हमास के नेताओं पर हमला करने पर इस्रायल में हाहाकार मचाएंगे – हमास की एक और धमकी

तेल अविव – ’आपके पास राइफल हो, तो मौका मिलते ही इस्रालियों पर हमले करें। जिनके पास राइफल्स नहीं हैं वे छुरे और चाकुओं के इस्तेमाल से इस्रायलियों का घात करें।’ ऐसा आवाहन हमास के लश्करी विभाग के प्रमुख याह्या सिन्वर ने किया था। इससे पहले भी उन्होंने पैलिस्टिनियों को ऐसी चेतावनी वाला संदेश दिया था। इसलिए इस्रायल में आतंकी हमलों का प्रमाण बढता जा रहा है। अब सिन्वर को खत्म किए बगैर पर्याय नहीं है, ऐसे इशारे इस्रायल के विश्लेषक दे रहे हैं। पर हमास ने धमकी दी है कि, यदि हमारे नेता याह्या सिन्वर को खत्म करने की कोशिश भी की गई तो हम इस्रायल के शहरों पर मिसाइलों की बौछार करके आत्मघाती हमले करके हाहाकार मचाएंगे।

हाहाकार मचाएंगेहमास से जुडे अल-मयादिन टीवी को दी हुई मुलाकात के दौरान हमास के अल कासम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबायदा ने यह धमकी दी। इस्रायल हमारे नेताओं को टार्गेट करने की भाषा बोल रहा है। पर हमारे नेता याह्या सिन्वर पर हमले हुए तो इस्रायल ने कल्पना भी नहीं की होगी ऐसा भीषण प्रत्युत्तर हम देंगे। इस्रायल के तेल अविव एवं गुश दान पर मिसाइलों की बौछार करके इस्रायल में आत्मघाती विस्फोटों के भयानक सत्र शुरु करेंगे, ऐसी धमकी ओबायदा ने दी। इससे इस्रायल में ना थमनेवाला विध्वंस और रक्तपात शुरु होगा, ऐसा ओबायदा ने आगे कहा।

इस्रायल के लिए हमासे से मिलने वाली यह धमकियां नई बात नहीं है। इस्रायली माध्यम हमास की इन धमकियों का मज़ाक उडा रहे हैं। पिछले वर्ष मई में हुए संघर्ष के बाद संघर्षबंदी के लिए किसने घुटने टेके थे, इसे याद रखो, ऐसा इस्रायली माध्यम हमास को आगाह कर रहे हैं। तो, आज़ादी से लेकर इस्रायल अपने देश में घातपात करने वाले आतंकी संगठनों के सरदारों को चुनकर मिलनेवाली गोपनीय मुहिमें चलाता आ रहा है। हमास की धमकियों से इस्रायल की नीति नहीं बदलेगी, इस बात पर माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इसकी वजह से निर्णय लिया गया तो हमास की धमकियों और प्रतिहमलों का विचार किए बगैर इस्रायल याह्या अन्वर को खत्म करने की कार्यवाही करेगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। याह्या अन्वत निरंतररूप से इस्रायलियों पर हमले करने के आवाहन सरेआम कर रहा है और उसने इस्रायल में घातपात करनेवालों की खुलेआम तारीफ की है। इसलिए अन्वर पर इस्रायली सुरक्षा प्रणालियों की नजरें जमी हुई हैं। इसे ध्यान में रखकर ही हमास के नेता इस्रायल को धमकियां दे रहे है, ऐसा प्रतीत होता है।

तो, इस्रायल का हमास के साथ संघर्ष केवल स्थानिक स्तर की बात नहीं रही। खाडी-पर्शियन खाडी क्षेत्र की सियासत के साथ यह संघर्ष अधिक दृढता से जोडा जाता है। कुछ अरब देशों ने इस्रायल के साथ इब्राहिम करार करके सहयोग स्थापित किया है। ईरान का आरोप है कि, इसकी वजह से इस्रायल को पैलिस्टिनियों पर कारवाई करने के लिए अधिक बल मिला है। विशेषरूप से इस्रायल के राष्टाध्यक्ष ने सौदी अरेबिया का छुपा दौरा करने दे दावे सामने आ रहे हैं तब, इस्रायल का हमास के साथ नया संघर्ष खाडी देशों पर तनाव बढा सकता है। इस्रायल की हमास पर कार्यवाई पैलेस्टिन का गला घोंटना है, ऐसे आरोप ईरान लगा सकता है। इसलिए इस्रायल के साथ खुलेआम सहयोग करने की तैयारी में सौदी एवं अन्य खाडी देशों पर दबाव बनाने के लिए ईरान के दांवपेंच सफल हो सकते हैं।

इसलिए इस बार इस्रायल को हमास के नेताओं को लक्ष्य करते समय इसके सियासी परिणाम पर ध्यान देना पडेगा। मात्र इस्रायल निरंतर सुरक्षा की आघाडी पर बिलकुल समझौता ने करने की नीति अपनाता है। इसलिए इस्रायल सिन्वर को लक्ष्य करने के लिए किए हुए हमलोम की खबर किसी भी पल माध्यमों में दिखाई दे सकती है, इसकी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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