अमरीका ‘डिफॉल्ट’ हुई तो खतरनाक आर्थिक परिणामों का सामना करना होगा – वित्त मंत्री जैनेट येलेन की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरीका कर्जे का भुगतान करने में असफल (डिफॉल्ट) हुई तो देश को खतरनाक आर्थिक और सामाजिक परिणामों का मुकाबला करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने दी। इसमें बेरोजगारी, वेतन देने में नाकाम होना, सालों तक ब्याजदर बढ़ोतरी होना एवं कमज़ोर अर्थव्यवस्था जैसी स्थिति का समावेश होगा, इसपर वित्त मंत्री येलेन ने ध्यान आकर्षित किया। अमरीका की संसद में इस मुद्दे पर जोरदार संघर्ष शुरू है और कुछ आर्थिक विशेषज्ञ और विश्लेषकों ने यह ड़र व्यक्त किया है कि, इस संघर्ष के कारण वर्ष २०११ और २०१३ जैसे आर्थिक संकट का सामना करना होगा। 

‘डिफॉल्ट’वर्ष २०२१ में अमरीका की संसद ने ३१.४ ट्रिलियन डॉलर्स कर्ज मर्यादा तय की थी। पिछले वर्ष अक्तुबर महीने में बायडेन प्रशासन ने ३१ ट्रिलियन डॉलर्स कर्ज का स्तर पार किया। इसके बाद १९ जनवरी, २०२३ को संसद ने तय की हुई कर्ज मर्यादा भी पार हुई। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के कोषागार विभाग ने ‘एक्स्ट्राऑर्डिनरी मेजर्स’ अपनाए। इसके तहत उपलब्ध प्रावधान जून या जुलाई महीने में खत्म होंगे, यह कहा जा रहा है। इसे ध्यान में रखकर वित्त मंत्री येलेन पिछले कुछ महीनों से लगातार अर्थव्यवस्था ‘डिफॉल्ट’ होने की चेतावनी दे रही है।

मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान येलेन ने फिर से कर्ज की मर्यादा का मुद्दा उठाकर ‘डिफॉल्ट’ होने पर क्या स्थिति बनेगी, इसका चित्र दिखाया। ‘कर्जे का भुगतान करने में नाकाम हुए तो अमरीका पर खतरनाक आर्थिक आपदा टूटने का ड़र है। यदि, कर्ज की मर्यादा बढ़ाई नहीं तो देश को भारी मात्रा में बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। अमरिकी प्रशासन सेना को वेतन, ज्येष्ठ नागरिकों को उचित आर्थिक सहायता भी प्रदान नहीं कर सकेगा। अमरिकी उद्यमियों को कर्ज़ पाने में मुश्किलें आएगी’, ऐसी चेतावनी वित्त मंत्री येलेन ने दी। इस दौरान उन्होंने कर्ज की मर्यादा बढ़ाना या स्थगिती देना संसद का कर्तव्य होने का दावा भी किया। 

‘डिफॉल्ट’बायडेन प्रशासन ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एवं सामाजिक योजनाओं पर खर्च करने के लिए महत्वाकांक्षी एवं अधिक खर्च की योजना घोषित की थी। इसमें अमरीका में छात्रों का कर्ज माप करने के निर्णय का भी समावेश है। इस योजना की वजह से अगले ३० सालों के लिए कुल ४०० अरब डॉलर्स का भुगतान करना होगा। अमरीका में बढ़ रही महंगाई और आर्थिक मंदी के संकेतों की पृष्ठभूमि पर बायडेन प्रशासन नई योजना आगे लाने की तैयारी में होने के संकेत हैं। इससे कर्ज का भार खतरनाक ढ़ंग से बढ़ेगा, ऐसा अनुमान व्यक्त किया गया है। इस बढ़ते भार की वजह से अगले दशक तक कर्ज का कुल ब्याज ही बढ़कर पांच ट्रिलियन होने की संभावना विश्लेषकों ने जताई है। 

‘डिफॉल्ट’वित्त मंत्री येलेन अर्थव्यवस्था के परिणामों को लेकर आगाह कर रही हैं तभी अमरीका के बैंकिंग क्षेत्र में सब कुछ सामान्य ना होने की जानकारी सामने आ रही हैं। पिछले महीने अमरिकी बैंकिंग क्षेत्र के तीन बैंक दिवालियां हुई थी। इसके बाद सरकार और निजी वित्त संस्थाओं ने मुश्किलों से घिरी अन्य बैंकों को बचाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही कई निर्णय किए थे। इसके बाद इन बैंकों पर मंड़राता खतरा टला था, यह दावे किए जा रहे थे।

लेकिन, पिछले हफ्ते ही अमरीका की शीर्ष पतमानांकन संस्था ने देश के ११ बैंकों की आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने का ऐलान किया। इसके बाद ‘फर्स्ट रिपब्लिक बैंक’ से खाताधारकों ने लगभग १०० अरब डॉलर्स की जमा रकम निकालने की जानकारी सामने आयी बाद में इस बैंक के शेअर्स का मुल्य ५० प्रतिशत फिसला हैं और आर्थिक स्थिति की अधिक जानकारी देने से बैंक व्यवस्थापन ने इन्कार किया है। अगले शुक्रवार को फेडरल रिज़र्व पिछले महीने के ‘बैंकिंग क्राइसिस’ की प्राथमिक रपट पेश करेगी। इसके बाद अमरिकी बैंकिंग क्षेत्र को और झटके लगेंगे, ऐसा दावा कुछ विश्लेषकों ने किया है।

इसी बीच, विश्व के सबसे बड़े कुरिअर एवं ‘सप्लाइ चेन मैनेजमेंट’ कंपनी के तौर पर पहचानी जा रही ‘यूपीएस’ ने अमरिकी अर्थव्यवस्था मंदी के चपेट में होने का दावा किया है। अमरीका में उत्पादों की मांग कम हुई हैं और आगे यह मांग और भी कम होने की संभावना भी ‘यूपीएस’ ने व्यक्त की है। अमरीका के जीडीपी के पांच प्रतिशत से भी अधिक सामान एवं उत्पादों की यातायात यूपीएस द्वारा होती है। इस वजह से इस कंपनी ने किया दावा ध्यान आकर्षित करता हैं।

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