२ से १८ आयु वर्ग के कोरोना टीकाकरण की राह खुली – डीसीजीआय की ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी

नई दिल्ली – ‘द ड्रग्ज्‌ कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (डीसीजीआय) ने २ से १८ आयु वर्ग के बच्चों के कोरोना टीकाकरण के लिए भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी प्रदान की हैं। इससे देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण को बड़ा बल प्राप्त हुआ है। देश में छोटे बच्चों के टीकाकरण को आपात्कालिन मंजूरी प्राप्त करनेवाली यह दूसरी वैक्सीन है। इससे पहले ज़ायडस कैडिला की ‘जॉयकोव-डी’ नामक वैक्सीन को अगस्त में मंजूरी प्रदान की गई थी। लेकिन, यह वैक्सीन १२ से १८ आयु वर्ग के बच्चों को देना संभव है। ऐसे में ‘को-वैक्सीन’ का टीका २ से १८ आयु वर्ग के सभी बच्चों को देना मुमकिन होगा और इस वजह से देश में छोटे बच्चों का टीकाकरण करने के नज़रिये से यह खबर बड़ी अहमियत रखती है।

डीसीजीआयदेश में कोरोना की टीकाकरण मुहिम के दौरान अब तक ९६ करोड़ से अधिक टीके लगाए गए हैं। इनमें से अधिकांश टीकाकरण भारत में निर्माण की गई कोविशील्ड और कोवैक्सीन के माध्यम से हुआ है। १८ वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए भारत में अभी तक कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद स्कूल और कॉलेज धीरे-धीरे खुल रहे हैं। लेकिन, बच्चों की सुरक्षा को लेकर पालकवर्ग लगातार चिंता व्यक्त कर रहा है। कोरोना की तीसरी लहर उठने पर छोटे बच्चों में संक्रमण की मात्रा अधिक होगी, ऐसे इशारे कुछ विशेषज्ञों ने पहले दिए थे। इस वजह से बच्चों के लिए जल्द से जल्द कोरोना का टीका उपलब्ध हो, जिससे कोरोना संक्रमण से जुड़ी बच्चों की सुरक्षा की चिंता कम होगी, यह उम्मीद व्यक्त की जा रही थी। इस मोर्चे पर मंगलवार के दिन बड़ी खबर प्राप्त हुई। ‘कोवैक्सीन’ टीके के ज़रिये २ से १८ आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए आपात्कालिन मंजूरी प्रदान हुई है।

‘सेंट्रल ड्रग्ज्‌ स्टैण्डर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन’ के विशेषज्ञों ने ‘कोवैक्सीन’ के टीके का छोटे बच्चों पर किए गए दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की जाँच करने के बाद इस वैक्सीन को अनुमति प्रदान करने की सिफारिश ‘डीसीजीआय’ ने की थी। इसके बाद ‘डीसीजीआय’ ने छोटे बच्चों के टीकाकरण के लिए ‘कोवैक्सीन’ का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति प्रदान करने का निर्णय किया। दो हफ्ते पहले ही भारत बायोटेक ने ‘कोवैक्सीन’ के टीके का छोटे बच्चों पर किए गए परीक्षण की रपट विशेषज्ञों की समिती और डीसीजीआय के सामने रखी गई थी और इसे मंजूरी प्रदान करने की माँग की थी।

लेकिन, ‘डीसीजीआय’ की मंजूरी के बाद भी छोटे बच्चों के लिए यह टीका उपलब्ध होने के लिए और दो महीने लग सकते हैं। लगभग दिसंबर के अन्त में या नए वर्ष में इनका टीकाकरण शुरू हो सकता है। छोटे बच्चों के टीकाकरण के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए सरकार द्वारा विशेषज्ञों की समिती को कहा गया है। बिमारी से पीड़ित बच्चों का पहले टीकाकरण किया जाएगा, यह जानकारी भी सामने आ रही है।

इसी बीच ज़ायडस कैडिला की ‘जॉयकोव-डी’ वैक्सीन को अगस्त में अनुमति प्रदान की गई थी। यह वैक्सीन ‘डीएनए’ पर आधारित विश्‍व की पहली कोरोना वैक्सीन है और तीन डोज की यह पहली वैक्सीन है। बड़ों के साथ १२ से १८ आयु के बच्चों के लिए यह वैक्सीन उपलब्ध होगी। लेकिन, इसके लिए भी कुछ समय लगेगा। लेकिन, देश में अगले डेढ़-दो महीनों के दौरान छोटे बच्चों का टीकाकरण शुरू होगा, यह उम्मीद जताई जा रही है।

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