’क्वाड’ को मज़बूत करने पर हुई भारत-अमरीका ‘टू प्लस टू’ बैठक में चर्चा

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन – चीन के कारण बनी तनाव की स्थिति में शुक्रवार के दिन भारत और अमरीका ने ‘टू प्लस टू’ चर्चा की। इस द्विपक्षिय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधित सहयोग के साथ ही इंडो-पैसिफिक की गतिविधियां और ‘क्वाड’ को अधिक गति देने के मुद्दे पर इस बैठक में चर्चा होने की जानकारी प्रदान की गई है। कुछ दिन पहले ही ‘क्वाड’ में फ्रान्स के समावेश पर चर्चा शुरू होने की ख़बर प्राप्त हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर भारत-अमरीका के बीच इंडो-पैसिफिक समेत क्वाड के मुद्दे को प्राथमिकता देना अहमियत रखता है।

US-India-Quadअमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने बीते महीने में ‘क्वाड’ को अधिक गति प्रदान करने के लिए अमरीका सक्रिय हो रही है, ऐसे संकेत दिए थे। ओब्रायन के साथ विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ‘क्वाड’ के सदस्य देशों के सहयोगियों से बातचीत करने की तैयारी में हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की गतिविधियां रोकने के लिए गठित हुए इस गुट में भारत अधिक योगदान प्रदान करे, ऐसी इच्छा अमरीका रखती है। इसकी वजह से भारत के साथ हो रही अलग अलग बैठकों में अमरीका लगातार क्वाड के मुद्दे पर जोर देने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है। शुक्रवार के दिन हुई बैठक में अमरीका ने क्वाड के मुद्दे पर जोर देना इन्हीं कोशिशों के संकेत समझे जा रहे है।

शुक्रवार के दिन हुई ‘वर्च्युअल’ बैठक में भारत के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी वाणी राव और रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सोमनाथ घोष शामिल हुए। अमरिकी विदेश विभाग के ‘ब्युरो ऑफ साउथ ऐण्ड सेंट्रल एशियन अफेअर्स’ के डीन थॉम्पसन और रक्षा विभाग के इंडो-पैसिफिक सिक्युरिटी अफेअर्स के डेविड हेल्वे उपस्थित थे। दिसंबर २०१९ में भारत और अमरीका के बीच मंत्री स्तर की ‘टू प्लस टू’ बैठक हुई थी। उस समय की गई चर्चा के मुद्दों पर हुई प्रगति पर इस बैठक में बातचीत हुई, ऐसी जानकारी विदेश विभाग के निवेदन में साझा की गई है। निवेदन में ‘यूएस-इंडिया कॉम्प्रेहेन्सिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का भी ज़िक्र किया गया है और दो देशों की नज़दीकियां बढ़ने की बात इस निवेदन में दर्ज़ क गई है।

अमरिकी विदेश विभाग ने साझा किए निवेदन में भारत का ज़िक्र ‘मेजर डिफेन्स पार्टनर’ के तौर पर किया गया है। साथ ही चीन का सीधा ज़िक्र किए बगैर दक्षिण एशिया को अस्थिर करनेवाली घटना एवं उस पर दिए गए प्रत्युत्तर पर ध्यान केंद्रीत किया गया। भारत के साथ हुई बैठक में कोरोना वायरस एवं आतंकवाद विरोधी मुहिम जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की बात भी अमरिकी विदेश विभाग ने साझा की।

वर्ष २००७ में जापान की पहल से हुई चार देशों की अनौपचारिक बैठक को ‘क्वाड’ नाम दिया गया था। वर्ष २०१७ में हुई ‘आसियान’ परिषद की पृष्ठभूमि पर ‘क्वाड’ सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों की अहम बैठक हुई। इस बैठक में चीन की साउथ चायना सी में बढ़ रही हरकतें रोकने के लिए ‘क्वाड’ को सक्रिय करने पर सहमति हुई। इसके बाद बीते तीन वर्षों में यह गुट चीन के खिलाफ़ प्रमुख गुट के तौर पर उभर रहा है और इस गुट के सदस्य देशों की लगातार हो रही बैठकें इसी की पुष्टी करती हैं।

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