धोखेबाज चीन से सावधान रहें – हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को भारतीय विदेश मंत्री का संदेश

ढ़ाका – बांगलादेश की राजधानी ढ़ाका में छठीं ‘इंडियन ओशन कॉन्फरन्स’ की शुरूआत हुई। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर इस परिषद में उपस्थित रहे। इस दौरान बोलते समय जयशंकर ने स्पष्ट ज़िक्र किए बिना चीन पर हमला किया। ‘द्विपक्षीय समझौते का सम्मान ना करने वाले देशों की वजह से एक-दूसरे के भरोसे का बड़ा नुकसान होता है। संकुचित रणनीति पर काम करके व्यापक हित पर गौर ना करने वाले ऐसे देशों की वजह से काफी बड़ा नुकसान होता है’, ऐसी फटकार भारतीय विदेश मंत्री ने इस दौरान लगाई। साथ ही नाम लेने से दूर रहकर ही जयशंकर ने चीन के कर्जे से सावधान रहने का संदेश हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को दिया है। धोखेबाज चीनसे सावध रहने का भारतीय विदेश मंत्री ने दी हुई यह चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है। 

भारतीय विदेश मंत्री‘एससीओ’ के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री की हाल ही में आयोजित बैठक में भारत ने सीमा विवाद के मुद्दे पर कड़ी चेतावनी दी थी। भारत के संबंध सुधारने हैं तो पहले सीमा से सेना हटानी होगी, यह इशारा भारत के रक्षा और विदेश मंत्री ने भी चीन को दिया था। इसपर चीन आक्रामक भूमिका अपनाने से दूर रहा था। लेकिन, भारत में ‘एससीओ’ की बैठक होने के बाद चीनी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया। इसके ज़रिये चीन ने भारत को चेतावनी देने के दावे किए जा रहे हैं। ‘एलएसी’ से जुड़ी हमारी भूमिका में बदलाव नहीं होगा, यही संदेश चीन इसके ज़रिये भारत को देता दिख रहा है। इसके बाद ढ़ाका में आयोजित ‘इंडियन ओशन कान्फरन्स’ को संबोधित करते समय भारत के विदेश मंत्री ने चीन को फिर से तमाचा जड़ा। 

भारतीय विदेश मंत्रीस्पष्ट नाम का ज़िक किए बिना द्विपक्षीय समझौते के प्रति प्रतिबद्ध ना रहने वाले देश एक-दूसरे के भरोसे पर काफी बड़ा आघात करते हैं, ऐसा जयशंकर ने कहा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान किए बिना हरकतें कर रहें देशों की वजह से चिंताजनक स्थिति निर्माण होती है, यह कहकर जयशंकर ने चीन के दुष्प्रवृत्ती पर प्रहार किए। इसके अलावा गरीब देशों को कर्जे के फंदे में फंसाकर उनके संसधान और नैसर्गिक संपत्ति की लूट कर रहे चीन से सावधान रहने की चेतावनी जयशंकर ने दी। अपारदर्शी और अव्यवहार्य कर्ज आज नहीं तो कल त्रासदी ही साबित होता है, ऐसा भारत के विदेश मंत्री ने इस दौरान कहा। 

श्रीलंका को भारी ब्याजदर से प्रदान किए कर्जे का बुगतान ना होने से चीन ने श्रीलंका के हंबंटोटा बंदरगाह पर ९९ वर्ष के लिए कब्ज़ा किया है। अन्य दक्षिण एशियाई देश भी चीन के कर्जे का भुगतान करने में असफल होने से उनके नैसर्गिक संसाधन और रणनीतिक नज़रिये से अहम ठिकानों पर कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय विदेश मंत्री दी हुई चेतावनी अहमियत रखती है। 

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