जम्मू-कश्मीर की परिस्थिति के बारे में मानवाधिकार आयोग ने दी रिपोर्ट का पर्दाफाश

नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर में मानवधिकार का उल्लंघन हो रहा है, ऐसा आरोप करने वाली रिपोर्ट यह संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार आयोग ने पाकिस्तानी ‘लॉबिंग’ के प्रभाव में बनाई थी, यह बात अब सामने आ रही है। पाकिस्तानी मूल के कनाडा के नागरिक इमाम जफ़र बंगश ने इस संबंध में सनसनीखेज खुलासा किया है। इस वजह से मानवाधिकार आयोग पर भी सवाल उपस्थित हो रहे हैं। भारत ने इस रिपोर्ट को इससे पहले ही अस्वीकार किया था।

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पिछले महीने में संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार आयोग ने जम्मू-कश्मीर के बारे में रिपोर्ट प्रसिद्ध की थी। इस रिपोर्ट में भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है, ऐसा आरोप लगाया गया था। इस पर भारत ने तीव्र प्रतिक्रिया दी थी। यह रिपोर्ट पूर्वग्रहदूषित और राजनीतिक दृष्टि से प्रेरित है, ऐसा दिखाई दे रहा है, ऐसा भारत ने कहा था।

साथ ही इस रिपोर्ट को ठुकराते हुए रिपोर्ट में किए गए पाकिस्तान के कब्जे वाले और भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर इस दो अलग उल्लेख पर भी आपत्ति जताई थी। संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य भाग है और पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर इस तरह का इलाका वास्तव में है ही नहीं। यह उल्लेख भारत के सार्वभौमत्व का उल्लंघन है, ऐसी चेतावनी भारत ने दी थी।

पाकिस्तान इस रिपोर्ट का प्रमाण देते हुए संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश कर रहा है। पिछले एक महीने में तीसरी बार पाकिस्तान ने इस रिपोर्ट का उल्लेख करके संयुक्त राष्ट्रसंघ पर दबाव डालने की कोशिश की है। लेकिन पाकिस्तान ने उपस्थित किए मुद्दे को भारत ने मंगलवार को जोरदार प्रत्युत्तर दिया। यह रिपोर्ट गुमराह करने वाली और कोई भी छानबीन किए बिना बनाई गई है, ऐसा आरोप भारत ने लगाया है।

बार बार इस रिपोर्ट का उल्लेख करने वाले पाकिस्तान को भी भारत ने स्पष्ट शब्दों में सुनाया है। मानवाधिकार आयोग के सदस्यों को ही यह रिपोर्ट नजरअंदाज करने जैसी लग रही है, ऐसा कहकर भारत एक संयुक्त राष्ट्रसंघ के राजदूत तन्मया लाल ने पाकिस्तान के कान पकड़े हैं। इस पृष्ठभूमि पर इस रिपोर्ट के बारे में चौकानें वाली बातें सामने आई हैं।

पाकिस्तानी वंश के कनाडा के नागरिक और वहां के एक मस्जिद में इमाम के तौर पर काम करने वाले जफ़र बंगश ने पत्रकारों के सामने इस बात को कबूल किया है कि, यह रिपोर्ट बनाने के लिए मैंने मदद की है। मानवाधिकार आयोग के आयुक्त जायद राद अल हुसैन के संपर्क में मै था। उनको रिपोर्ट बनाने के लिए मैंने आवश्यक जानकारी की आपूर्ति की है। यह जानकारी देने से पहले मैंने पाकिस्तानी नेताओं के साथ और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा की है, ऐसा बंगश ने कहा है।

बंगश ने पाकिस्तान एक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस झकारिया का भी उल्लेख किया है। साथ ही इमाम बंगश ने जम्मू-कश्मीर के कुछ नेताओं के साथ चर्चा करके यह जानकारी हुसैन को रिपोर्ट बनाने के लिए दी थी, ऐसा भी कहा है। पाकिस्तान ने और जम्मू कश्मीर के फुटिर नेताओं ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट का स्वागत किया था। लेकिन बंगश के खुलासे की वजह से पाकिस्तान का सच सामने आया है।

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