ब्रिटेन और यूरोप भारत की ओर चीन के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं – अमरिकी वृत्तसंस्था का दावा

वॉशिंग्टन – वर्ष २०२२ में चीन ४.३ और भारत ८.५ विकास दर से प्रगति करेंगे। कोरोना की महामारी के दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के जोरदार प्रदर्शन का संज्ञान लेकर ब्रिटेन और यूरोपियन्स भारत की ओर चीन के विकल्प के रूप में देख रहे हैं, यह दावा ‘वॉईस ऑफ अमरीका’ नामक वृत्तसंस्था ने किया। इसके लिए ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की कोशिश में होने की बात पर इस वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया।

ब्रिटेन और यूरोपब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाड़ा, इस्रायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अलावा यूरोपिय महासंघ के साथ भारत की मुक्त व्यापारी समझौते पर चर्चा हो रही है। भारत काफी बड़ा बाज़ार है लेकिन, कोरोना की महामारी के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था का जोरदार प्रदर्शन सभी देशों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस वजह से ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ भारत के साथ व्यापारी समझौता करने के लिए उत्सुक हैं। इसी बीच चीन की विस्तारवादी और आक्रामक नीति ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ को भारत के अधिक करीब ला रही है, इसका संज्ञान वर्णित वृत्तसंस्था ने अपनी खबर में लिया है।

भारत को खुश करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने कुछ निर्णय किए हैं। इसके अनुसार भारतीय नागरिकों को वीजा प्रदान करने से संबंधित निर्णय का समावेश है। इसके साथ ही भारतीय छात्रों का ब्रिटेन की युनिवर्सिटीज्‌ में शिक्षा प्राप्त करने की राह चौड़ी करने के लिए प्रधानमंत्री जॉन्सन ने कुछ निर्णयों का ऐलान किया था। साथ ही भारत और ब्रिटेन के मुक्त व्यापारी समझौते पर चर्चा शुरू हुई है और इसके लिए ब्रिटेन के शिष्टमंड़ल ने हाल ही में भारत का दौरा करने की ओर इस वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया।

गौरतलब है कि, यूरोपिय महासंघ के साथ चीन के राजनीतिक और व्यापारी स्तर के विवाद को ध्यान में रखते हुए महासंघ ने भी भारत के साथ व्यापारी सहयोग बढ़ाने की गतिविधियाँ शुरू की हैं, यह दावा वॉईस ऑफ अमरीका ने किया। पिछले वर्ष यह चर्चा शुरू हुई है और जल्द ही यह चर्चा पूरी होगी, यह दावा इस वृत्तसंस्था ने किया। अब तक अमरीका या यूरोपिय महासंघ ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारी समझौते नहीं किए हैं। लेकिन, उदित होती व्यापारी महाशक्ति के तौर पर भारत की अहमियत अमरीका और यूरोपिय महासंघ को भी मंजूर है। इसके लिए भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए अमरीका और यूरोपिय महासंघ पहल कर रहे हैं, ऐसा वॉईस ऑफ अमरीका ने कहा है।

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