देश में पहली ही बार ‘क्यूकेडी` तंत्रज्ञान के द्वारा दो शहरों में संपर्क – ‘डीआरडीओ` द्वारा सफल परीक्षण

नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और विंध्याचल इन दो शहरों में ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्युशन` (क्यूकेडी) इस तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करके संपर्क स्थापित करने में  ‘डीआरडीओ` को सफलता मिली है। दिसंबर 2020 में डीआरडीओ ने हैदराबाद में सबसे पहले इस तंत्रज्ञान का परीक्षण किया था। उस समय हैदराबाद स्थित ‘डीआरडीओ` की दो प्रयोगशालाओं में संपर्क स्थापित किया गया था। वही, इस बार दो अलग-अलग शहरों में ऐसा ‘क्वांटम` संपर्क स्थापित किया गया। देश में पहली ही बार ‘क्यूकेडी` तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करके दो शहरों के बीच संपर्क स्थापित करने की क्षमता का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। यह बहुत बड़ी छलांग साबित होती है। लष्करी तथा गोपनीय संपर्क के लिए यह तंत्रज्ञान भविष्य में बहुत ही उपयोगी साबित होगा। इसलिए इस परीक्षण का महत्त्त्व बढ़ा है।

रक्षा संशोधन और विकास संस्था (डीआरडीओ) ने क्वांटम गतिशास्त्र पर आधारित ‘क्रिप्टोग्राफीक प्रोटोकॉल` का इस्तेमाल करके ‘क्यूकेडी` यानी ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्युशन` यह संपर्क पद्धति विकसित की है। इसमें संपर्क करनेवालीं दो पार्टियों द्वारा ‘सिक्रेट की` बनाकर संपर्क किया जाता है। इस तंत्रज्ञान के ज़रिये बनाया गया संपर्क सुरक्षित माना जाता है। यह संदेशवहन यंत्रणा को छेदना लगभग असंभव बात होने का दावा किया जाता है।

इस कारण, इसके द्वारा हुआ जानकारी का आदानप्रदान गोपनीय रह सकता है। इसका इस्तेमाल लष्करी तथा गोपनीय काम के लिए होनेवाला है। ऐसा तंत्रज्ञान दुनिया के चंद कुछ गिनेचुने देशों के पास है। अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान और चीन ने क्वांटम संपर्क का तंत्रज्ञान विकसित किया है। भारत को इन देशों में स्थान मिला है।

केबल डीआरडीओ ने ही नहीं, बल्कि भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संस्था (इस्रो) ने भी ‘क्वांटम क्रिप्टोग्राफीक` संदेशवहन यंत्रणा विकसित की है। इसका परीक्षण पिछले साल के मार्च महीने में अहमदाबाद में इस्रो ने किया था। 300 मीटर की दूरी पर होनेवाले दो स्थानों के बीच इसके द्वारा संपर्क स्थापित किया गया था।

डीआरडीओ ने दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और विंध्याचल इन दो शहरों में ‘क्यूकेडी` यंत्रणा की सहायता से संपर्क का परीक्षण किया होने की ख़बर है। इन दो शहरों के बीच का फ़ासला लगभग 100 किलोमीटर का है। यह परीक्षण आन्तर्राष्ट्रीय मापदंड के अनुसार संपन्न हुआ और सभी परिमाणों पर सफल साबित हुआ। डीआरडीओ के संशोधकों के साथ दिल्ली के इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीच्या (आईआईटी) संशोधककों की टीम भी इस एक्स्परिमेंट में शामिल हुई थी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ.जी.सतिश रेड्डी ने इस सफलता पर संशोधकों का अभिनंदन किया है।

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