रशिया पर प्रभाव रखनेवाला भारत मध्यस्थता करके रशिया के हमलों को रोके – यूक्रैन के राजदूत का आवाहन

नई दिल्ली – कुछ चुनिंदा देश ही रशिया पर प्रभाव डाल सकते हैं| इनमें से भारत सबसे आगे है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक नेता हैं| वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से चर्चा करके यूक्रैन पर होनेवाले हमले तुरंत रुकवा सकते हैं| हम मोदीजी से इसके लिए तहेदिल से बिनती कर रहे हैं| भारत से हमें रिस्पान्स मिलेगा, यह ‘आशा’ है, ऐसा भारत में नियुक्त यूक्रैन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा है|

india-mediator-ukraineभारत मध्यस्थता करके हमला रोके| यूक्रैन के लिए नहीं, बल्कि यूक्रैन में शिक्षा पाने वाले बीस हज़ार से अधिक भारतीय छात्रों के लिए तो भारत रशिया के यह हमले रुकवा दे, ऐसी बिनती राजदूत इगोर ने की| शांतिप्रिय भारत ने वैश्विक शांति के लिए अब तक काफी बड़ा योगदान दिया है, इसकी याद भी यूक्रैन के राजदूत ने ताज़ा की| साथ ही महाभारत का युद्ध टालने के लिए की गई कोशिश एवं २५ हज़ार वर्ष पहले के कौटिल्य की राजनीति शास्त्र का गौरवता से ज़िक्र करके राजदूत इगोर ने आवाहन किया कि, यूक्रैन पर होने वाले हमले भारत रुकवाए|

जिस दौर में यूरोप में सभ्यता विकसित नहीं हुई थी, उस दौर में भारत में चाणक्य जैसे बुद्धिमान राजनीति शास्त्र पर कार्य कर रहे थे| किसी भी गुट का हिस्सा ना होनेवाले निष्पक्ष अभियान की पहल करनेवाले भारत ने अपने अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का इस्तेमाल करने का अवसर आया है, ऐसा यूक्रैन के राजदूत ने कहा है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के कुछ चुनिंदा नेताओं के बयान को ही अहमियत देते हैं| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें से एक हैं| इसी कारण हमें भारत से इस सहायता की उम्मीद है| मोदीजीं की मॉंग पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष निश्चितरूप से उनका कहना मानेंगे, यह दावा राजदूत इगोर ने किया|

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरूवार रात रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से फोन पर बातचीत करेंगे, ऐसी खबरें आई थीं| इसी बीच विदेशमंत्री जयशंकर ने यूरोपिय महासंघ के विदेश नीति प्रमुख, ब्रिटेन, पोलैण्ड, रोमानिया, स्लोवेनिया के साथ यूक्रैन के मसले पर चर्चा की|

यूक्रैन की समस्या पर भारत ने तटस्थ भूमिका अपनाई है| लेकिन, संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में किए गए बयान में भारत के राजदूत तिरूमूर्ती ने कहा कि, इस क्षेत्र के सभी देशों की सुरक्षा संबंधी हितों को ध्यान में रखते हुए इस समस्या का हल निकाला जाए| यूक्रैन नाटो का सदस्यता पाएगा है तो इससे रशिया की सुरक्षा खतरे में आएगी, यह रशिया ने बार-बार स्पष्ट किया था| इससे रशिया के इशारों को नजरअंदाज करने से ही यूक्रैन पर यह संकट टूटा है| अमरीका और नाटो के वादों पर भरोसा करके रशिया से टकराने की भाषा करने वाले यूक्रैन को अब रशिया के हमलों को रोकने के लिए भारत की मध्यस्थता की ज़रूरत महसूस हो रही है|

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