भारत-लैटिन अमरिकी देशों का व्यापार ५० अरब डॉलर्स हुआ – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

सैंटो डोमिंगो – भारत-लैटिन अमरिकी देशों का व्यापार बढ़कर ५० अरब डॉलर्स तक जा पहुंचा हैं। ब्राज़ील-भारत द्विपक्षीय व्यापार अब ६.४८ अरब डॉलर्स हुआ हैं और भारत-जापान द्विपक्षीय व्यापार से यह ज्यादा होने की बात कही जा रही हैं। भारत-मेक्सिको व्यापार ४.४३ अरब डॉलर्स हैं और यह भी भारत-कनाड़ा के ३.७ अरब डॉलर्स व्यापार से अधिक हैं। इसके अलावा भारत ने शनिवार को डॉमनिकन रिपब्लिक में अपना राजदूत शुरू किया। इस देश और भारत का व्यापार अब लगभग ३३ करोड़ डॉलर्स हुआ हैं। इस वजह से लैटिन अमरिकी देश भारत से काफी दूर होने की समझ अब पीछे छुट रही हैं, यह कहकर विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इसपर संतोष व्यक्त किया।  

व्यापारडीपर ग्लोबलाइजेशन यानी गहरे वैश्विकरण की प्रक्रिया शुरू हुई हैं और इसके अनुसार लैटिन अमरिकी और कैरेबियन द्वीप देशों से भारत अपने व्यापारी ताल्लुकात अधिक मात्रा में बढ़ाने की कोशिश में लगा हैं। डॉमनिकलन रिपब्लिक में आयोजित एक समारोह में बोलते समय भारतीय विदेश मंत्री ने यह जानकारी साझा की। पिछले दशक से ही भारत और लैटिन अमरिकी देशों के व्यापारी संबध अधिक मज़बूत होने लगे हैं। इनका व्यापार अब बढ़कर ५० अरब डॉलर्स के करीब पहुंचा हैं। लैटिन अमरिकी देशों में मौजूद ईंधन क्षेत्र में भारत का निवेश बढ़ रहा हैं। ब्राज़ील, मेक्सिको, कोलंबिया और गयाना इन देशों से भारत कच्चे तेल की आयात कर रहा हैं। इसके अलावा इन देशों के आयटी, दवाईयां, दोपहिया निर्माण क्षेत्र में भी भारत का निवेश बढ़ रहा हैं, इसपर जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया।  

विश्व में पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बने भारत की लैटिन अमरिकी देशों के आर्थिक स्तर पर देखी जा रही मौजुदगी अब अधिक प्रभावी दिख रही हैं। भारत विश्व में सीर्फ सबसे अधिक जनसंख्या का देश नहीं हैं, बल्कि भारत विश्व में सबसे ज्यादा कुशल और गुणवत्ता रखनेवाला देश बना हैं और वैस्विक उत्पाद का केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा हैं। मौजूदा समय में भारत में शुरू डिजिटल क्रांति पुरे विश्व को सिख दे रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत बड़ा जोरदार काम कर रहा हैं। कोरोना के दौर में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की क्षमता का अहसास पुरी दुनिया को हुआ। उस दौर में सीर्फ अपने ही देश के बारे में सोच-विचार किया जा रहा था, तब भारत ने बड़ी निरपेक्षता से अन्य देशों को मानवीय सहायता मुहैया की थी, इसकी याद भी जयशंकर ने इस दौरान ताज़ा की।

इसी बीच, लैटिन अमरिकी देशों के व्यापार पर भारत ने अब अधिक ध्यान केंद्रीत किया है, यह बात पिछले कुछ सालों से बड़ी तीव्रता से सामने आयी थी। साथ ही लैटिन अमरिकी देश भी भारत के साथ अपना आर्थिक सहयोग अधिक मात्रा में विकसित करने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। आगे के समय में इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी लाभ प्राप्त होंगे, इसके आसार दिखाई देने लगे हैं।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर के लैटिन अमरिकी देशों के दौरे में यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आते दिख रही हैं। 

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