चीन ने अमरिकी बॉण्ड की भारी बिक्री शुरू की – एक साल में १७४ अरब डॉलर्स कम हुए

बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और ब्याजदर में बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर चीन द्वारा अमरिकी बॉण्ड की भारी मात्रा में बिक्री करने की बात सामने आ रही है। साल २०२२ के जनवरी में अमरिकी बॉण्ड की मात्रा १.०३ ट्रिलियन डॉलर्स थी। साल २०२३ में जनवरी के अन्त में चीन के विदेशी मुद्रा भंड़ार में अमरिकी बॉण्ड का मूल्य ८५९ अरब डॉलर्स तक गिरा। यह पिछले १३ सालों में न्यूनतम स्तर है।

अमरिकी बॉण्डपिछले तीन महीनों में चीन ने १८ अरब डॉलर्स से अधिक बॉण्ड की बिक्री करने की बात सामने आयी है। नवंबर में चीन ने ७.८ अरब डॉलर्स के बॉण्ड बेचे थे। इसके बाद दिसंबर में तीन अरब डॉलर्स और जनवरी में ७.५ अरब डॉलर्स के बॉण्ड बेचे। नए साल की शुरुआत में ही सात अरब डॉलर्स से अधिक बॉण्ड़ बेचकर चीन ने पिछले साल से शुरू की हुई बिक्री जारी रखने का निर्णय लिया हुआ दिख रहा है।

साल २०२२ में भी चीन ने १६५ अरब डॉलर्स से अधिक अमरिकी बॉण्डस्‌‍ बेचे थे। जनवरी २०२२ से जनवरी २०२३ के दौरान चीन के विदेशी मुद्रा भंड़ार से कुल १७४ अरब डॉलर्स के अमरीकी बॉण्ड घटे हैं। इससे पहले साल २०१० में चीन में अमरिकी बॉण्ड का मूल्य ९०० अरब डॉलर्स से कम था।

चीन द्वारा लगातार इस बिक्री के पीछे रशिया-यूक्रेन युद्ध, ताइवान का मुद्दा और अमरीका द्वारा चीनी कंपनियों पर कार्रवाई जैसे मुद्दे होने की बात कही जा रही है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका समेत पश्चिमी देशों ने रशिया पर भारी प्रतिबंध लगाए थे। इससे रशिया के विदेश मुद्रा भंड़ार को भी लक्ष्य किया गया था। रशिया के लगभग ५० प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा भंड़ार फिलहाल इन प्रतिबंधों की वजह से फंसा पड़ा है।

आनेवाले समय में चीन-ताइवान संघर्ष शुरू हुआ तो अमरीका और पश्चिमी देश अपने विदेशी मुद्रा भंड़ार को भी लक्ष्य कर सकते हैं, ऐसा ड़र चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को सता रहा है। इसकी वजह से धीरे-धीरे अमरिकी डॉलर्स की मात्रा कम करने की दिशा में चीन कदम बढ़ाता दिख रहा है। अमरीका ने पिछले साल से लगातार चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया है। इसकी वजह से चीन की हुकूमत में तीव्र नाराज़गी है और अमरीका को मुंहतोड़ प्रत्युत्तर देने की मांग चीनी नेता और अधिकारी कर रहे हैं।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरू किए चीन विरोधी व्यापार युद्ध के दौर में भी अमरिकी बॉण्ड और निवेश को लक्ष्य करने की मांग चीन से हो रही थी। इस पृष्ठभूमि पर गौर करें तो चीन द्वारा फिलहाल हो रही बॉण्ड की बिक्री ध्यान आकर्षित करती है। चीन के विदेश मुद्रा भंड़ार में फिलहाल तीन ट्रिलियन डॉलर्स से अधिक जमा हैं और इनमें लगभग ६० प्रतिशत हिस्सा अमरिकी बॉण्ड का है।

चीन ने युआन का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित मुद्रा के तौर पर स्थापित करने की दिशा में भी कोशिश शुरू की है। इसके लिए चीन कई देशों के साथ व्यापारी समझौता और कारोबार में युआन का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दे रहा है और अमरीका के डॉलर का इस्तेमाल कम करने की ओर कदम बढ़ाता हुआ देखा गया है।

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