लगभग १३ हज़ार करोड रुपए से अधिक मूल्य के हथियार और रक्षा सामग्री की खरीद को मंजुरी

नई दिल्ली – पाकिस्तान और चीन के साथ की सीमा पर परिस्थिति संवेदनशील बनी है, ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने एक अहम फैसला किया। इसके अनुसार लगभग १३,१६५ करोड़ रुपए की रक्षा सामग्री और हथियारों की खरीद की जानेवाली है। इनमें ‘अ‍ॅडव्हान्स लाईट हेलिकॉप्टर्स’ और रॉकेट्स का समावेश है। कुछ दिन पहले रक्षा मंत्रालय ने अर्जुन टैंक्स के खरीद प्रस्ताव को मंजुरी दी थी।

अ‍ॅडव्हान्स लाईट हेलिकॉप्टर्स (एएलएच) की श्रेणी के लगभग २५ हेलिकॉप्टर्स की खरीद करने के तकरीबन ३,८५० करोड़ रुपयों के खरीद व्यवहार को रक्षा मंत्रालय ने मान्यता दी। वहीं, रॉकेटस् अ‍ॅम्युनेशन के लिए ४,९६२ करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में ये फैसले किए गए। कुछ ही दिन पहले रक्षा मंत्रालय ने, अर्जुन टैंक के संदर्भ में ७,५२३ करोड रुपयों के खरीद व्यवहार को मान्यता दी थी। उससे पहले लगभग २१ हजार करोड़ों रुपयों के ‘सी-२९५’ इस लष्करी यातायात करनेवाले विमानों की खरीद का फ़ैसला हुआ था।

पाकिस्तान और चीन की आक्रामकता बढ़ रही है कोमा ऐसे में भारत के दोनों सीमाओं पर परिस्थिति संवेदनशील बनी है। इन ने पिछले ही महीने में उत्तराखंड के सीमा भाग में घुसपैठ करने की खबर आई थी। लद्दाख की एलएसी पर भारतीय सैनिकों के सामने टीक न सका चीन, आनेवाले समय में इस प्रकार भारत के विरोध में हरकतें करते रहेगा, यह बात इससे सामने आई है।

वहीं, कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम की माँग करके, आतंकवादियों की घुसपैंठ कराने के लिए यह संघर्ष विराम पाकिस्तान के लष्कर ने तोड़ा था। इससे कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर परिस्थिति फिर एक बार संवेदनशील बनी है। पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी, नियंत्रण रेखा पर घुसपैंठ करने के लिए ताक में बैठे होने का दावा किया जाता है।

पाकिस्तान और चीन इन दोनों देशों ने मिलीभगत करके एक ही समय भारत पर लष्करी दबाव बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ शुरू कीं होने के संकेत मिल रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, एक ही समय दोनों मोरचों पर दुश्मनों का सामना करने की कड़ी तैयारी भारतीय रक्षा बलों ने रखी है। इसके लिए रक्षा सामग्री और हथियारों की खरीद की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय आक्रामकता से फैसले कर रहा होकर, इसका बहुत बड़ा फायदा देश के रक्षा बलों को मिलेगा। रक्षा बलों के लिए किया गया यह निवेश देश के लिए बहुत ही लाभदाई साबित हुआ, उससे डोकलाम और गलवान में भारतीय लष्कर को विजय मिली, ऐसा उपलष्करप्रमुख लेफ्टनंट जनरल मोहान्ती ने हाल ही में कहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.