रक्षा क्षेत्र की सात नई कंपनियाँ बहाल करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षाक्षेत्र को आत्मनिर्भरता का दिया संदेश

नई दिल्ली – रक्षा सामान और बारूद का निर्माण कर रहे ‘ऑर्डनन्स फैक्टरी बोर्ड’ के ४१ कारखानों को सात कंपनियों में तब्दील किया गया है और इन कंपनियों को देश को बहाल करने के समारोह का भी आयोजन किया गया। विजयादशमी के अवसर पर आयोजित किए गए इस समारोह में बोलते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह नई सात कंपनियाँ देश की आत्मनिर्भरता को गति प्रदान करेगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया। इन कंपनियों के अलावा देश के निजी उद्योग क्षेत्र भी सहयोग करें और अपनी कुशलता और अनुसंधान के माध्यम से देश की रक्षा में योगदान दें, यह आवाहन भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया।

narendra-modi-new-companiesकेंद्रीय मंत्रिमंड़ल ने जून में ‘ऑर्डनन्स फैक्टरी बोर्ड’ की ४१ कंपनियों को ७ नई कंपनियों में तब्दील करने का निर्णय किया था। २०० वर्ष से अधिक समय का इतिहास प्राप्त हुए इन ऑर्डनन्स फैक्टरीज्‌ को अब प्रगत बनाना आवश्‍यक था। इससे संबंधित निर्णय की प्रतिक्षा बीते १५ से २० वर्षों से थी। लेकिन, अब इन नई सात कंपनियों को ‘ऑर्डनन्स फैक्टरीज्‌’ के काम बांटे जाएँगे। रक्षाबलों के लिए बारूद और विस्फोटक तैयार करने का ज़िम्मा इनमें से एक कंपनी संभालेगी। अन्य कंपनियां बख्तरबंद गाड़ियों का निर्माण करेगी। इस बटवारे की वजह से अनुसंधान और खोज़ को गति प्राप्त होगी, इससे रक्षा क्षेत्र को बड़ा लाभ होगा, यह विश्‍वास भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया।

हथियार और रक्षा सामान प्राप्त करने के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहने के बजाय इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प देश ने अपनाया है। अपने बलबूते पर लष्करी शक्ति के रूप में उभरना ही भारत का ध्येय है। इसके लिए उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में ‘डिफेन्स कॉरिडॉर’ का निर्माण किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ इसके लिए पहल कर रही हैं और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र की कंपनियों के माध्यम से देश के रक्षा क्षेत्र के लिए नई सप्लाई चेन तैयार हो रही है, इस ओर भी प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही देश में तैयार करने की संभावना होनेवाले १०० रक्षा उत्पादों की सूचि बनाई गई है और देसी कंपनियों को ही तकरीबन ६५ हज़ार करोड़ के ठेके प्रदान किए गए हैं। इस तरह से सरकार देश में मौजूद कंपनियों पर विश्‍वास व्यक्त कर रही है, यह बयान भी प्रधानमंत्री ने आगे किया।

रक्षा क्षेत्र के सुधारों की वजह से पारदर्शिता, विश्‍वास और नवीनतम तकनीक के आधार पर कारोबार शुरू हुआ है। रक्षा क्षेत्र में काम कर रही कंपनियाँ अब नई संभावना को परखने लगी हैं और इससे खोज़ और अनुसंधान को अधिक बल प्राप्त हो रहा है। सरकार के साथ ही निजी क्षेत्र भी इसके लिए उत्सुकता दिखा रहा है। इसके असर सामने आ रहे हैं। बीते पांच वर्षों में देश की रक्षा क्षेत्र से संबंधित निर्यात में ३२५ प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही इन सात नई कंपनियों की वजह से इस प्रक्रिया को अधिक गति प्राप्त होगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

इन सातों कंपनियों को अपनी कुशलता दिखाने का अवसर प्राप्त होगा और उनकी नई संकल्पना, खोज़ और अनुसंधान की वजह से अपना रक्षाक्षेत्र अधिक ताकतवर बनेगा, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने नई संकल्पनाओं के लिए युवाओं को प्रोत्साहन देने का संदेश भी इस दौरान दिया। इन कंपनियों को कारोबार के लिए आवश्‍यक स्वतंत्रता प्रदान करने का वचन भी प्रधानमंत्री ने दी। साथ ही निजी क्षेत्र, खास तौर पर स्टार्टअप्स इन सात कंपनियों से सहयोग करके देश की सुरक्षा में योगदान प्रदान करें, यह आवाहन प्रधानमंत्री ने किया है।

यह सभी सुधार करते समय कर्मचारियों के हित को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, यह वादा भी प्रधानमंत्री ने किया। इसी दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात स्पष्ट की है कि, जरुरत पड़ने पर इन कंपनियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की तैयारी भी सरकार ने की है।

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