‘भारत की सफलता को चीन ने गंभीरतापूर्वक देखना चाहिए’ : चिनी अभ्यासगुट की सलाह

बीजिंग, दि. ११: भारत चीन से बहुत पीछे है, ऐसे शब्दों में हमेशा भारत को उकसानेवाले चीन ने पहली ही बार भारत की सभी क्षेत्रों में चल रही प्रगति पर ध्यान दिया है| भारतीय अर्थव्यवस्था भविष्य में काफी तेज़ी से प्रगति करेगी| चीन सरकार को भारत के साथ की इस प्रतिस्पर्धा को गंभीरता से देखना चाहिए, ऐसी सलाह चीन के ‘एनबाउंट’ इस अभ्यासगुट ने दी है| वहीं, इस अभ्यासगुट के सर्वेक्षण के हवाले से, चीन सरकार का मुखपत्र रहे ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने एक आर्टिकल में, भारत की हो रही प्रगति चीन को महँगी पड़ेगी, ऐसी चेतावनी दी|

दुनिया की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रहे चीन ने, भारत की प्रगति की रफ़्तार को ध्यान में लेकर समय पर ही रणनीति नहीं बनाई, तो चीन भारत की सफलता का मात्र दर्शक बनकर रह जायेगा, ऐसा चीन के अभ्यासगुट ने कहा है| इस मामले में चीन के इस अभ्यासगुट ने एक सर्वेक्षण किया था| उसमें भारत, दुनिया के निवेशकों की पसंद रहनेवाले पहले तीन अर्थव्यवस्थाओं में रहने की बात सामने आई| इस अहवाल पर ग़ौर करके चीन के मुखपत्र ने खुद की सरकार को सलाह देनेवाला लेख छपवाया है|

पिछले कुछ समय से चीन की अर्थव्यवस्था की गति मंद हुई है, ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था में ते़ज़ी दिखाई दे रही है| चीन का वार्षिक विकासदर ६.७ प्रतिशत तक नीचे आया है| वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर २०१६-१७ में ७.१ प्रतिशत रहेगा ऐसा अंदाज़ा है| चीन की अर्थव्यवस्था में पहले जिस प्रकार की गति दिखाई दे रही थी, उस प्रकार की गति भारत की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी है, ऐसा ग्लोबल टाईम्स ने अपने लेख में कहा है|

भारत की आधे से अधिक लोकसंख्या युवा है| इस कारण केवल सस्ता मनुष्यबल ही उपलब्ध नहीं हो रहा है, बल्कि ग्राहकशक्ति भी भारत की बड़ी है| मनुष्यबल, मार्केट, ग्राहक और क्रयशक्ति इन सभी चीज़ों में भारत चीन की बराबरी में है| उल्टे युवा लोकसंख्या यह भारत का प्लस प्वाईंट है, ऐसा ग्लोबल टाईम्स ने अधोरेखित किया है|

भारत चीन की कई मामलों में नकल कर रहा होकर, दुनियाभर के निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने में भारत कामयाब हो रहा है| भारत दुनियाभर के निवेशकों को इसी प्रकार से आकर्षित करने में कामयाब हुआ, तो चीन के लिए यह बहुत बड़ी चुनौति हो सकती है, ऐसे शब्दों में ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने अपनी सरकार को भारत की प्रगति से सावधान रहने की सलाह दी|

चीन की कई कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं और वहीं पर अपना उत्पादन केंद्र खड़ा कर रही हैं| भारत जानबूझकर जागतिक स्तर पर, ‘हमारी चीन के साथ प्रतिस्पर्धा है’ ऐसा चित्र खड़ा कर रहा है, ऐसा इस लेख में अधोरेखित किया है|

चीन के मुखपत्र ने भारत की सौरउर्जा क्षेत्र की नीति की तारीफ़ की| भारत ने पिछले कुछ सालों में सौर ऊर्जा क्षेत्र को उत्तेजन देने के लिए उठाये कदमों की वजह से, आनेवाले समय में इस क्षेत्र में भारत से कोई भी देश प्रतिस्पर्धा नहीं करेगा, ऐसा दावा भी ग्लोबल टाईम्स ने किया| भारत ने अगले पाँच साल में इस क्षेत्र में १०० अरब डॉलर निवेश का लक्ष्य रखा है और इसके लिए कई जगहों पर सोलर पार्क बनाये जा रहे हैं, ऐसा उल्लेख इस लेख में किया गया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.