चीन के साथ ही पाकिस्तान तथा नेपाल की सीमा पर भी भारत को घेरा जा सकता है – चीन के सरकारी मुखपत्र की धमकी

बीजिंग – अपना लष्करी सामर्थ्य भारत की तुलना में कई ज़्यादा होने के दावें करनेवाला चीन, भारत पर पाकिस्तान तथा नेपाल की सीमा पर से भी दबाव डालने की भाषा करने लगा है। चीन की सीमा पर यदि संघर्ष उद्भवित हुआ, तो भारत को, चीन के क़रीबी सहयोगी होनेवाले पाकिस्तान और नेपाल से भी हमलों का सामना करना पड़ेगा और एक ही समय पर तीन मोरचों पर लड़ने की क्षमता भारत के पास नहीं है, ऐसा दावा चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत का मुखपत्र होनेवाले ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है। उसी समय, अमरीका द्वारा उक़साने के कारण भारत चीनविरोधी हरक़तें कर रहा है और सीमाविवाद शुरू होने के बाद, ‘चिनी सामान का बहिष्कार’ जैसीं मुहिमें भारतीयों ने रोकनी चाहिए, ऐसी सलाहें भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दीं हैं।

India-Chinaगलवान वैली में हुई झड़प में भारत के २० सैनिक शहीद होने पर भारत में ग़ुस्से की लहर उमड़ी है। उसकी आँच चीन को भी महसूस होने लगी है। इसी कारण, बार बार भारत को चेतावनियाँ तथा धमकियाँ देनेवाले चीन के मुखपत्र ने, इस समय भारत को नयीं नयीं धमकियाँ देने का सत्र जारी रखा है। एक तरफ़, चीन का लष्करी सामर्थ्य भारत से कई ज़्यादा होने के दावे ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय लेख में किये हैं। वहीं, दूसरी तरफ़, पाकिस्तान और नेपाल जैसे छोटे देशों का इस्तेमाल करके भारत को परेशान किया जा सकता है, ऐसी धमकी ‘ग्लोबल टाईम्स’ के संपादकीय लेख में दी गयी है। साथ ही, चीन ने गलवान वैली में मरे हुए अपने जवानों की संख्या छिपायी इसका कारण, चीन को अपने देश की जनता की भावनाएँ भड़काकर विवाद को बढ़ाना नहीं, यह है, ऐसी उदात्त भूमिका ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने रखी है। अलग शब्दों में, ‘कर्नल’ के पद पर के अपने अधिकारी समेत २० सैनिक गँवानेवाला भारत, चीन के सामर्थ्य के धाक में रहकर इस बात को हूल जायें और गलवान वैली चीन के लिए छोड़ दें, ऐसा सुझाव ‘ग्लोबल टाईम्स’ दे रहा है। साथ ही, सीमाविवाद भड़कने पर चिनी उत्पादों का बहिष्कार करने की भाषा भारत ना करें, ऐसी सलाह भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है। दोनों देशों के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी तथा विदेशमंत्री सीमाविवाद को शांति से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, इसपर ग़ौर फ़रमाकर, चीन को भी भारत के साथ संघर्ष अपेक्षित नहीं है, ऐसा इस संपादकीय लेख में नमूद किया गया है। लेकिन चीन के सब्र को कमज़ोरी ना समझें, ऐसी चेतावनी इस लेख में दी गयी है।

लद्दाख में चिनी सैनिकों ने घुसपैंठ करने के बाद, ‘ग्लोबल टाईम्स’ लगातार भारत के विरोध में जहर उगल रहा है। साथ ही, अपने इस मुखपत्र का इस्तेमाल करके चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत भारत को चेतावनियाँ और धमकियाँ दे रही है। लेकिन अब भारतीयों का ग़ुस्सा आपे से बाहर होने के बाद, तीनों ओर से भारत को घेरने की धमकी देकर चीन की हुक़ूमत भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। लेकिन चीन के दाँवपेंच, व्यूहरचना इनका पूरा अंदाज़ा होनेवाले भारतीय रक्षादलों ने इस देश की सारीं चालें नाक़ाम करने की ज़ोरदार तैयारी की है। इतना ही नहीं, बल्कि भारत की सरकार ने भी, चिनी लष्कर की हरक़तों का जवाब देने की पूरी आज़ादी अपने सेनादल को दी है। इस कारण, आनेवाले समय में चीन की सीमा पर हाथापाई नहीं होगी, बल्कि चीन को गोली से जवाब मिलेगा, ऐसा कहकर भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी उसपर संतोष ज़ाहिर कर रहे हैं। जब तक चीन को झटका नहीं लगता, तब तक यह देश भारत के सब्र का इसी तरह इम्तिहान लेता रहेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत ‘ग्लोबल टाईम्स’ के इस संपादकीय लेख से मिल रहे हैं।

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