रक्षा सिद्धता में बढोतरी करते समय चीन के खतरें का कारण आगे ना करें – चीन के मुखपत्र की भारत पर टिप्पणी

बीजिंग – अपनी सेना के सामर्थ्य में बढोतरी करते समय भारत चीन का कारण आगे ना करें, यह टिप्पणी चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने की है| हिंद महासागर क्षेत्र में चीन अपनी नौसेना की तैनाती कर रहा है और इससे भारत के लिए बने खतरें में बढोतरी हो रही है| इसी कारण भारत रक्षा सिद्धता में बढोतरी कर रहा है, यह दावा भारतीय माध्यम करते है| लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र से चीन की व्यापारी यातायात होती है और इसकी सुरक्षा के लिए चीन यह तैनाती करता है, यह खुलासा छीन के मुखपत्र ने किया है|

भारत जल्द ही करीबन २.२ अरब डॉलर्स की बडी रकम खर्च करके युद्पोत की खरीद करेगा, यह समाचार हाल ही में प्रसिद्ध हुआ था| साथ ही भारत ने अपने रक्षादलों के आधुनिकिकरण के लिए करीबन २५० अरब डॉलर्स की योजना तैयार की है| चीन हिंद महासागर क्षेत्र में कर रहे घुसपैठ की वजह से भारत की सुरक्षा के लिए चुनौती मिल रही है| इसके विरोध में यह तैयारी होने का दावा भारतीय माध्यम कर रहे है| यह बात काफी विपर्यास की है| भारत को अपनी रक्षा सिद्धता में बढोतरी करनी है तो चीन उसका स्वागत करेगा| लेकिन, इसके लिए चीन के खतरे का कारण आगे करना गलत है, ऐसा ग्लोबल टाईम्स का कहना है|

हिंद महासागर क्षेत्र से चीन का यूरोपिय, खाडी और अफ्रिकी देशों के साथ व्यापार शुरू है| इस व्यापारी यातायात की रक्षा करने के लिए चीन के युद्धपोत इस क्षेत्र में तैनात होते है| हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा की स्थिति उतनी अच्छी नही है, इसीलिए चीन को यह तैनाती करना जरूरी है| इस क्षेत्र में चीन की तैनाती होने से सीर्फ चीन को ही नही, बल्कि अन्य देशों के व्यापारी यातायात का भी संरक्षण हो रहा है, यह दावा ग्लोबल टाईम्स ने किया है|

ऐसा होते हुए भारत के माध्यम सीर्फ चीन से अपने देश के लिए खतरा होने की तकरार कर रहे है| भारत को चीन से नही बल्कि अपने पुरानी लष्करी तकनीक और लष्करी सामान के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहने से खतरा है, इसका भारतीय माध्यम एहसास रखे, यह फटकार ग्लोबल टाईम्स ने लगाया है| इस दौरान, भारतीय माध्यमों पर चीन के ग्लोबल टाईम्स ने ऐसी आलोचना करना नई बात नही है| चीन की लष्करी तकनीक एवं सामर्थ्य भारत की तुलना में काफी बडा होने की याद चीन का यह मुखपत्र लगातार भारत को दिलाता है| इस बार भी ग्लोबल टाईम्स ने यही कोशिश की है| लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के वर्चस्व को चुनौती देना इतनी आसान बात नही रही, इसका कडा एहसास अब चीन को हो रहा है| इसी की छबी ग्लोबल टाईम्स के इस लेख से दिखाई दे रही है|

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