बाल्कन क्षेत्र में सर्बिया-कोसोवो सीमा पर तनाव बढ़ा – सर्बिया ने सीमा पर बढ़ाई फौज की तैनाती

बेलग्रेड़/प्रिस्तिना – यूरोप के बाल्कन क्षेत्र के तौर पर जाने जा रहे सर्बिया और कोसोवा के बीच तनाव बढ़ने के संकेत प्राप्त हुए हैं। कोसोवो की सरकार के नए नियमों के खिलाफ सर्बवंशी नागरिकों के प्रदर्शनों पर स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर सर्बिया ने आक्रामक भूमिका अपनाकर कोसोवो की सीमा के करीब अतिरिक्त फौज तैनात की है और सीमा पर टैंक भी रवाना करने की बात सामने आयी है। कोसोवो के राष्ट्राध्यक्ष ने इसके पीछे रशिया और सर्बिया की साज़िश का आरोप लगाया है।

सर्बिया-कोसोवोकोसोवो की सरकार ने कुछ दिन पहले सर्बिया से आनेवाली एवं सर्बियन नंबर प्लेट की गाड़ियों को कोसोवो की ‘टेंपररी नंबर प्लेट’ लगाना अनिवार्य होने का ऐलान किया था। इसके लिए उनसे शुल्क वसूलने का ऐलान भी किया गया था। इस ऐलान पर कोसोवो-सर्बिया के सरहदी क्षेत्र में बसे सर्बवंशी नागरिकों की तीव्र नाराज़गी सामने आयी। कोसोवो के सर्बवंशियों ने इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू किए। कोसोवो-सर्बिया के सरहदी शहरों में प्रवेश करनेवाली सड़कों पर रोक लगा दी गई।

सर्बवंशियों के इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोसोवो पुलिस ने आक्रामक कार्रवाई करके आंसूगैस एवं रबर बुलेटस्‌ का इस्तेमाल किया। इससे अधिक गुस्सा हुए सर्बवंशियों के गुट ने दो सरकारी दफ्तरों पर हमलें करके उनमें आग लगा दी। इससे स्थिति और भी बिगड़ गई और सर्बिया ने आक्रामक गतिविधियाँ शुरू की हैं। शुक्रवार एवं शनिवार के दिन सर्बिया के लड़ाकू विमानों ने कोसोवो की सीमा के करीब उड़ान भरने की बात भी सामने आयी है। इस दौरान सर्बिया के लष्करी हेलिकॉप्टर भी दिखाई देने की जानकारी स्थानीय प्रशासन ने साझा की। इसके बाद शनिवार के दिन सर्बिया ने कोसोवो की सीमा के पास वाले क्षेत्र में अतिरिक्त फौज रवाना कर दी है इनमें बख्तरबंद गाड़ियों के साथ टैंक भी हैं।

सर्बिया-कोसोवोकोसोवो ने यह सभी गतिविधियाँ रशिया और सर्बिया की साज़िश होने का आरोप लगाया है। ‘रशिया और सर्बिया ने यूरोपिय महासंघ एवं नाटो को झटका देने के लिए योजना बनाई है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इधर ध्यान देना चाहिए। सर्बिया की हुकूमत ने सर्ब वर्ल्ड का निर्माण करने का उद्देश्‍य तय किया है और इस खतरे को पहचानकर इसे रोकने के लिए कदम उठाने चाहिएं’, इन शब्दों में कोसोवो के राष्ट्राध्यक्ष विजोसा ओस्मानी ने यह संघर्ष अधिक भड़कने के संकेत दिए हैं।

पिछली सदी के अन्त में हुए ‘बाल्कन वॉर’ के बाद कोसोवो प्रांत सर्बिया से अलग हुआ था। वर्ष २००८ में कोसोवो ने स्वतंत्र देश होने का ऐलान किया था। लेकिन, सर्बिया के साथ रशिया और चीन ने कोसोवो को स्वतंत्र देश के तौर पर स्वीकृति प्रदान नहीं की है। कोसोवो सर्बवंशियों पर अत्याचार कर रहा है, ऐसे आरोप सर्बियन हुकूमत लगातार लगा रही है। इस पर दोनों देशों के बीच छोटी-मोटी मुठभेड़ की घटनाएँ भी सामने आयी हैं।

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