पाकिस्तान को भारत से ज्यादा आनंदी बता रहा ‘हैपिनेस इंडेक्स’ यानी ‘माईंडगेम’ – विदेश मंत्री एस.जयशंकर की फटकार

बेंगलुरू – संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट सोल्युशन्स नेटवर्क’ ने हैपिनेस इंडेक्स यानी आनंदी देशों की सुचि जारी की है। इसमें भारत १२६ वें स्थान पर है। लेकिन, भुखमरी, बेरोजगारी और अराजकता से परेशान पाकिस्तान को इस सूची में भारत से आगे १०८ वां स्थान दिया गया है। इसके अलावा डूबने की कगार पर पहुंची अर्थव्यवस्था बने श्रीलंका को इस सूची में ११२ वां स्थान दिया गया है। गौरतलब है कि, तानाशाही हुकूमत का म्यांमार इस सूची में ११७ वें स्थान पर है। आनंदी देशों की सूची में इस तरह से देशों को स्थान प्राप्त हुए देखकर भारत में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। ऐसे में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने यह सुचि यानी ‘माईंडगेम’ होने की फटकार लगायी।

‘माईंडगेम’बेंगलुरू में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने हैपिनेस इंडेक्स पर बड़े जोर से प्रहार किया। इस तरह की सूची बनाते समय क्या सोचा जाता हैं, यह समझने का मार्ग नहीं है यह कहकर इसकी विश्वासार्हता पर ही भारत के विदेश मंत्री ने सवाल किए। यह माईंडगेम हैं ऐसा कहकर इसके पीछे भारत विरोधी मानसिकता और रणनीति होने के स्पष्ट संकेत विदेश मंत्री ने दिए। सोशल मीडिया पर भारती लोगों ने इस हैपिनेस इंडेक्स की कड़ी आलोचना करते हुए इसके पीछे भारत विरोधी मानसिकता होने का आरोप लगाया।

पाकिस्तान में गेंहू का आटा पाने के लगी कतारों में खड़े लोग मर रहे हैं। पाकिस्तान के कुछ शहरों में अनाज़ के लिए मारपीट शुरू है। पैसे देने के बावजूद अनाज़ नहीं मिलता, ऐसी शिकायतें वहां की जनता कर रही है। पाकिस्तान ‘बनाना रिपब्लिक’ यानी जिस देश की अर्थव्यवस्था पुरी तरह से ढ़ह गई है, ऐसा देश बना है, यह बात वहां के पत्रकार ही कह रहे हैं। ऐसे देश में केला ५०० रुपये दर्जन बेचा जा रहा है और इस वजह से ‘बनाना रिपब्लिक’ होने की यह चर्चा नए से शुरू हुई थी। ऐसे देश की जनता भारत से अधिक आनंद में होने के दावे ‘हैपिनेस इंडेक्स’ में किए गए हैं, यह बड़ी हास्यकारी बात है, यह कहकर भारतीय सोशल मीडिया पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज़ कर रहे हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने भी इसी पर ध्यान आकर्षित करके यह ‘माईंडगेम’ यानी प्रचारनीति का हिस्सा होने की सटिक प्रतिक्रिया देकर भारतीयों ने रखी प्रतिक्रियाओं पर मुहर लगाई है। आनंद देखना है तो बेंगलुरू आकर देखे, ऐसी फटकार भी जयशंकर ने इस कार्यक्रम में लगाई। इसके साथ ही सिंगापूर स्थित अपने मित्र ने यूरोपिय देशों से भी ज्यादा भारतीय अधिक आनंदी होने के किए बयान का दाखिला भी विदेश मंत्री ने इस दौरान दिया।

इसी समारोह में बोलते हुए जयशंकर ने ‘फर्गिव ॲण्ड फर्गेट’ यानी माफ करें और भूल जाए, ऐसी भारत को लगातार दी जा रही सलाह पर अपना बयान किया। किसे माफ करना है और क्या भूल जाना है, यह हमने पहले स्पष्ट करना होगा। हमारे शहर पर आतंकवादी हमला हुआ तो इसके लिए मांफी देनी है और उसे भूल जाना है क्या, यह सवाल भी जयशंकर ने इस दौरान किया। सब कुछ माफ करके इससे हमने सबक नहीं सिखी तो वह घातक बात साबित होगी, ऐसा इशारा जयशंकर ने दिया। स्पष्ट ज़िक्र नहीं किया हो, फिर भी पाकिस्तान ने भारत में किए हमले और आतंकी हमलों की कोशिशों का दखिला विदेश मंत्री इससे दे रहे होंगे, ऐसे आसार दिखते है।

पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान की जनता भूखमरी का सामना कर रही हैं और ऐसे में भारत उदारता दिखाकर हमें सहायता मुहैया करें, ऐसी मांग पाकिस्तान के कुछ लोग कर रहे हैं। अभी पाकिस्तान की सरकार अधिकृत स्रत पर यह मांग नहीं कर रही हैं, फिर भी भारत स्वयं पहल करके हमारे दे की सहायता करे, ऐसा पाकिस्तान के माध्यम और पत्रकारों का कहना है। श्रीलंका, बांगलादेश, नेपाल इन पड़ोसी देशों को भारत प्रचंड़ मात्रा में सहायता कर रहा हैं। लेकिन, पाकिस्तान को सहायता करके दिलदार रवैया दिखाने के लिए भारत तैयार नहीं, ऐसी आलोचना भी पाकिस्तान में हो रही हैं और ऐसे में विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान अभी भी भारत विरोधी हरकतें छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, इसकी याद दिलाई थी। इसका दाखिला देकर पाकिस्तान की समस्याओं को दूर करने के लिए भारत सहायता नहीं करेगा, ऐसा जयशंकर ने कुछ हफ्ते पहले ही कहा था। 

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