काफी आक्रामक भूमिका अपनाकर भारत ने ‘डब्ल्यूटीओ’ की बैठक मे किसान-मछुआरों का हित संभाला – व्यापारमंत्री पियूष गोयल

नई दिल्ली – ‘वैश्‍विक स्तर पर विरोधी अभियान चलाए जाने के बावजूद, अपने किसान और मछुआरों का हित संभालने मे भारत को सफलता प्राप्त हुई। कोरोना वैक्सीन का निर्माण, किसान और मछुआरों को प्रदान हो रहा अनुदान एवं सहुलियतों के विरोध में वैश्‍विक व्यापार परिषद में दर्ज़ हुई आपत्तियों पर भारत ने मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दिया। वैश्‍विक व्यापार परिषद के व्यासपीठ पर पहली बार भारत ने आक्रामकता से अपनी भूमिका रखी और इस बैठक का एजेंड़ा भारत ने तय किया। १३५ करोड़ देशवासियों ने इसका गर्व महसूस करना होगा’, ऐसा व्यापारमंत्री पियूष गोयल ने कहा है।

पियूष गोयलवैश्‍विक व्यापार परिषद (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन-डब्ल्यूटीओ) की ‘मिनिस्ट्रीयल कॉन्फरन्स-एमसी १२’ का आयोजन हुआ। इस दौरान भारत और अन्य विकासशील देश अपने किसान और मछुआरों को प्रदान कर रहें अनुदान और सहुलियतों पर इस बैठक में आपत्ति जतायी गयी थी। इसके पीछे अमीर देशों के हितसंबंध हैं और इस बैठक में भारत एवं अन्य विकसनशील देशों को घेरने की कोशिश हो रही थी। कोरोना की महामारी और युक्रेन के युद्ध के कारण उभरी अनाज़ की किल्लत की पृष्ठभूमि पर इस बैठक की अहमियत थी। लंबे ४.५ साल बाद आयोजित की गई इस बैठक में भारत ने विकासशील देशों की बात काफी आक्रामकता से रखी।

कोरोना का टीका हो या कृषि एवं मत्स्य उत्पादन हो, अपने हितसंबंधों की रक्षा करने के लिए गरीब देशों की करोड़ों जनता के हित मे अड़ंगा बन रहें धनिक देशों के दावों का भारत ने खंड़न किया। विकासशील और गरीब देश अपने किसान-मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दे रहें अनुदान और सहुलियतों का धनिक देश विरोध कर रहे हैं। ऐसा ना करें और सबको व्यापार का ‘समान अवसर’ दें, ऐसी खुदगर्ज़ माँग ये देश लगातार कर रहे हैं। इस मसले पर विकासशील और गरीब देशों पर लगातार दबाव बनाने का काम ‘डब्ल्यूटीओ’ के ज़रिये किया जा रहा था। लेकिन, इस बार यह स्थिति पूरी तरह से बदली, ऐसी जानकारी व्यापारमंत्री ने प्रदान की।

‘डब्ल्यूटीओ’ की इस बार हुई बैठक के केंद्र में भारत था। ‘डब्ल्यूटीओ’ की हर बैठक के निष्कर्ष में भारत की पुख्ता भूमिका स्पष्ट तौर पर रखी गयी और इसके प्रभाव का भी एहसास हुआ, ऐसा गोयल ने कहा है। सिर्फ़ अपनी ही नहीं, बल्कि भारत ने अन्य गरीब और विकासशील देशों के अल्पभूधारक किसान और असुरक्षित घटकों की समस्या भी बड़ी तीव्रता से रखी, ऐसा व्यापारमंत्री ने कहा। इसपर काफी बड़ा रिस्पान्स प्राप्त हुआ और विकासशील और गरीब देशों ने भारत का पक्ष उठाया। कुछ देशों ने भारत के विरोध में दुष्प्रचार करने की भी कोशिश की। लेकिन, अन्त में सत्य सामने आया। भारत ने पेश किए मुद्दे उचित ही थे, यह सबको स्वीकार करना पड़ा, ऐसा पियूष गोयल ने कहा।

‘डब्ल्यूटीओ’ में भारत को गरीब और विकासशील देशों को बड़ी मात्रा में समर्थन प्राप्त होत दिख रहा है। भारत की लगातार आलोचना कर रहें पाकिस्तानी माध्यमों ने भी, भारत ने गरीब देशों का पक्ष उचित पद्धती से रखने की सराहना की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.