भारत-ऑस्ट्रेलिया ‘टू प्लस टू’ बातचीत

नई दिल्ली – भारत और ऑस्ट्रेलिया की सचिव स्तरीय ‘टू प्लस टू’ बातचीत राजधानी नवी दिल्ली में शुरू हुई है| अगले हफ्ते में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भारत पहुंच रहे है| उनकी इस यात्रा की पूर्व तैयारी करने के लिए दोनों देशों में यह सचिव स्तरीय बैठक शुरू होने की बात कही जा रही है| ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर स्कॉट मॉरिसन ने चीन के विरोध में कडी भूमिका अपनाई है| इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मॉरिसन की इस भारत यात्रा की काफी बडी सामरिक, राजनयिक एवं आर्थिक अहमियत बनी है|

भारत के विदेश सचिव विजय गोखले, रक्षा सचिव अजय कुमार एवं ऑस्ट्रेलिया के विदेश सचिव फ्रान्सिस एडमसन और रक्षा सचिव ग्रेग मॉरिएट्री के बीच सोमवार से यह बातची शुरू हुई| इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधी एवं क्षेत्रिय सुरक्षा के मुद्दे पर गहरी बातचीत होने की उम्मीद जताई जा रही है| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिति और वहां की शांति, स्थिरता और समृद्धी के मुद्दे पर दोनों देश विचार कर रहे है, यह बात इस बातचीत से स्पष्ट हुई|

द्विपक्षीय सागरी सुरक्षा एवं दोनों देशों के समान हितसंबंधों की रक्षा के लिए सहयोग करने के मुद्दे पर इस ‘टू प्लस टू’ बातचीत में सहमति बनी| इस दौरान, भारत और जापान के विदेशमंत्री और रक्षामंत्री की ‘टू प्लस टू’ बातचीत हाल ही में हुई थी| इस बातचीत में भी इन्हीं मुद्दों का समावेश रहा| अब ऑस्ट्रेलिया के साथ हो रही बातचीत में भी ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा पर प्रमुखता से विचार होरहा है, यह बात ध्यान आकर्षित करनेवाली है|

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अगले हफ्ते में भारत पहुंच रहे है| उनकी यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए भी काफी अहम समझी जा रही है| स्कॉट मॉरिसन ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री होने के साथ ही उन्होंने चीन को झटके देनेवाले आक्रामक निर्णय किए थे| फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में चीन का प्रभाव चिंताजनक स्थिति तक जा पहुंचने का दावा करके मॉरिसन की सरकार ने चीन को रोकने की तैयारी की है|

इस पर चीन ने प्रतिक्रिया दर्ज की है और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर असर होगा, यह धमकी भी ऑस्ट्रेलिया को दी थी| ऐसी स्थिति में भारत के साथ सहयोग बढाकर ऑस्ट्रेलिया इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है| साथ ही चीन के साथ व्यापारी संबंधों में तनाव होते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भारत के साथ अपनी व्यापारी भागीदारी और भी मजबूत करने के लिए उत्सुकता दिखा रहे है| चीन से भी अधिक भारत ही ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छा भागीदार साबित होगा, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था|

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