नशीले पदार्थों की तस्करी के अपराधिक मामलों में वृद्धि – केंद्रीय गृह मंत्रालय

नई दिल्ली – भारत में नशीले पदार्थों के तस्करों के विरोध में बड़ी कार्रवाई शुरू करने से नशीले पदार्थों से संबंधित अपराधिक मामलों की संख्या बढ़ी है, यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरूवार के दिन लोकसभा में दी। नशीले पदार्थों का व्यापार और तस्करी के अपराधों पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय और राज्यों के प्रशासन समन्वय से काम कर रहे हैं, यह बात केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने रेखांकित की है।

नशीले पदार्थों की तस्करी पर बारिक नज़र रखी जा रही है। नशीले पदार्थों के विरोध में जागरुकता बढ़ने से भी लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इससे नागरी स्रोत से यंत्रणाओं को कई सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। इसके अलावा गुप्तचर यंत्रणाओं से प्राप्त हो रही जानकारी के आधार पर अलग अलग यंत्रणा नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे गुनाहगारों पर कार्रवाई कर रही है। इस वजह से इससे संबंधित मामलों की संख्या भी बढ़ने की बात राय ने स्पष्ट की।

तस्करीवर्ष २०१८ में पूरे देश में नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधित ४९,४५० मामले दर्ज़ किए गए थे। वर्ष २०१९ में इन मामलों की संख्या में १७ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई और कुल ५७,८६७ मामलों में कुल ७४,६२० लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनमें कुछ विदेशी नागरिकों का भी समावेश होने की जानकारी राय ने लोकसभा में पेश की। वर्ष २०१६ में नशीले पदार्थों के विरोध में कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय एवं राज्यों की यंत्रणाओं के बीच समन्वय स्थापित होने के लिए ‘नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर’ (एनसीओआरडी) का गठन किया गया था। साथ ही वर्ष २०१९ में इस यंत्रणा में अधिक सुधार किए गए थे, इस ओर भी राय ने ध्यान आकर्षित किया।

भारत में अफ़गानिस्तान से अलग अलग मार्गों से हेरॉईन की बड़ी तस्करी हो रही है। इस मामले में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्‍मीर में करीबी दिनों में बड़ा रैकेट तबाह किया गया था और हज़ारों करोड़ रुपयों का हेरॉईन का भंड़ार जब्त किया गया था। दिल्ली में भी कुछ दिन पहले दो हज़ार करोड़ रुपयों का हेरॉईन जब्त किया गया था। मुंबई के बंदरगाह में कुल ८०० करोड़ रुपयों का हेरॉईन बरामद किया गया था। मुंबई के समुद्री क्षेत्र में बीते आठ से दस महीनों के दौरान की गई अलग अलग कार्रवाई के दौरान तकरीबन सात हज़ार करोड़ रुपयों से अधिक कीमत के नशीले पदार्थ पकड़े गए हैं। ‘डायरोक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजन्स’ (डीआरआय) की जाँच में इन नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधि काफी जानकारी प्राप्त हुई। नशीले पदार्थों की तस्करी करनेवाले अफ्रीकन गिरोह और तालिबान भी शामिल हैं और करीबी दिनों में सामने आए मामले सिर्फ हिमशिखर की नोक होने का दावा ‘डीआरआय’ के एकअधिकारी ने करने का वृत्त हैं।

इसी बीच, संयुक्त राष्ट्र की ‘वर्ल्ड ड्रग्ज रपट’ में २०२१ के अनुसार भारत में प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्ज यानी दवाई के नशीले पदार्थों के तौर पर इस्तेमाल करने के मामले बढ़ने का दावा किया गया है। ट्रामडोल जैसे दर्द निवारक दवा का भारत के साथ विश्‍व में नशीले पदार्थ के तौर पर सबसे अधिक इस्तेमाल होने का ज़िक्र किया गया है। साथ ही वर्ष २०१९ में विश्‍व में सबसे अधिक मात्रा में अफीम बरामद करनेवाले पहले दस देशों में भारत का भी समावेश था, इस ओर भी इस रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है।

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