भारत ईरान से ईंधन आयात शुरू करें – ईरान के राजदूत का अनुरोध

नई दिल्ली – पश्चिमियों के दबाव का सामना करने का साहस भारत रखता हैं। इस वजह से यह दबाव ठुकराकर भारत ईरान से ईंधन आयात करेगा, ऐसा विश्वास ईरान के राजदूत ने भारत में व्यक्त किया है। साथ ही भारत हमारे छाबर बंदरगाह का जल्द से जल्द विकास करे और वहां से व्यापारी यातायात शुरू करें। इससे भारत और ईरान को भी काफी बड़े लाभ प्राप्त होंगे, ऐसा ईरान के राजदूत इराज ईलाही ने कहा है।

ईंधन आयातपश्चिमियों ने दी हुई प्रतिबंधों की धमकियों को अनदेखा करके भारत ने रशिया से ईंधन आयात बढ़ाई थी। ईरान को लेकर भी भारत ऐसा ही करें, ऐसी उम्मीद यह देश व्यक्त कर रहा है। इसके लिए ईरान ने भारत को सहुलियत की कीमत पर ईंधन सप्लाइ करने का प्रस्ताव भी दिया है। पिछले कुछ हफ्तों से ईरान लगातार यह मांग भारत के सामने रख रहा है।

साल २०१८ में अमरीका ने ईरान के ईंधन निर्यात को लक्ष्य करने वाले प्रतिबंध लगाए थे। इस वजह से भारत को ईरान से ईंधन आयात करना कठिन हुआ। दोनों देशों का ईंधन कारोबार बाधित होने से ईरान को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा था। लेकिन, ऐसी स्थिति में भी भारत-ईरान द्विपक्षीय सहयोग जारी रहा। खास तौर पर ईरान के छाबर बंदरगाह विकसित करके इस बंदरगाह का व्यापारी यातायात के लिए इस्तेमाल करने की तैयारी भारत ने की थी। इस बंदरगाह के ज़रिये अफ़गानिस्तान और वहां से मध्य एशियाई देशों तक व्यापारी यातायात करने की महत्वाकांक्षी योजना भारत और ईरान ने बनाई थी।

ऐसे में राजदूत इराज ईलाही ने भी यह आवाहन किया है कि, छाबर बंदरगाह का भारत जल्द से जल्द विकास करें औ इसका इस्तेमाल शुरू करें। भारतीय माध्यमों से बातचीत करते हुए ईलाही ने इससे संबंधित प्रस्ताव भारत के सामने फिर से रखा। भारत छाबर बंदरगाह के ज़रिये ईरान के ईंधन की आयात कर सकता हैं और इसका काफी बड़ा लाभ भारतीय ईंधन कंपनियां, ग्राहक और अर्थव्यवस्था को होगा, ऐसा दावा ईरान के राजदूत ने किया है।

छाबर बंदरगाह सीर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक नज़रिये से भी भारत के लिए अहम होगा, इसका अहसास कराने की कोशिश ईरान के राजदूत ने इस दौरान की। साथ ही भारत का ईरान संबंधित नज़रिया सकारात्मक होने का बयान करके इराज ईलाही ने इसपर संतोष व्यक्त किया। पहले के दौर में दोनों ओर से कुछ द्विपक्षीय संबंधों के मोर्चे पर कमियां रही थी, इसकी कबुली भी राजदूत ईलाही ने दी।

इसी बीच, ईरान ने चीन की मध्यस्थता से सौदी अरब के ताल्लुकात सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। चीन की मध्यस्थता से हुई इस ‘डील’ को लेकर भारत ने बेचैन होने की कोई वजह नहीं हैं, यह भी ईरानी राजदूत ने स्पष्ट किया। सौदी अरब और ईरान के सहयोग से भारत को लाभ ही प्राप्त होंगे, यह विश्वास राजदूत ईलाही ने व्यक्त किया है।

ईरान-सौदी के शुरू हुए राजनीतिक सहयोग का भारत ने स्वागत किया था। भारत हमेशा से ही मतभेद दूर करने के लिए राजनीतिक संवाद का पुरस्कार करता रहा है, यह कहकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सौदी-ईरान की शुरू हुई राजनीतिक चर्चा का स्वागत किया था।

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