अनाज से इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए मंजूरी देने का अहम निर्णय

नई दिल्ली – देश में ईंधन की आयात कम करने के साथ पेट्रोल, डिज़ल जैसे ईंधन की वजह से होनेवाला प्रदूषण कम करने के इरादे से सरकार अब इथेनॉल मिश्रित ईंधन का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है। इसलिए सरकार ने अब अनाज से भी इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए मंजूरी दे दी है। बुधवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। इस निर्णय से किसानों को भी बड़ा लाभ होगा। साथ ही इथेनॉल निर्माण को गति देने के लिए सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन को दी जा रही सबसीडी बढ़ाने का भी निर्णय किया है। इस वजह से इथेनॉल निर्माण करनेवाले क्षेत्र के छोटे-बड़े उद्योगों को भी लाभ मिलेगा।

ethanolदेश में वर्ष २०२२ तक पेट्रोल में १० प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। भारत ८० प्रतिशत ईंधन का आयात करता है। लेकिन, पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाने से ईंधन का आयात घटाना संभव होगा। साथ ही जैव ईंधन का उत्पादन स्थानीय स्तर पर बढ़ने से इसका आयात भी कम हो सकेगा। इथेनॉल के इस्तेमाल से कार्बन मोनोक्साईड और नायट्रोजन ऑक्साईड का उत्सर्जन कम होता है। इससे प्रदूषण की मात्रा कम होगी। इसे ध्यान में रखकर सरकार इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए गति दे रही है। इससे पहले ही सरकार ने इथेनॉल संबंधित नीति का ऐलान किया था और अगले पांच वर्ष तक इथेनॉल खरीदने की गारंटी देने की तैयारी भी सरकार ने दिखाई थी। इस वजह से इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए कई निवेशक आगे आ रहे हैं।

बुधवार के दिन इथेनॉल के उत्पादन को गति देने के नज़रिये से दो अहम निर्णय किए गए। इथेनॉल के उत्पादन की सबसीडी बढ़ाने का निर्णय किया गया है। इसके तहत ४,५७३ करोड़ रुपयों की अतिरिक्त सबसीडी देने का निर्णय मंत्रिमंडल की अर्थ विषयक समिती ने किया है।

इसके अलावा चावल, गेहूँ, जव, मकई, जवार जैसे अनाज से भी इथेनॉल का निर्माण करने को मंजूरी दी गई है। इथेनॉल का उत्पादन प्रमुखता से गन्ने से किया जाता है। लेकिन, शर्करा से भरे अन्य अनाजों से भी इथेनॉल का निर्माण संभव है। यही उत्पादन बढ़ाने के नज़रिये से यह निर्णय किया गया है। इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा क्योंकि, किसानों को इस क्षेत्र के उद्योगों को भी अपने उत्पादनों की बिक्री का विकल्प प्राप्त होगा और इसकी सही कीमत किसानों को मिल सकेगी, यह दावा किया जा रहा है। अनाज से इथेनॉल का उत्पादन करनेवाले और इसके लिए डिस्टलरी स्थापित करनेवाले छोटे उद्योगों को बुधवार के दिन मंजूर किए गए निर्णय के तहत अतिरिक्त सबसीडी प्रदान की जाएगी।

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