ़रवरी महीने में कुल ३.३५ अरब डॉलर्स तक जा पहुंचा था, यह जानकारी ‘केपलर डाटा’ ने प्रदान की।

रशिया से ईंधन खरीद करके भारत यूरोपिय देशों को ईंधन प्रदान कर रहा हैं, ऐसे आरोप पहले भी लगाए गए थे। पाकिस्तान के पत्रकार और विश्लेषकों ने रशिया का ईंधन भारत के ज़रिये यूरोपिय देशों को प्रदान किया जा रहा हैं, यह दावा किया था। इस ईंधन कारोबार में भारत ने अबतक अरबों डॉलर्स कमाएं हैं, ऐसा पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना हैं। इसी वजह से पाकिस्तान ने रशिया से हमें भी भारत की तरह ईंधन प्रदान करने की मांग की थी। इस बीच, भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी अमरीका के दौरे पर होते समय उन्हें भी एक साक्षात्कार के दौरान इसी विषय पर सवाल किया था।

रशिया से खरीदे ईंधन पर प्रक्रिया करके भारत इसे अमरीका को बेच रहा हैं, ऐसा आरोप अमरिकी पत्रकार ने लगाया था। इसके जवाब में हरदीप सिंह पुरी ने यह स्पष्ट किया कि, भारत की सरकार ऐसा कारोबार नहीं करती। लेकिन, भारतीय ईंधन क्षेत्र की निजी कंपनियां ऐसा करती होगी। अमरीका में लगाए गए इन आरोपों की तर्ज पर केपलर डाटा भारत के ईंधन कारोबार की जानकारी सार्वजनिक करती दिख रही है।

यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोपिय देशों ने रशिया से ईंधन खरीद रोक दी थी। इसके लिए अमरीका ने यूरोपिय देशों पर दबाव बनाया था। इसके लिए सौदी अरब और खाड़ी के अन्य देशों से ईंधन खरीदने की तैयारी यूरोपिय देशों ने जुटाई। लेकिन, सौदी और अन्य देशों ने रशिया को नाराज़ करके यूरोपिय देशों को अतिरिक्त ईंधन सप्लाइ करने से इन्कार किया था। इससे मुश्किलों से घिरे यूरोपिय देश भारत से प्रक्रिया किया हुआ ईंधन खरीद करके अपनी ज़रूरतें पुरी कर रहे हैं। लेकिन, यूरोपिय देश भारत से हर दिन तीन लाख साठ हज़ार बैरल्स ईंधन खरीद रहे हैं। ऐसे में भारत हर दिन रशिया से बीस लाख बैरल्स ईंधन खरीद रहा हैं, इस बात पर केपलर डाटा ने ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से अप्रत्यक्ष ढ़ंग से यूरोपिय देश अभी भी ईंधन के लिए रशिया पर निर्भर हैं, यही बात इससे स्पष्ट हो रही हैं।

यूक्रेन युद्ध इतने जल्द खत्म होने की संभावना ना होने से यूरोपिय देशों को आगे भी भारत से प्रक्रिया किया हुआ ईंधन खरीदना होगा, यह स्पष्ट दिख रहा हैं। भारतीय ईंधन कंपनियों को इससे लाभ प्राप्त हो सकता हैं। 

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