अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत लौटने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में हुई वृद्धि – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावा

इस्लामाबाद – अमेरिका की सेना हटने के बाद अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत स्थापीत हुई थी। इसपर पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा जल्लोष किया था। लेकिन, अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों के हमलों में ६० प्रतिशत और आत्मघाती हमलों में ५०० प्रतिशत बढ़ोतरी होने का दावा पाकिस्तान के अस्थायी प्रधानमंत्री ने किया है। दो साल के दौरान पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों में दो हजार से भी अधिक की मौत होने की जानकारी साझा करके इन हमलों के पीछे अफगानी होने का आरोप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने लगाया हैं। पाकिस्तान ने अफगान नागरिकों को निष्कासित करना शुरू करने के बाद तालिबान तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं। दुनियाभर में इसपर नाराज़गी जतायी जा रही हैं और इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इन आतंकी हमलों की वजह बयान करते दिख रहे हैं।

अफगानिस्तान से अमेरिका हट जाए, ऐसी मांग पाकिस्तान में ही की जा रही थी। इसी वजह से अमेरिकी सेना स्वदेश लौटने के बाद पाकिस्तान में जल्लोष किया गया था। अमेरिका का अफगानिस्तान से बाहर होना यानी पाकिस्तान ने ही प्राप्त की हुई जीत हैं, ऐसे संकेत यह देश दे रहा था। वर्ष २०२१ के अगस्त महीने में अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित हुई थी।

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत लौटने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में हुई वृद्धि - पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावाइसके बाद हमारे देश में हो रहे आतंकी हमले बंद होंगे, इस उम्मीद में पाकिस्तान था। लेकिन, तालिबानी हुकूमत स्थापीत होने के बाद आतंकवादी हमलों की तीव्रता अधिक बढ़ी हैं, ऐसा कहकर पाकिस्तान के अस्थायि प्रधानमंत्री अन्वर उल-हक कक्कर ने यह स्वीकार किया है कि, हमारे देश की बड़ी उम्मीद टूटी हैं।

अमेरिका ने अफगानिस्तान में भारी मात्रा में हथियार पीछे छोड़ दिए हैं और इनका इस्तेमाल अब पाकिस्तान के विरोध में हो रहा हैं, ऐसा आरोप भी प्रधानमंत्री कक्कर ने लगाया। इसके साथ ही अमेरिका के यह हथियारों का अब काला बाजार हो रहा हैं, ऐसा दावा भी प्रधानमंत्री कक्कर ने किया है। साथ ही अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद पिछले दो सालों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में कुल ६० प्रतिशत और आत्मघाती हमलों में भारी ५०० प्रतिशत बढ़ोतरी होने का बयान प्रधानमंत्री कक्कर ने किया। इन हमलों में मारे गए पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या २२६७ हैं, यह जानकारी भी कक्कर ने साझा की।

‘तेहरिक ए तालिबान पाकिस्तान’ नामक आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान की भूमि से पाकिस्तान पर हमले कर रही हैं, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री कक्कर ने लगाया।

इस बीच पाकिस्तानी सुरक्षा बलों से लड़ते समय ६४ अफगानी नागरिकों के मारे जाने के मुद्दे पर ध्यान खींच कर पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों में अफगान नागरिकों का हाथ होने का आरोप प्रधानमंत्री अन्वर उल-हक कक्कर ने लगाया है।

पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों में अफगान नागरिक शामिल होने से अवैध पद्धती से हमारे देश में रहने वाले अफगान नागरिकों को देश बाहर खदेड़ा जा रहा हैं, ऐसे दावे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कर रहे हैं। लेकिन, अफगानिस्तान की हमारी सरकार को अवमानित करने के लिए ही पाकिस्तान अफगान नागरिकों को देश से बाहर खदेड़ रहे हैं, ऐसा आरोप तालिबान ने लगाया है। पाकिस्तान इसके परिणामों का विचार करें, ऐसी धमकी अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने दी थी।

किसी समय अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार स्थापित होने के बाद तालिबान की सहायता से भारत में रक्तरंजित आतंकवादी हमले शुरू करने की चेतावनी पाकिस्तान के चरमपंथी दे रहे थे। लेकिन, अब यही चरमपंथी अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भारत के साथ अच्छे ताल्लुकात बनाए होने का दावा करके इसपर गुस्सा जता रहे हैं। तालिबान अब अहसान करने वालों के विरोध में ही खड़ी हुई हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के यह चरमपंथी और पाकिस्तानी सेना एवं इस देश की अस्थायि सरकार कर रहे हैं। लेकिन, तालिबान ने पाकिस्तान पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया हैं और यह भी कहा है कि, पाकिस्तान ने हमारे विरोध में अमेरिका से हाथ मिलाया हैं।

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