पूरे विश्व में गेहूं के लिए युद्ध भी छिड़ सकता है – रशियन अखबार का दावा

मास्को – विश्व में गेहूं के संकट के लिए पश्चिमी देश रशिया को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन, इस स्थिति के लिए अकेली रशिया ज़िम्मेदार नहीं है या रशिया ने स्वयं पहल करके यह युद्ध शुरू नहीं किया है। बल्कि पश्चिमी देश भी इस स्थिति के लिए उतने ही ज़िम्मेदार हैं और इन देशों ने भी गेहूं का भंड़ारण कर रखा है। इस वजह से रशिया-यूक्रेन युद्ध का जल्द हल नहीं निकला तो पूरे विश्व में गेहूं के लिए युद्ध छिड़ सकता है, यह इशारा रशियन अखबार ने दिया।

गेहूं के लिए युद्धइस साल के शुरू से ही विश्व में गेहूं की कीमतें बढ़ने लगी थीं। रशिया-यूक्रेन युद्ध के बाद इसमें ६० प्रतिशत बढ़ोतरी होने का बयान ‘इज़ोस्टिया’ नामक रशियन अखबार ने किया है। विश्वभर में गेहूं के हो रहे कुल निर्यात में से लगभग १६ प्रतिशत निर्यात सिर्फ रशिया करती है। यूक्रेन से १० प्रतिशत निर्यात होता है। इस वजह से युद्ध के कारण इन दोनों देशों से गेहूं का निर्यात बंद हैं, इस पर रशियन अखबार ने ध्यान आकर्षित किया।

गेहूं के लिए युद्धइस युद्ध के लिए पश्चिमी देशों ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए, रशिया से अपना निवेश हटाया, साथ ही रशिया से व्यापारी सहयोग तोड़ दिया। लेकिन, इसका सीधा असर रशिया से निर्यात हो रहें गेहूं की कीमत पर पडा। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गेहूं की कीमतों में उछाल के बाद कज़ाकस्तान और भारत ने भी अपने देश से हो रहा गेहूं का निर्यात रोक दिया, ऐसा दावा रशियन अखबार ने किया। भारत के निर्णय के साथ ही अमरीका में गेहूं की कीमतें बढ़ने लगीं। यूरोप में एक टन गेहूं की कीमत ४६१ डॉलर्स के विक्रमी स्तर पर पहुँची है, ऐसा इस अखबार का कहना है।

विश्व में उभरे गेहूं के संकट के लिए रशिया ज़िम्मेदार होने का पश्चिमी देशों का आरोप इस अखबार ने ठुकराया। रशिया और यूक्रेन के अलावा अमरीका, कैनाड़ा, फ्रान्स और जर्मनी भी गेहूं के निर्यातक हैं। लेकिन, इन देशों ने भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में गेहूं की कीमतें कम करने के लिए अपना गेहूं निर्यात नहीं किया, इसकी याद रशियन अखबार ने करायी। पश्चिमी देशों ने गेहूं का भंड़ारण करके इसकी कीमतें बढ़ाने का अवसर दिया, ऐसा अप्रत्यक्ष आरोप रशियन अखबार ने लगाया।

ऐसी स्थिति में रशिया-यूक्रेन युद्ध का हल निकालना जरुरी हो गया है। वरना विश्वभर में गेहूं के लिए युद्ध छिड़ जाएगा, ऐसा इशारा इस अखबार ने दिया। साथ ही आनेवाले दिनों में पश्चिमी देश भी गेहूं और अन्य अनाज के बदले में रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध हटा सकते हैं, ऐसा बड़ा दावा इस अखबार ने किया।

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