अमरीका भारत को ‘एलएनजी’ निर्यात करेगी

वॉशिंग्टन, दि. २ : अमरीका भारत को ‘लिक्कीफाईड नैचरल गैस’(एलएनजी) निर्यात करने के लिए तैयार हुआ है| अमरीका के ऊर्जामंत्रालय ने मेक्सिकन आखात की एक परियोजना से भारत को प्रतिदिन १.८ अरब घन फीट ‘एलएनजी’ निर्यात करने की मंज़ुरी दे दी है| ‘एलएनजी’ की माँग में हो रही बढोतरी को देखते हुए, भारत की ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से अमरिकी ‘एलएनजी’ की यह आपूर्ति काफ़ी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती है|

‘एलएनजी’भारत और अमरीका में ‘एलएनजी’ निर्यात के मामले में चर्चा शुरू थी| भारत और सिंगापूर की संयुक्त मालिक़ियत रहनेवाला ‘फायरवुड ग्रुप’ और अमरीका के ‘पेनिन्सुला ग्रुप’ इन्होंने ‘डेफ्लिन’ नामक फ्लोटिंग एलएनजी परियोजना में निवेश किया था| अमरीका के लुसियाना राज्य स्थित मेक्सिकन आखात में रहे इस प्रकल्प से भारत को एलएनजी की आपूर्ति होनी चाहिए, ऐसी माँग भारत ने की थी| लंबे समय के बाद अमरीका ने यह माँग मंज़ूर करते हुए, भारत को एलएनजी की आपूर्ति करने की मंज़ुरी दी|

इससे, ‘डेफ्लिन’ परियोजना से भारत को अगले २० साल के लिए प्रति दिन १.८ अरब घन फीट इतने ‘एलएनजी’ की आपूर्ति होगी| अमरिकी नैसर्गिक वायु क्षेत्र में होनेवाला निवेश अमरिकी अर्थव्यवस्था और रोजगारनिर्माण के लिए बड़ा लाभदायक रहेगा| इसके साथ ही, अमरीका के मित्रदेशों की ऊर्जा सुरक्षा के लिए यह बात महत्त्वपूर्ण साबित होगी, ऐसा कहते हुए अमरीका के ऊर्जामंत्री रिक पेरी ने इस फ़ैसले का समर्थन किया|

मार्च महीने में भारत के पेट्रोलियम और नैसर्गिक वायुमंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अमरीका के ऊर्जामंत्री से भेंट की थी| इस समय ‘एलएनजी’ आपूर्ति पर ख़ासकर बातचीत हुई थी| भारत में ‘एलएनजी’ की माँग बड़े पैमाने पर बढ़ रही है| ‘एलएनजी’ पर आधारित कई ऊर्जा प्रकल्प भारत में शुरु हुए हैं| इस बढ़ती माँग पर ग़ौर करते हुए ‘एलएनजी’ आपूर्ति अखंडित रूप में हों, इसके लिए भारत कई विकल्प आज़मा रहा है| फिलहाल ‘एलएनजी’ आपूर्ति के लिए भारत खाड़ी देशों पर निर्भर है| लेकिन आखात की राजनयिक और सामाजिक अस्थिरता को देखते हुए, ‘एलएनजी’ के अन्य स्रोत विकसित करना भारत के लिए ज़रूरी हुआ था| भारत ने पहले से ही इसपर काम शुरू किया था| इसके तहत, अमरीका के नैसर्गिक वायु क्षेत्र में निवेश और अमरीका से एलएनजी की आयात करने के प्रयास, ये इन्हीं कोशिशों का भाग जाने जाते हैं|

इसके अलावा, स्थानीय ‘एलएनजी’ उत्पादन पर भी भारत ज़ोर दे रहा है| वर्तमान में इस संदर्भ में कई प्रकल्पों पर काम शुरू है| भारत सरकार ने ऊर्जा निर्माण में ‘एलएनजी’ का इस्तेमाल दुगुना बढ़ाने का लक्ष्य सामने रखा है| इसके लिए बड़े पैमाने पर ‘एलएनजी’ आयात की ज़रूरत है| इसके लिए ६५ हज़ार करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया होकर, ‘एलएनजी’ की आयात और पाईपलाईन जैसी बुनियादी सुविधाओं पर यह निधि खर्च की जानेवाली है|

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