भारत अमेरिका के सामने उठाएगा पन्नू ने भारतीय संसद पर हमला करने की दी हुई धमकी का मुद्दा – विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची

नई दिल्ली- भारत की संसद पर हमला करने की धमकी खलिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दी थी। इस धमकी को भारत बड़ी गंभारता से देख रहा है। इस धमकी के बाद भारत अब कनाड़ा और अमेरिका के सामने इस मुद्दे को उठाएगा, ऐसी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साझा की। लेकिन, ऐसे आतंकवादी माध्यमों का ध्यान खींचकर चर्चा में रहने के लिए ऐसी धमकियों का इस्तेमाल करते रहते हैं, इसपर भी बागची ने ध्यान आकर्षित किया। इसी कारण से इसपर हम अधिक चर्चा नहीं करेंगे, यह भी बागची ने स्पष्ट किया।

कनाड़ा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता रखने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू पर अमेरिका में हमला करने की कोशिश हो के दावे अमेरिका ने किए थे। इस मामले में भारत की गुप्तचर संगठन शामिल होने का दावा करके अमेरिका ने इस मुद्दे को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। इस मामले की जांच में भारत सहायता करें, यह मांग भी अमेरिका लगातार कर रही हैं। भारत ने भी इस मामले की जांच करने के लिए समिती गठित की है। अमेरिकी यंत्रणा इस तरह से अपने पीछे खड़ी देखकर जोश में आकर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत की संसद पर हमला करने की धमकी दी।

भारत अमेरिका के सामने उठाएगा पन्नू ने भारतीय संसद पर हमला करने की दी हुई धमकी का मुद्दा - विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची१३ दिसंबर, २००१ के दिन भारतीय संसद पर हमला हुआ था। इसके स्मरण दिन से पहले भारतीय संसद को लक्ष्य करने की चेतावनी पन्नू ने दी थी। इस तरह से अमेरिका में रहकर आतंकी हमला करने की धमकी दे पन्नू पर कार्रवाई करने की या उसे फटकार लगाने की पहल भी अमेरिकी यंत्रणा ने नहीं की है। बल्कि, अमेरिका पन्नू की इन धमकियों को पुरी तरह से अनदेखा करती दिख रही है। उल्टा उसका बचाव करने की नीति अमेरिका ने अपनाई है। लेकिन, पन्नू की धमकी का गंभीरता से संज्ञान लेकर भारत ने अमेरिका और कनाड़ा के सामने इस मामले को उठाने के स्पष्ट संकेत दिए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह स्पष्ट किया है कि, पन्नू की धमकाने को भारत बड़ी गंभीरता से देख रहा है। अमेरिका और कनाड़ा के सामने यह मुद्दा उठाया जाएगा, यह जानकारी भी बागची ने साझा की। लेकिन, आतंकवादियों को अधिक प्रसिद्धी न मिले, क्यों कि माध्यमों का ध्यान खींचना ही उनका ध्येय होता है। इस वजह से भारत इस मामले पर अधिक चर्चा नहीं करेगा। आतंकवाद एवं अन्य मुद्दों पर भारत और अमेरिका का मज़बूत सहयोग बना है। इसका इस्तेमाल करके भारत इस मुद्दे को उठाएगा, यह अरिंदम बागची ने स्पष्ट किया।

इसी बीच, गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े और भारत का द्वेष करने वाले के बचाव में खड़े होने का निर्णय करके अमेरिका के बायडेन प्रसासन ने अपनी ही पोल खोल रखी है, ऐसा दावा भारतीय विश्लेषक कर रहे हैं। पन्नू पर हमला करने की साज़िश भारतीय गुप्तचर संगठन ने करने का आरोप लगाकर इससे संबंधित जो सबूत अमेरिका ने पेश किए हैं, वह काफी खोखले हैं, इस पर भी भारतीय विश्लेषक ध्यान खींच रहे हैं। यह मुद्दा महाशक्ति कही जा रही अमेरिका को शोभा नहीं देती। उल्टा इससे अमेरिका अधिक मुश्किलों से घिर जाएगी, यह दावा भी विश्लेषक कर रहे हैं।

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