निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ‘ईसीजीसी’ को ४,४०० करोड़ रुपयों की पूंजी सहायता

– ‘ईसीजीसीका शेअर बाज़र में भी होगा पंजीकरण

इस वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान भारत का निर्यात रिकार्ड स्तर पर जा पहुँचा है। मार्च तक तय किया गया लक्ष्य हम प्राप्त करेंगे, यह विश्‍वास सरकार ने व्यक्त किया है।

ECGC-Goyalनई दिल्ली – ‘देश का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार तेज़ कदम उठा रही है। इसके लिए ज़रूरी बढ़ावा दिया जा रहा है और इस वजह से मौजूदा आर्थिक वर्ष के पहले छह महीनों में भारत का निर्यात रिकार्ड स्तर पर जा पहुँचा है। २१ सितंबर तक १८५ करोड़ का निर्यात हुआ है और मार्च तक तय किया गया लक्ष्य भारत प्राप्त करेगा’, यह विश्‍वास केंद्रीय वाणिज्यमंत्री पीयुष गोयल ने व्यक्त किया। निर्यात को बढ़ावा देने की योजना के तहत ‘एक्सपोर्ट क्रेड़िट गारंटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (ईसीजीसी) को ४,४०० करोड़ रुपयों की पूंजी सहायता प्रदान करने का निर्णय सरकार ने किया है, यह जानकारी भी गोयल ने साझा की।

बुधवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस दौरान ‘ईसीजीसी’ को पूंजी सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। ‘ईसीजीसी’ भारत के निर्यात पत बीमा बाज़ार की सबसे पुरानी और शीर्ष सरकारी कंपनी है। भारत के निर्यात पत बीमा बाज़ार में इस कंपनी का हिस्सा ८५ प्रतिशत है। वर्ष २०२०-२१ में ‘ईसीजीसी’ ने ६.०२ लाख करोड़ रुपयों के निर्यात के लिए सहायता प्रदान की। साथ ही बैंकों से निर्यात के लिए प्रदान हो रहे कर्ज़ में से ५० प्रतिशत कर्ज़ का बिमा ‘ईसीजीसी’ द्वारा प्रदान होता है, यह जानकारी भी वणिज्यमंत्री गोयल ने इस दौरान साझा की।

ECGCनिर्यातकों को अधिक बीमा सुरक्षा देने के लिए और कर्मचारी प्रधान क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से ‘ईसीजीसी’ को आर्थिक स्तर पर अधिक मज़बूत किया जा रहा है। इससे ‘ईसीजीसी’ अधिकाधिक निर्यातकों को बिमा सुरक्षा प्रदान कर सकेगी। निर्यातक सामान निर्यात करते समय बड़ी जोखिम उठाते है। कभी-कभी व्यापारी या राजनीतिक अड़ंगों की वजह से निर्यात किए गए सामान के पैसे उचित समय पर प्राप्त नह होते या वे पैसे डूबने की संभावना रहती है। बीमा सुरक्षा निर्यातकों को चिंतामुक्त करती है। इस वजह से देश से निर्यात बढ़ रहा है और ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में ‘ईसीजीसी’ को आर्थिक नज़रिये से अधिक मज़बूत करना आवश्‍यक हो गया है। इसी पृष्ठभूमि पर ‘ईसीजीसी’ को अगले पांच वर्षों में अलग-अलग चरणों में कुल ४,४०० करोड़ रुपये प्रदान किए जाएँगे। इनमें से ५०० करोड़ रुपयों की सहायता ‘ईसीजीसी’ को तुरंत अदा होगी, यह जानकारी गोयल ने प्रदान की।

साथ ही ‘ईसीजीसी’ का ‘इनिशिअल पब्लिक ऑफरिंग’ (आयपीओ) के ज़रिये शेअर बाज़ार में पंजीकरण करने के लिए भी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। वर्तमान में २.०३ लाख करोड़ रुपयों का बकाया वर्ष २०२५-२६ तक एक लाख करोड़ रुपयों से घटाने की कोशिश ‘ईसीजीसी’ कर रही है। ‘आयपीओ’ की वजह से यह संभव होगा। साथ ही पंजीकरण की वजह से ‘ईसीजीसी’ को आयपीओ के माध्यम से नई पूंजी प्राप्त करना मुमकिन होगा। इसके अलावा निर्यात बाज़ार में अतिरिक्त गारंटी देना भी कंपनी को संभव सकेगा, यह दावा किया जा रहा है। इसके अलावा ‘नैशनल एक्सपोर्ट इन्श्‍युरन्स अकाऊंट’ (एनईआयए) योजना आगे भी जारी रखने का निर्णय हुआ है। इसके लिए ‘एनईआयए’ को १,६५० करोड़ रुपयों की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। व्यावसायिक और सामरिक नज़रिये से अहम निर्यात प्रकल्पों को ‘एनईआयए’ सहायता प्रदान करती है। इससे केंद्र सरकार की ‘एनईआयए’ को प्रदान हो रही आर्थिक सहायता और योजना का विस्तार अहमियत रखते हैं।

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