‘महत्वाकांक्षी’ चीन ने एलएसी पर घुसपैठ की तो स्थिति बिगड़ेगी – भारतीय सेनाप्रमुख की चीन को चेतावनी

पूणे – सौदी अरब और ईरान का समेट करने के लिए चीन ने की हुई कोशिश सफल हुई है। साथ ही रशिया और यूक्रेन का १३ महीनों से शुरू युद्ध खत्म करने के लिए चीन ने दोनों देशों के सामने १२ मुद्दों का शांति प्रस्ताव पेश किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरी सुरक्षा प्रदान करने वाले देश के तौर पर अमरीका का स्थान हासिल करने के लिए चीन ने काफी बड़ी मंशा रखी होने की बात इससे दिख रही है। इसी के लिए चीन यह गतिविधियां कर रहा है, ऐसा भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा है। ऐसी प्रचंड़ महत्वाकांक्षा रखनेवाले चीन ने भारत की ‘एलएसी’ पर फिर से घुसपैठ करने की कोशिश की तो दोनों देशों के बीच की स्थिति काफी बिगड़ जाएगी। एलएसी पर किसी भी तरह के खतरे का सामना करने के लिए आवश्यक पुरी तैयारी भारतीय सेना ने रखी है, ऐसा सेनाप्रमुख ने आगाह किया।

एलएसी पर घुसपैठ‘राईज ऑफ चाइना ॲण्ड इटस्‌ इम्पिकेशन्स फॉर द वर्ल्ड’ इस विषय पर आयोजित चर्चा में बोलते हुए जनरल पांडे ने अपने स्पष्ट विचार रखे। साल २०१६ से सौदी अरब और ईरान के राजनीतिक संबंध खत्म हुए थे। दोनों देशों ने अपने दूतावास बंद करके एक-दूसरे के खिलाफ तीव्र भूमिका अपनाई थी। लेकिन, चीन ने मध्यस्थता करके सौदी अरब और ईरान की चर्चा आयोजित की। यह चर्चा आयोजित कर रहा चीन अमरीका से भी अधिक विश्वासार्ह देश है, ऐसा दावा सौदी के पूर्व विदेश मंत्री ने किया था। वहीं, चीन खाड़ी क्षेत्र में अमरीका का स्थान हासिल कर रहा हैं यह कहकर अमरिकी कुटनीतिक ने इसपर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की खाड़ी संबंधित आत्मघाती नीति के कारण ही चीन को यह अवसर प्राप्त हो रहा हैं, ऐसा आरोप अमरिकी कुटनीतिक एवं विपक्ष के नेताओं ने लगाए थे।

इस पृष्ठभूमि पर भारत के सेनाप्रमुख ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के बढ़ते प्रभाव का संज्ञान लिया है। इस चर्चा में बोलते हुए सेनाप्रमुख ने चीन की महत्वाकांक्षा पर ध्यान आकर्षित किया है। प्रबल आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरने के बाद चीन को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमरीका का स्थान हासिल करना है। इसके लिए एक ओर से चीन ने शिकारी आर्थिक नीति का इस्तेमाल शुरू किया हैं और दूसरी ओर अपनी दस करोड़ से भी अधिक जनसंख्या को गरीबी से बाहर निकालने के दावा चीन कर रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना दबाव बढ़ाने के लिए शुरू चीन की कोशिशों का हिस्सा बनता है। इसके साथ ही बौद्धिक संपदा की चोरी, विदेशी कंपनियों से व्यापार के लिए अहम जानकारी चुराने जैसे चिंताजनक स्तर तक चीन की हरकते पहुंची हैं, इसका अहसास भी सेनाप्रमुख ने सटिक शब्दों में कराया है।

अपनी महत्वाकांक्षा पुरी करने के लिए चीन किसी भी स्तर तक जा सकता हैं और इसके लिए चीन ने बनाई योजना के तहत कदम बढ़ाए हैं, इसका अहसास सेनाप्रमुख ने कराया। ऐसी राक्षसी महत्वाकांक्षा रखने वाला देश अमरीका का स्थान हासिल करके महाशक्ति बनने की दिशा में तेज़ कदम बढ़ा रहा हैं और ऐसे में भारत को इशसे सावध रहने की ज़रूरत हैं, इसपर सेनाप्रमुख ने सीधे ज़िक्र किए बिना ध्यान आकर्षित किया। खास तौर पर चीन से जुड़ी सीमा की स्थिति को लेकर बोलते हुए सेनाप्रमुख पांडे ने चह कहा कि, भारत इस सरहदी क्षेत्र को बड़ी सावधानी से देख रहा है।

भारत और चीन की सीमा पर बारिकी से नज़र बनाए रखना आवश्यक है। यहां के एलएसी पर चीन ने फिर से घुसपैठ करने की कोशिश की तो वहां की स्थिति बिगड़कर संघर्ष छिड़ सकता है, ऐसा जनरल पांडे ने आगे कहा। इसके मद्देनज़र भारतीय सेना ने एलएसी पर किसी भी घटना का मुकाबला करने की पुरी तैयारी रखी है, ऐसी चेतावनी भी सेनाप्रमुख ने दी।

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