भारत-अमरीका के बीच ‘एअर लॉन्च युएव्ही’ विकसित करने के लिए समझौता

नई दिल्ली – भारत-अमरीका के बीच ‘डिफेन्स टेक्नॉलॉजी अ‍ॅण्ड ट्रेड इनिशिटिव्ह’ (डीटीटीआय) गुट की ११ वीं बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा तंत्रज्ञान सहयोग बढ़ाने में आनेवाले रोड़े दूर करने का और सहयोग अधिक मज़बूत बनाने का फ़ैसला हुआ। ‘एअर लॉन्च युएव्ही’ के संयुक्त विकास के लिए दोनों देशों के बीच समझौता होने की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी है। इससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत होने का दावा किया जा रहा है।

'एअर लॉन्च युएव्ही'‘रक्षा तंत्रज्ञान और व्यापार पहल (डीटीटीआय)’ की बैठक में दोनों देशों के विभिन्न रक्षा प्रोजेक्ट्स की प्रगति का भी जायज़ा लिया गया। कोरोना के संकट के कारण डीटीटीआय की लगातार दूसरी बैठक वर्चुअली संपन्न हुई। रक्षा सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और अमरीका के रक्षा विभाग की अंडर सेक्रेटरी ग्रेगरी कौस्नर की अध्यक्षता में अमरिकी प्रतिनिधिमंडल इस बैठक में सहभागी हुए थे।

लष्कर, नौसेना, हवाई और विमान वाहक तंत्रज्ञान पर ध्यान केंद्रित करनेवाले चार संयुक्त कार्यकारी गुट डीटीटीआय के अंतर्गत स्थापन किए गए हैं। फिलहाल इन चारों क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच जारी कार्यक्रम की रिपोर्ट इन गुटों द्वारा प्रस्तुत की गई। साथ ही, आनेवाले कुछ समय में ये प्रोजेक्ट्स किस तरह पूरे किए जाएँगे, इस पर चर्चा की गई।

सितंबर २०२० में हुई बैठक में, हवाई प्रणाली के संदर्भ में बनाये कार्यकारी गुट में, एयर लॉन्च यानी विमान से ही छोड़े जानेवाले युएव्ही के लिए सहयोग को अंतिम रूप दिया गया था। वहीं, हाल ही में संपन्न हुई बैठक में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस युएव्ही के विकास के लिए दोनों देशों के बीच संपन्न होनेवाला यह पहला समझौता है। इससे दोनों देशों के बीच हवाई तंत्रज्ञान विषयक सहयोग अधिक मज़बूत होगा, ऐसा भरोसा व्यक्त किया जा रहा है। इस समय रक्षा तंत्रज्ञान क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ें, इसके लिए आवश्यक कदम उठाने का फ़ैसला किया गया।

द्विपक्षीय रक्षा व्यापार बढ़ाना, रक्षा सामग्री का संयुक्त विकास और सहनिर्माण करना यह डीटीटीआय का उद्देश्य है। हर छह महीनों में इसकी बैठक संपन्न होती है। इस समय डीटीटीआय के अंतर्गत, अमरिकी और भारतीय उद्योगों को विशिष्ट तंत्रज्ञान विकसित करने के लिए प्रोत्साहन देने हेतु, रक्षा उद्योग सहयोग मंच की एक वर्चुअल प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी।

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