संबंध मजबूत और सहयोग गतिमान करने के लिए भारत और रशिया का ‘ऍक्शन प्लॅन’

मॉस्को, दि. २ : ‘पिछले सात दशकों में आंतर्राष्ट्रीय राजनीति में हो रहे उलटफेर में एक ही बात स्थिर रही, वह है भारत और रशिया के मजबूत संबंध| समय कठिन हो या अच्छा, रशिया हमेशा भारत के पीछे निश्‍चित रूप में खड़ा रहा है|’ इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनो देशों के बीच के संबंधों का महत्त्व अधोरेखित किया| ये संबंध अधिक ही दृढ़ करते हुए, भारत और रशिया के बीच का सहयोग अधिक बढाने के लिए ‘ऍक्शन प्लॅन’ तैयार करने का महत्वपूर्ण फैसला हमने किया है, ऐसे प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा|

‘ऍक्शन प्लॅन’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रशिया की यात्रा पर आये होकर, इस यात्रा में दोनो देशों के बीच करीब पाँच सहयोग समझौते संपन्न हुए| इनमें कुडनकुलम परमाणु प्रकल्प के पाँचवें और छठें युनिट के संदर्भ के सहयोग समझौतों का समावेश है| करीब ५० हज़ार करोड़ रुपयों के प्रकल्प का आधा खर्चा रशिया से ॠण के स्वरूप में भारत को दिया जायेगा| इसके साथ ही, रशिया ने भारत को ‘एस-४०० ट्रायम्फ’ यह हवाई रक्षायंत्रणा देने का फ़ैसला किया है| साथ ही, अतिप्रगत रक्षासामग्री के संयुक्त निर्माण पर दोनो देशों का एकमत हुआ है| इससे भारत और रशिया का सामरिक सहयोग की गाड़ी फिर से पटरी पर आती नजर आ रही है|

भारतीय प्रधानमंत्री की इस रशिया यात्रा पर दुनियाभर के विशेषज्ज्ञों का ध्यान लगा है| गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी और रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के बीच द्विपक्षीय चर्चा संपन्न हुई और दोनो देशों के बीच पाँच सहयोग समझौते संपन्न हुए हैं| इनमें तमिलनाडू के कुडनकुलम परमाणुप्रकल्प के युनिट क्रमांक पाँच और छह के संदर्भ के सहयोग समझौतों का समावेश है| करीबन ५० हज़ार करोड़ रुपयों के इस प्रकल्प के लिए आवश्यक खर्चे में से आधा खर्च रशिया से कर्ज़ के रूप में दिया जायेगा| कुडनकुलम परमाणु प्रकल्प का पाँचवा युनिट ६६ महीनों में कार्यान्वित होगा| इसके छह महिनों बाद छठा युनिट कार्यान्वित होगा, ऐसी जानकारी ‘न्यूक्लिअर पॉवर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष एस. के शर्मा ने दी|

इसके साथ ही, रशिया ने भारत को ‘एस-४०० ट्रायम्फ’ यह अतिप्रगत हवाई रक्षायंत्रणा देने की तैयारी दिखायी है| रशिया के उपपप्रधानमंत्री दिमित्री रोगोझिन ने यह जानकारी दी| एक ही समय लगभग ३६ लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रही यह यंत्रणा करीबन ४०० किलोमीटर तक का, हवा में होनेवाला कोई भी लक्ष्य भेद सकती है| इस आधुनिक यंत्रणा के प्राप्त होने से भारत की रक्षासिद्धता अधिक तौर पर मज़बूत होगी| इसके अलावा, भारत के रेलक्षेत्र में रशिया से सहयोग किया जानेवाला होकर, हाय स्पीड रेल के विकास के लिए रशिया भारत को सहयोग करनेवाला है| भारत और रशिया में करीब १९ प्रकल्प जल्द ही पूरे करने के लिए संयुक्त उपक्रम हाथ में लेने का फैसला प्रधानमंत्री मोदी और रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की बातचीत में किया गया| इसमें परिवहन, मूलभूत सुविधा के साथ आधुनिक तकनीक़, दवानिर्माण, विमान और वाहनक्षेत्र, हिरे और अलंकार जैसे क्षेत्रों में सहयोग का समावेश है|

पिछले कई सालों से भारत और रशिया के बीच के व्यापार में घाटा हो रहा है; ऐसे में, इस साल की पहले त्रैमासिक नतीजों में दोनो देशों के बीच के व्यापार में २९ प्रतिशत बढोतरी हुई है, यह बताते हुए रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस बात का स्वागत किया| वहीं, रशियन निवेशकों के लिए भारत में अमर्याद अवसर उपलब्ध हैं, ऐसा दावा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया|

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