हंगरी सर्बिया के लिए रशियन ईंधन पाइलपाइन का निर्माण करेगा

बुडापेस्ट –  यूरोपिय महासंघ ने लगाएँ प्रतिबंधों की परवाह किए बिना हंगरी ने सर्बिया के लिए रशियन ईंधन की आपूर्ति करना तय किया है। इसके लिए हंगरी अब सर्बिया के लिए रशियन ईंधन की पाइपलाइन का निर्माण करेगा, यह ऐलान हंगरी ने किया। महासंघ ने सर्बिया को ईंधन सप्लाई करनेवाले क्रोएशिया की पाइपलाइन पर प्रतिबंध लगाने की वजह से यह निर्णय करना पड़ रहा हैं, ऐसा हंगरी ने कहा है। इसी बीच रशिया के सहयोगी देश हंगरी का यह निणर्ओय महासंघ को चुनौती होने का दावा किया जा रहा है।

ईंधन पाइलपाइनसर्बिया को सबसे अधिक ईंधन की आपूर्ति क्रोएशिया और ऐड्रियाटिक समुद्र से होता है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से यूरोपिय महासंघ ने रशिया से संबंधित व्यक्ति, प्रकल्पों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है। इसमें क्रोएशिया से सर्बिया पहुँच रहीं रशियन ईंधन पाइपलाइन का समावेश है। सर्बिया में फिलहाल दो महीनों के लिए पर्याप्त ईंधन भंड़ार मौजूद है। इस वजह से यूरोप के अन्य देशों की तरह सर्बिया में भी ईंधन का संकट उभरा है।

लेकिन, यूक्रेन से हंगरी में पहुँच रहीं ड्रूझ्बा या फ्रेंडशिप पाइपलाइन को महासंघ ने इन प्रतिबंधों से अलग रखा हैं। हंगरी के साथ स्लोवाकिया और झ्ोक रिपब्लिक इन देशों को भी इसी पाइपलाइन से ईंधन की आपूर्ति होती है। इस वजह से हंगरी, स्लोवाकिया इन देशों में अभी तक यूरोपिय देशों की तरह ईंधन संकट निर्माण नहीं हुआ है। हंगरी में कम से कम पांच से छह महीनों के लिए पर्याप्त नैसर्गिक ईंधन वायु भंड़ार होने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष व्हिक्टर ऑर्बन ने पहले ही किया था।

ऐसी स्थिति में हंगरी ने सर्बिया के लिए रशियन ईंधन की आपूर्ति करने के लिए पाइपलाइन का निर्माण करने का ऐलान किया। हंगरी की ऑर्बन सरकार के प्रवक्ता झ्ाोल्टान कोवाच ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी साझ्ाा की। इस नई पाइपलाइन की वजह से सर्बिया को सस्ती कीमत मे ईंधन प्राप्त होगा, यह दावा कोवाच ने किया। हंगरी के राष्ट्राध्यक्ष ऑर्बन और सर्बिया के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झ्ाांडर वचिक की पिछले हफ्ते ही बुडापेस्ट में मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं की ईंधन पाइपलाइन पर सहमति हुई, यह दावा किया जा रहा है।

सर्बिया यह यूरोपिय महासंघ का सदस्य देश होने की तैयारी मे हैं। यूक्रेन और तुर्की की तरह सर्बिया ने भी यूरोपिय महासंघ का सदस्य होने की कड़ी कोशिश शुरू की है। पिछले साल इस प्रक्रीया को गति प्राप्त हुई थी। लेकिन, रशिया-यूक्रेन संघर्ष के बाद यूरोपिय महासंघ ने रशिया पर लगाएँ प्रतिबंधों का सबसे अधिक नुकसान रशियन ईंधन पर निर्भर सर्बिया जैसें देशों को पहुँचा हैं।

इसी बीच, महासंघ अब रशिया पर लगाए प्रतिबंध बढ़ाने की चेतावनी दे रहा हैं। इस वजह से यूरोप के देशों के सामने खड़ा ईंधन संकट आनेवाले समय में कम नहीं होगा, यह ड़र व्यक्त किया जा रहा है। इसी बीच यूरोपिय महासंघ के प्रतिबंधों की परवाह किए बिना हंगरी सर्बिया के लिए रशियन ईंधन सप्लाई करनेवाली पाइपलाइन का निर्माण कर रहा है। हंगरी-सर्बिया का यह सहयोग महासंघ को चुनौती देनेवाला साबित हो रहा है। इसपर महासंघ का बयान आने की उम्मीद हैं।

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