‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की वजह से साइबर हमलों में हुई वृद्धि – अमरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी की रपट

वॉशिंग्टन – आर्टिफिशल इंटेलिजन्स (एआई) पर नियंत्रण रखने के लिए नियामक यंत्रणा और फ्रेमवर्क बनाने की मांग हो रही हैं और इसी बीच ‘एआई’ की वजह से उभरे खतरों से संबंधित नई नई रपट सामने आ रही हैं। अमरीका की शीर्ष साइबर सुरक्षा कंपनी ‘चेक पॉईंट रिसर्च’ ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का इस्तेमाल साइबर हमले करने के लिए होने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। ‘एआई’ के इस्तेमाल की वजह से साइबर हमलों की मात्र आठ से दस प्रतिशत बढ़ी हैं, ऐसा अमरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी ने कहा है। 

साइबर सुरक्षापिछले कुछ सालों में आर्टिफिशल इंटेलिजन्स (एआई) प्रौद्योगिकी के मुद्दे पर बड़ी चर्चा शुरू हुई हैं। एक ओर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने की वजह से कई क्षेत्रों की समस्या और मुश्किले दूर होने के दावे किए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर इस प्रौद्योगिकी की जारी प्रगति पर किसी का भी नियंत्रण नहीं रहेगा, इस पर ध्यान आकर्षित करके इसके खतरे को लेकर आगाह किया जा रहा है। पिछले कई सालों से विश्व के ‘आईटी’ क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर रही ‘गुगल’ कंपनी का हिस्सा रहे हिन्टन ने ‘एआई’ के खतरे सामने लाने के लिए अपनी नौकरी से त्याग पत्र देने का बयान करके सनसनी फैलाई थी। 

साइबर सुरक्षाकुछ महीने पहले हिन्टन ने एक साक्षात्कार के दौरान ‘एआई’ का इस्तेमाल गलत इन्सान एवं गुट करेंगे और इसके परिणाम घातक होंगे, यह चेतावनी भी दी जा रही थी। अमरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी की रपट इसकी पुष्टि करती दिख रही हैं। ‘चेक पॉईंट रिसर्च’ ने ‘२०२३ मिड-ईयर साइबर सिक्युरिटी’ नामक रपट हाल ही में जारी की। इसमें साइबर हमलों के लिए हो रहे ‘एआई’ के इस्तेमाल का मुद्दा रेखांकित किया गया है। ‘चैट-जीपीटी’ जैसे ‘जनरेटिव एआई’ का इस्तेमाल अनुसंधान के साथ ही साइबर हमलों से जुड़े हैकर्स भी करने लगे हैं, इसका अहसास अमरिकी कंपनी ने कराया।

साइबर हमले के लिए ज़रूरी ‘कोडस्‌’ और ‘फिशिंग ईमेल्स’ एआई के ज़रिये तुरंत उपलब्ध होने से हैकर्स अब भारी मात्रा में इसका इस्तेमाल करने लगे हैं। इस वजह से साइबर हमलों की संख्या भी बढ़ी हैं और वर्ष २०२३ की दूसरी तिमाही में साइबर हमलों में आठ प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी होने का मुद्दा ‘चेक पॉईंट रिसर्च’ ने अपनी रपट से सामने लायी हैं।

मार्च महीने में अमरीका स्थित ‘फ्युचर ऑफ लाईफ इन्स्टीट्यूट’ नामक अभ्यास गुट ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र के खतरों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए खुला पत्र लिखा था। इसमें आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र में हो रहे बड़े प्रयोग एवं अनुसंधान छह महीनों के लिए रोक दिए जाए, यह आवाहन भी किया था। वहीं, ‘एआई’ क्षेत्र के विशेषज्ञ एलिझर युडकोवस्की नेयह चेतावनी दी थी कि, ‘स्मार्ट आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ का विकास पृथ्वी के मानव के विनाश की वजह बन सकता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.