भारत ने जिबौती को ५० मेट्रिक टन अनाज की आपूर्ति की

india-djiboutiनई दिल्ली – भारत ने बुधवार के दिन जिबौती को ५० मेट्रिक टन अनाज़ प्रदान किया। ‘मिशन सागर-२’ के तहत भारत नैसर्गिक आपत्ति और कोरोना वायरस के संकट ने बड़ा नुकसान पहुँचाए हुए अफ्रिकी देशों को मानवीय नज़रिये से सहायता प्रदान कर रहा है। इस मुहिम के तहत भारत ने अब तक सुदान और इरिट्रिया जैसे अफ्रिकी देशों को अनाज़ की आपूर्ति की है।

अक्तुबर में ‘आयएनएस ऐरावत’ युद्धपोत अनाज़ के भंड़ार के साथ अफ्रिकी देशों की यात्रा पर रवाना हुई थी। सुदान, इरिट्रिया के बाद अब ‘आयएनएस ऐरावत’ ने जिबौती के बंदरगाह में प्रवेश किया है। बुधवार के दिन यह अनाज़ जिबौती को प्रदान किया गया। इस दौरान जिबौती में नियुक्त भारत के राजदूत अशोक कुमार और ‘आयएनएस ऐरावत’ के कमांडर प्रसन्न कुमार उपस्थित थे। इसके बाद ‘आयएनएस ऐरावत’ केनिया पहुँचेगी।

india-djibouti‘मिशन सागर-२’ के तहत भारत अपने पड़ोसी एवं हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है। अफ्रिकी देशों को भारत ने प्रदान की हुई यह सहायता इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का हिस्सा है। इस माध्यम से अफ्रिकी देशों को भारत की सहायता प्राप्त हो रही है और इसके अलावा भारत और अफ्रिकी देशों की नौसेनाओं के सहयोग का दायरा भी बढ़ रहा है। अफ्रिकी देशों पर प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में चीन जुटा हुआ है और ऐसे में चीन ने जिबौती में अपना लष्करी अड्डा स्थापित किया है। ऐसी स्थिति में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की इसी क्षेत्र में देखी जा रही मौजूदगी विश्‍लेषकों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

गौरतलब है कि, कोरोना वायरस से बने संकट के दौरान भारत ने ‘मिशन सागर’ ते तहत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को ५८० टन अनाज़ और वैद्यकीय सहायता प्रदान की थी। उस समय भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस केसरी’ युद्धपोत ने हिंद महासागर के देशों का दौरा किया था।

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