रशिया के सहयोग से युक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित रिहाई

नई दिल्ली/कीव – युक्रेन से लगभग 17 हज़ार भारतीय बाहर निकल चुके हैं, ऐसी जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी। साथ ही, भारतीय छात्रों का अपहरण करके उनका इस्तेमाल मानवीय ढाल जैसा किया जा रहा है, यह रशियन अधिकारियों का आरोप विदेश मंत्रालय ने ठुकराया। इस प्रकार की कोई जानकारी अभी तक हमें प्राप्त नहीं हुई है, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है। इसी बीच, भारत ने किए आवाहन के कारण, छात्रों ने खारकिव्ह छोड़ने तक रशिया ने कुछ घंटों के लिए इस शहर पर हमले नहीं किए थे, ऐसी खबर सामने आई है।

russia-cooperation-indiaकेंद्रीय मंत्रिमंडल के चार सदस्य युक्रेन के पड़ोसी देशों में जाकर भारतीयों की रिहाई के लिए प्रयास कर रहे थे। साथ ही, भारत की वायुसेना भी युक्रेन स्थित भारतीयों को स्वदेश लाने की मुहिम में सहभागी हुई थी। अब तक 17 हज़ार से अधिक भारतीय संघर्षग्रस्त युक्रेन से बाहर निकल चुके हैं। 10 मार्च तक यहाँ के सभी भारतीयों को स्वदेश लाया जाएगा, ऐसी जानकारी केंद्र सरकार ने दी।

इसी बीच, युक्रेन में रशिया कर रहे हमले टालने के लिए यूक्रेन की सेना ने भारतीय छात्रों का अपहरण किया और उनका डाल जैसा इस्तेमाल किया, ऐसा आरोप रशियन अधिकारियों ने किया था। इससे पहले, युक्रेन में भारतीय छात्रों को परेशान करके उन्हें मारपीट की गई होने की खबरें भी जारी हुई है। ऐसी परिस्थिति में रशिया ने किए इस आरोप की गंभीरता बढ़ी थी। लेकिन विदेश मंत्रालय ने ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, यह बताकर यह विवाद टाला हुआ दिख रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ चर्चा करके, युक्रेन स्थित भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए कुछ समय तक हमले रोकने का आवाहन किया था। उसका लाभ उठाकर युक्रेन के खारकिव्ह शहर से हज़ार भारतीय सुरक्षित रूप में बाहर निकल सके। फिलहाल रशिया के हमले से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अन्य देशों के छात्र और नागरिक भी तिरंगा लहरा रहे हैं, ऐसी खबरें आ रही हैं।

रशिया ने भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप में बाहर निकालने के लिए 130 बसेस तैयार होने की जानकारी दी। लेकिन उसी समय, युक्रेन भारतीयों की रिहाई के लिए अधिक सहयोग करने के लिए तैयार ना होकर, अलग-अलग मार्गों से भारत के विरोध में अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करने की कोशिश कर रहा है।

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